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अमेरिका-चीन शुल्क कटौती का भारतीय निर्यात पर मिश्रित प्रभाव: संभावनाएं एवं संकट

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मुंबई: निर्यातकों का मानना है कि अमेरिका और चीन द्वारा पारस्परिक टैरिफ में 90 दिन की कटौती से भारत के लिए अवसर और चुनौतियां दोनों उत्पन्न होने की संभावना है।

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के सूत्रों ने कहा कि हालांकि इस तरह के घटनाक्रम वैश्विक व्यापार की स्थिरता के लिए सकारात्मक हैं, लेकिन ये भारत के लिए चुनौतियां और अवसर दोनों ला सकते हैं।

टैरिफ में कमी से इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और रसायन जैसे उच्च मूल्य वाले सामानों में अमेरिका और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ने की संभावना है।

इससे दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे देशों में भारतीय निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जहां हाल ही में भारतीय निर्यातकों को अवसर प्राप्त हुए हैं। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव ने भारत के लिए प्रतिस्पर्धी कीमतों पर माल निर्यात करने का अवसर पैदा किया।

हालांकि, सूत्रों ने आगे कहा कि भारत के पास उन क्षेत्रों में निर्यात को मजबूत करने का अवसर है जो अमेरिका-चीन व्यापार तनाव से अपेक्षाकृत अप्रभावित रह सकते हैं, जैसे फार्मा, आभूषण, इंजीनियरिंग सामान और आईटी।

एक अन्य निर्यातक ने कहा कि भारत को चीन से होने वाले निर्यात पर नजर रखनी होगी। चीन और अमेरिका दोनों भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं।

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