पुरी (ओडिशा) – ओडिशा के श्री जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी अनेक चमत्कारी कथाएं और परंपराएं सदियों से लोगों की आस्था का केंद्र रही हैं। रोज़ाना बदला जाने वाला मंदिर का ध्वज हो या रथ यात्रा के अद्भुत दृश्य – सोशल मीडिया पर इससे जुड़े दृश्य बार-बार वायरल होते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में एक रहस्यमय और भयावह भविष्यवाणी भी चर्चा में है, जो दावा करती है कि आने वाले समय में समुद्र की प्रलय से जगन्नाथ मंदिर जलमग्न हो जाएगा।
कौन कर रहा है ये दावा?यह दावा किया जा रहा है भविष्य मालिका नामक ग्रंथ के आधार पर, जिसे ओडिशा के प्रसिद्ध संत अच्युतानंद दास से जोड़ा जाता है। हालांकि इतिहासकार और विद्वानों के अनुसार, अच्युतानंद महाराज ने इस नाम से कोई “पुराण” नहीं लिखा। उन्होंने जरूर “मालिका” नाम से कई ग्रंथों की रचना की थी, जिनमें भविष्य को लेकर सांकेतिक वाणी दी गई है।
क्या हैं भविष्य मालिका की प्रमुख भविष्यवाणियां?शनि के मीन राशि में आने पर देश में संकट
ऐसा कहा गया है कि जब शनि मीन राशि में प्रवेश करेगा, तब भारत का समय बुरी तरह प्रभावित होगा। लगभग ढाई साल तक अराजकता बनी रहेगी।
जगन्नाथ मंदिर के डूबने की आशंका
मालिका में एक भविष्यवाणी है कि जब ‘गगन’ नामक व्यक्ति मंदिर की गादी पर होगा, तब मंदिर समुद्र में डूब जाएगा और संपूर्ण ओडिशा में जल प्रलय आएगा।
एक अविवाहित संत संभालेंगे देश की बागडोर
एक और भविष्यवाणी में कहा गया है कि भारत की कमान एक ऐसे संत के हाथों में होगी, जो अविवाहित होगा और धर्म से जुड़ा होगा।
भारत पर युद्ध और ओडिशा की रक्षा
इस ग्रंथ में एक भविष्य चित्रित किया गया है जिसमें भारत पर आक्रमण होगा, लेकिन ओडिशा पर गिराए गए बम निष्क्रिय हो जाएंगे और अंत में भारत की जीत होगी।
रशिया से भक्तों का आगमन
भविष्य मालिका की एक और रोचक भविष्यवाणी है कि रूस से हजारों श्रद्धालु जगन्नाथ मंदिर आएंगे और सोने का अर्पण करेंगे।
हालांकि इन भविष्यवाणियों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है और यह पूरी तरह जनश्रुति (लोक-कथा) पर आधारित हैं, लेकिन ओडिशा और जगन्नाथ संस्कृति से जुड़े लोगों के लिए ये बातें बेहद महत्वपूर्ण और आस्था से जुड़ी हुई हैं।
वर्तमान स्थिति क्या है?वर्तमान समय में दिव्यसिंह गजपति ओडिशा की परंपरागत गादी पर विराजमान हैं और ‘गगन’ नामक सेवक मंदिर की आंतरिक गादी पर प्रतिष्ठित हैं – जिससे ये भविष्यवाणियां कुछ लोगों के लिए और अधिक रहस्यमय और चर्चित बन जाती हैं।
जनश्रुति के अनुसार, वर्ष 2024 से 2033 तक का कालखंड विश्व में बड़े बदलावों का युग माना जा रहा है।
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