नई दिल्ली। लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर आरोप तय करने के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 4 दिसंबर तक फैसला टाल दिया है। बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच लालू परिवार के लिए फिलहाल यह बड़ी राहत है। पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू यादव के खिलाफ सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था। इसके बाद इस केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में ईडी भी शामिल हो गई। इस घोटाले में लालू यादव के अलावा पत्नी और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उनके दोनों बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप, बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत अन्य कई लोगों को आरोपी बनाया गया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट में आज सीबीआई के वकील की तरफ से लालू और उनके परिवार पर आरोप तय करने को लेकर दलीलें पेश की गईं। वहीं लालू परिवार की तरफ से कोर्ट में शामिल हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपने मुवक्किलों को मामले से डिस्चार्ज करने की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष जज ने अपना फैसला 4 दिसंबर तक सुरक्षित रख लिया। अब 4 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर ही केस का फैसला आएगा। इससे पहले लालू यादव ने सुप्रीम कोर्ट से ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी, मगर सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।

आरोप है कि यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में साल 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे तब रेलवे में ग्रुप डी की भर्तियों में नौकरी के बदले उनकी जमीन बेहद सस्ते दाम पर ले ली। जमीनों को एबी एक्सपोर्ट्स और एके इन्फोसिस्टम्स नाम की दो कंपनियों को हस्तांतरित किया गया बाद में यह कंपनी लालू यादव के परिजनों के नाम ट्रांसफर हो गई।
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