नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी (NCERT) ने कक्षा 6 से 12वी कक्षा के छात्रों के लिए भारत के विभाजन पर नया मॉड्यूल तैयार किया है। 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एनसीईआरटी ने ये मॉड्यूल जारी किया है। इस मॉड्यूल में भारत के विभाजन के लिए पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना और तत्कालीन वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन के अलावा कांग्रेस को भी जिम्मेदार बताया गया है। ऐसे में एनसीईआरटी के भारत विभाजन संबंधी मॉड्यूल पर सियासत गर्माने के पूरे आसार हैं।
एनसीईआरटी ने कहा है कि भारत के विभाजन पर इस मॉड्यूल को प्रोजेक्ट, पोस्टरों, रोल प्ले, निबंध, समूह चर्चा वगैरा के जरिए बच्चों को पढ़ाया जाएगा। एनसीईआरटी ने इस मॉड्यूल को इतिहास की पाठ्य पुस्तक में शामिल नहीं किया है। एनसीईआरटी के अनुसार भारत के विभाजन पर तैयार इस मॉड्यूल से छात्रों को इतिहास की सच्चाई पता चलेगी। एनसीईआरटी ने इस मॉड्यूल को ‘विभाजन के अपराधी’ शीर्षक दिया है। एनसीईआरटी के नए मॉड्यूल में भारत के विभाजन के बारे में बताया गया है कि मोहम्मद अली जिन्ना ने बंटवारे की मांग की। इसे कांग्रेस ने मंजूर कर लिया। जिसके बाद लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के विभाजन को अंतिम रूप दिया। इस मॉड्यूल में ये भी बताया गया है कि भारत के विभाजन के कारण उस समय क्या असर पड़े थे और अब भी क्या असर पड़ रहे हैं।
एनसीईआरटी ने भारत के विभाजन पर तैयार मॉड्यूल में बताया है कि देश के बंटवारे के वक्त हिंसा में 6 लाख लोगों की जान गई और 1.5 करोड़ से ज्यादा विस्थापित हुए। मॉड्यूल में बताया गया है कि भारत के विभाजन से देश की एकता खंडित होने के साथ ही पंजाब और पश्चिम बंगाल में अर्थव्यवस्था चौपट हो गई। साथ ही जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता आने से आगे चलकर आतंकवाद फैला। एनसीईआरटी के मॉड्यूल में पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू का भाषण भी दिया गया है। जुलाई 1947 में जवाहरलाल नेहरू ने भाषण में कहा था कि विभाजन खराब है, लेकिन एकता की कीमत चाहे जो भी हो, गृहयुद्ध की कीमत उससे कहीं ज्यादा होगी।
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