भारतीय सिनेमा जगत में कई ऐसे कलाकार हुए हैं, जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी सहायक भूमिकाएँ निभाते हुए गुज़ार दीं, लेकिन कभी लीड रोल हासिल नहीं कर पाए. इन्हीं में से एक हैं मोहन राम (Mohan Ram), जो अपने अभिनय के लिए जाने जाते हैं लेकिन उन्हें मुख्य किरदार में बहुत कम देखा गया. हालांकि, उनके बेटे, अश्विन एम राजू (Ashwin M Raju) ने अपने पिता की सादगी को सफलता की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है, जब उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में ही प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली और एक IAS अधिकारी बन गए.
मोहन राम ने थलापति (Thalapathi) और अंजी (Anji) जैसी फिल्मों में दिग्गज सुपरस्टार रजनीकांत के साथ स्क्रीन साझा की है. इन फिल्मों में भले ही उन्हें लीड रोल न मिला हो, लेकिन उनके अभिनय ने दर्शकों और आलोचकों का ध्यान खींचा था. वहीं उनके बेटे अश्विन ने प्रतिष्ठित सेंट जेवियर स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की और बाद में कोयंबटूर के पी.एस.जी. कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने दो साल तक एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (MNC) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम भी किया.
हालांकि, अश्विन का सपना सिविल सेवा में जाना था. इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गए. अपने पहले प्रयास में वह असफल रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. पूरी लगन और कड़ी मेहनत के साथ, अश्विन ने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा 173वीं रैंक के साथ क्रैक कर ली. मोहन राम ने अपने बेटे की इस सफलता को सार्वजनिक नहीं किया था, बल्कि यह जानकारी बाद में लोगों के सामने आई. मोहन राम खुद एक पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं, जिन्होंने बैंगलोर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. यह कहानी दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और परिवार का समर्थन किसी भी व्यक्ति को उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने में कैसे मदद कर सकता है.
You may also like
IPL 2025: फाइनल में RCB ने PBKS के खिलाफ 6 रनों से जीत दर्ज की, जानें क्या रहा मैच का टर्निंग पाॅइंट?
IPL में सफल कप्तानी करने के बाद गिल की जगह श्रेयस अय्यर को कैप्टन बनाने की मांग को सुनील गावस्कर ने बताया गलत...
18 साल का सपना हुआ पूरा, जीत के बाद भावुक हुए कोहली; अनुष्का, एबी और गेल को लगाया गले; VIDEO
सचिन, युवी समेत दिग्गजों ने आरसीबी को दी बधाई, विजय माल्या ने कहा- 'ई साला कप नामदे'
राजस्थान: पुलिस के बचने के लिए नाम हुलिये के साथ धर्म भी बदला, बालचंद से गफ्फार बना शख्स 35 साल बाद अरेस्ट