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पहलगाम आतंकी हमला: भारत ने बदली युद्ध की दिशा; पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर लड़ाकू विमान तैनात

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पहलगाम आतंकी हमला: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिससे पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ गई है। खासतौर पर भारत ने आतंकियों को सबक सिखाने के लिए कार्रवाई करने की अपनी तत्परता दिखाई है, जिसके चलते पाकिस्तानी वायुसेना की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। पाकिस्तान वायु सेना ने कराची बंदरगाह पर जे-10, जेएफ-17 और एफ-16 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तैनात किए हैं।

तनाव बढ़ने पर पाकिस्तान ने हवाई सुरक्षा के उपाय किए

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले लिए थे। भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द करने और अटारी सीमा चौकी को बंद करने जैसे कदम उठाए हैं, जिससे पाकिस्तान में असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है। इस पर पाकिस्तानी सेना ने भारत को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वह भारत को जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। पाकिस्तान ने साफ तौर पर कहा है कि अगर भारत ने पानी रोकने की कोशिश की तो वह इसे युद्ध की घोषणा मानेगा।

पाकिस्तान वायु सेना ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। कराची बंदरगाह पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यहीं पर पाकिस्तानी वायु सेना और नौसेना के मुख्य अड्डे स्थित हैं। इसी कारण से पाकिस्तान ने कराची बंदरगाह पर अपने सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान तैनात किये हैं। इन लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान की समुद्री और हवाई सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तैनात किया गया है।

शाहबाज शरीफ की प्रतिक्रिया, निष्पक्ष जांच के लिए तैयार

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत के आरोपों पर विश्वास करने से पहले सत्यापन योग्य सबूत और जांच की जरूरत है। शाहबाज शरीफ ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान का कड़ा रुख पेश किया और कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की है।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर भी जोर दिया और कहा कि कश्मीर पाकिस्तान के अस्तित्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कायदे-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना का हवाला देते हुए उन्होंने कश्मीर को “पाकिस्तान की गले की नस” कहा। शाहबाज शरीफ ने स्वीकार किया कि उनका देश आतंकवाद का शिकार रहा है और 90,000 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने कहा कि उसे 600 अरब डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है।

आतंकवाद विरोधी भूमिका में पाकिस्तान का महत्व

पाकिस्तान का नेतृत्व भारत के विरुद्ध अपनी दृढ़ता का प्रदर्शन कर रहा है, तथा वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में गलतियाँ करने से नहीं कतराता। दूसरी ओर, भारत के बढ़ते दबाव के कारण पाकिस्तान में बड़े सुरक्षा परिप्रेक्ष्य से बदलाव किए जा रहे हैं। कराची बंदरगाह पर लड़ाकू विमान तैनात करके पाकिस्तान ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह भारत की किसी भी सैन्य कार्रवाई का दृढ़ता से जवाब देगा।

संभावित भावी संघर्ष

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इस समय अपने चरम पर है और दोनों देश एक-दूसरे की कार्रवाई का कड़ा जवाब देने की स्थिति में हैं। पाकिस्तान ने अपनी सैन्य क्षमताओं का उपयोग करके भारत से संभावित हमलों के खिलाफ अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है। कश्मीर पर दोनों देशों की नीतियों और पाकिस्तान के आतंकवाद-रोधी रुख के बीच आगे भी असहमति होने की संभावना है। सीमावर्ती क्षेत्र कराची में पाकिस्तान की हवाई रक्षा और भारी सैन्य कार्रवाई को देखते हुए, आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में संघर्ष के संकेत देखे जा सकते हैं।

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