आज से, यानी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से बांके बिहारी मंदिर में भक्तों को दो बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। पहला बदलाव यह है कि अब से लेकर हरियाली तीज तक ठाकुर जी के दर्शन फूल बंगले में होंगे। इस विशेष बंगले को सजाने के लिए लगभग 500 किलो फूलों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, गर्मी के मौसम में बांके बिहारी मंदिर के दर्शन का समय भी बदल चुका है।
कामदा एकादशी से शुरू होता है फूल बंगला
8 अप्रैल से बांके बिहारी मंदिर में सुबह और शाम के समय फूल बंगला सजाया जाएगा। यह प्रक्रिया चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि, यानी कामदा एकादशी से शुरू होती है। इस दिन से ठाकुर जी मंदिर के गर्भ गृह से बाहर निकलकर जगमोहन में विराजते हैं और यहीं से भक्तों को दर्शन देते हैं। फूल बंगला की यह परंपरा हरियाली तीज तक जारी रहेगी। 2025 में फूल बंगला और जगमोहन में दर्शन का सिलसिला 8 अप्रैल से शुरू होकर 24 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों की महक के बीच ठाकुर जी भक्तों को दर्शन देंगे।
500 किलो फूलों से बनता है बांके बिहारी का फूल बंगला
गर्मी के मौसम में बांके बिहारी जी को शीतलता प्रदान करने के लिए फूल बंगला सजाने की परंपरा है। इस परंपरा की शुरुआत स्वामी हरिदास जी ने की थी। बांके बिहारी मंदिर में एक समय का फूल बंगला सजाने के लिए करीब 500 किलो फूलों का उपयोग किया जाता है, जिसमें देसी और विदेशी फूलों का मिश्रण होता है। अनुमान के अनुसार, सुबह और शाम में सजाए जाने वाले फूल बंगलों में कुल 1000 किलो से भी अधिक फूलों का इस्तेमाल होता है। एक बार फूल बंगला सजाने की लागत करीब 5 लाख रुपये आती है। इस सेवा के लिए मंदिर में लगभग दो साल का इंतजार करना पड़ता है।
बांके बिहारी मंदिर का गर्मियों में समय
ऋतु के अनुसार ठाकुर जी की सेवा और मंदिर दर्शन का समय बदलता है। अब से, गर्मी के मौसम में बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन का समय सुबह 07:45 बजे से लेकर 12:00 बजे तक और फिर शाम 05:30 बजे से रात 9:00 बजे तक होगा।
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