मुंबई – सोलापुर के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. शिरीष वलसांगकर की आत्महत्या को भले ही 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी भी मामले को लेकर उलझन में है। डॉ. वाल्सांगकर ने आत्महत्या क्यों की, इसका अभी तक कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। इस बीच, डॉ. वालसंगकर की बहू डॉ. सोनाली और उनके पिता डॉ. दिलीप जोशी पिछले दो दिनों से लापता हैं, जिससे तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
पिता-पुत्री के अमेरिका भाग जाने की चर्चा खूब हो रही है। यह वाल्सांगकर अस्पताल में चल रहा है। चर्चा चल रही है कि डॉ. सोनाली के भाई अमेरिका में रहते हैं इसलिए दोनों वहां गए थे। जबकि दूसरी ओर डॉ. सोनाली के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि वह सोलापुर छोड़कर मुंबई में बसने वाली हैं। वहीं चर्चा यह भी है कि डॉ. सोनाली 30 मई के बाद अस्पताल लौटेंगी और सिर्फ ओपीडी संभालेंगी।
इस बीच, डॉ. वाल्सांगकर के अस्पताल का प्रबंधन उनकी पत्नी डॉ. उमा ने अपने हाथ में ले लिया है। 18 अप्रैल को डॉ. वाल्सांगकर ने अपने सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जब इस मामले की जांच चल रही थी, तब पुलिस ने सबसे पहले मनीषा माने नामक एक महिला को गिरफ्तार किया, जो 2008 से इस अस्पताल में काम कर रही थी। मनीषा माने द्वारा भेजे गए एक ई-मेल के कारण डॉ। वाल्सांगकर निराशा में डूब गए और कहा जाता है कि उन्होंने आत्महत्या कर ली। मनीषा फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में है। मनीषा के बाद सबसे ज्यादा संदिग्ध व्यक्ति डॉ. की पुत्रवधू सोनाली बताई जा रही है, हालांकि मुख्य संदिग्धों में से एक डॉ. सोनाली के अचानक गायब हो जाने के बाद तरह-तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।
आत्महत्या से पहले डॉ. वालसांगकर ने एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने मनीषा माने को संबोधित करते हुए लिखा था कि जिस व्यक्ति को मैंने पढ़ाया, समझाया, आज एओ (प्रशासनिक अधिकारी) बना दिया और जिसे मैं अच्छी तनख्वाह दे रहा हूं, उसने मुझ पर झूठे और गंदे आरोप लगाकर धमकी दी, जिससे मैं बेहद दुखी हूं और इसलिए मैं अपना जीवन समाप्त कर रहा हूं। डॉ. वाल्सांगकर के इस सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने मनीषा माने को गिरफ्तार कर लिया।
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