Aaj Ka Panchang 17 May 2025: आज 17 मई, 2025 को ज्येष्ठ माह का पांचवां दिन है और यह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। आज का दिन 17 घंटे 36 मिनट 55 सेकंड लंबा होगा, जबकि रात का समय 17 घंटे 22 मिनट 33 सेकंड रहेगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का पूर्वार्ध है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 17 मई के पंचांग के पांच अंगों की स्थिति क्या है? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ है और राहु काल का समय क्या है?
पंचांग के अंग आज का पंचांग
तिथि: आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है, जो 17 मई की रात तक रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि शुरू होगी। पंचमी तिथि का स्वामी नागदेव है और यह लक्ष्मीप्रद है। इसे शुभ मुहूर्तों में माना जाता है।
नक्षत्र: आज पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र 05:44 PM तक रहेगा, जो शुभ माना जाता है। इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र आएगा, जो भी शुभ है।
दिन/वार: आज शनिवार है, जो बजरंग बली हनुमान जी और शनिदेव की पूजा का विशेष दिन है।
योग: आज 07:09 AM तक साध्य योग रहेगा, जो शुभ है। इसके बाद शुभ योग की शुरुआत होगी।
करण: आज 05:39 PM तक कौलव करण रहेगा, इसके बाद तैतिल करण शुरू होगा, जो रात तक रहेगा।
सूर्य-चंद्र गोचर सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचांग के अनुसार, सूर्य वृषभ राशि में हैं, जिसका स्वामी शुक्र है।
चंद्रमा धनु राशि में हैं, जिसका स्वामी गुरु बृहस्पति है। चंद्रमा 18 मई की 12:04 AM तक इस राशि में रहेंगे और फिर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
शुभ-अशुभ काल शुभ-अशुभ काल
आज के शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:06 AM से 04:48 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:27 AM से 05:29 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:50 AM से 12:45 PM
विजय मुहूर्त: 02:34 PM से 03:28 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:05 PM से 07:26 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:06 PM से 08:08 PM
अमृत काल: 12:36 PM से 02:19 PM
निशिता मुहूर्त: 11:57 PM से 12:38 AM, मई 18
आज के अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: आज राहु काल 08:53 AM से 10:36 AM तक रहेगा। इस समय कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
यमगण्ड: 02:00 PM से 03:42 PM
गुलिक काल: 05:29 AM से 07:11 AM
दुर्मुहूर्त काल: 05:29 AM से 06:24 AM और 06:24 AM से 07:18 AM
विष घटी/वर्ज्य काल: 02:07 AM, मई 18 से 03:47 AM, मई 18
17 मई 2025 के पर्व और त्योहार 17 मई 2025 के पर्व और त्योहार
आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है और यह दिन शनिवार है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे शनिदेव को समर्पित माना जाता है। शनिदेव अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं, इसलिए उनका पूजन लाभकारी होता है।
इसके अलावा, शनिवार का दिन हनुमान जी की आराधना के लिए भी शुभ है। हनुमान जी की भक्ति से शनि ग्रह के प्रभाव से उत्पन्न कष्टों से मुक्ति मिलती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग
पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के दिनों का महत्व बताता है।
तिथि: चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बताता है।
योग: विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व बताता है।
करण: आधे तिथि का सूचक है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है।
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