हिंदू कैलेंडर के अनुसार, नारद जयंती हर साल वैशाख महीने में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन नारद मुनि का जन्म हुआ था। नारद को ब्रह्मा का पुत्र माना जाता है और वे देवताओं और राक्षसों के बीच दिव्य दूत के रूप में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं। देखा जाए तो नारदजी को तीनों लोकों का दूत कहा जा सकता है। केवल नारदजी ही तीनों लोगों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते थे। नारद मुनि को विश्व का प्रथम पत्रकार माना जाता है। जानें कब है नारद जयंती, इसका महत्व और शुभ मुहूर्त
नारद जयंती कब है?नारद जयंती मंगलवार, 13 मई को मनाई जाएगी। प्रतिपदा तिथि सोमवार, 12 मई को रात्रि 10.25 बजे प्रारम्भ होगी तथा बुधवार, 14 मई को प्रातः 12.35 बजे समाप्त होगी।
नारद जयंती शुभ मुहूर्तब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:04 से 04:46 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:46 से दोपहर 12:40 तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:29 बजे से दोपहर 03:23 बजे तक
गोधूलि समय: शाम 06.58 से 07.19 तक
निशिता मुहूर्त: 13 मई को रात 11.52 बजे से 14 मई को दोपहर 12.34 बजे तक
अमृत काल: 14 मई दोपहर 12.24 बजे से 02.01 बजे तक
नारद मुनि कौन हैं?
ऋषि नारद का हिंदू परंपरा में एक अद्वितीय स्थान है, वे देवताओं के ऋषि हैं और देवताओं और राक्षसों के बीच सेतु भी हैं। वह कोई हथियार नहीं रखता है। नारदजी को पारंपरिक वाद्य यंत्र वीणा पकड़े हुए देखा गया है। वे देवताओं और दानवों के बीच दूत का काम करते हैं और दानव भी उनका सम्मान करते हैं। एक दिव्य संचारक के रूप में, वह तीनों लोकों में यात्रा करते हैं। नारदजी आकाश मार्ग से भ्रमण करते हैं और कहीं भी दो घंटे से अधिक नहीं रुकते। ऋषि नारद को खगोल विज्ञान, भूगोल, विज्ञान, श्रुति-स्मृति, इतिहास, पुराण, व्याकरण, वेद, संगीत, ज्योतिष और योग सहित कई विज्ञानों का विद्वान माना जाता है।
नारद जयंती पर क्या करें?इस दिन दान देना विशेष पुण्यदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नारद जयंती पर जरूरतमंदों को दान देने से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है, जबकि ब्राह्मणों को भोजन कराने से आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
नारद जयंती का महत्व
यदि आप नारद जयंती के दिन दान करते हैं तो आपको इससे विशेष लाभ मिलेगा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ होता है। साथ ही इस दिन जरूरतमंदों को दान भी करना चाहिए, इससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
You may also like
चीन प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में एआई शिक्षा पर देगा ध्यान
कोई भी देश युद्ध नहीं चाहता, इससे सिर्फ तबाही ही मिलती है : मंत्री हरपाल सिंह चीमा
चीन में वाहनों का उत्पादन और बिक्री अधिक
विराट के टेस्ट संन्यास पर भावुक हुए नकुल मेहता, बोले – 'दीवानों के लिए अब पहले सा नहीं होगा क्रिकेट'
चीन को चूरन समझ जो ट्रंप कल तक तरेर रहे थे आंखें, कैसे हो गए इतने लाचार? अंदर की कहानी समझिए