मदार के पौधे के दो प्रकार होते हैं - एक जिसमें बैंगनी फूल होते हैं और दूसरा जिसमें सफेद फूल होते हैं। सफेद फूलों वाले पौधे का आयुर्वेद में विशेष उपयोग किया जाता है।
धार्मिक महत्व
माना जाता है कि सफेद आक की जड़ को बुधवार या सोमवार के दिन पूजा करके चांदी की ताबीज में धारण करने से बुध ग्रह की पीड़ा दूर होती है और व्यक्ति की बुद्धि तेज हो जाती है। इसके अलावा, 113 साल पुराने आक के पौधे की जड़ें अक्सर गणेश जी के स्वरूप में बदल जाती हैं, जिनकी पूजा करने से सुख-समृद्धि मिलती है।
औषधीय गुण
अगर आपके घर में किसी बुजुर्ग को जोड़ों में दर्द की समस्या है, तो मदार के पत्तों का प्रयोग करें। इसके लिए ताजे पत्तों को हल्की आंच पर गर्म करके दर्द वाले स्थान पर बांधें। इससे दर्द में तुरंत राहत मिलती है। आप पत्तों पर सरसों का तेल लगाकर भी इसे गर्म करके उपयोग कर सकते हैं।
मदार के दूध में एंटी-फंगल गुण होते हैं। इसे हल्दी के साथ मिलाकर दाद, खाज, खुजली, फंगल इन्फेक्शन और एग्जिमा जैसी समस्याओं पर लगाने से लाभ मिलता है।
अगर किसी को बवासीर की समस्या है, तो मदार के दूध में हल्दी मिलाकर बवासीर के मस्सों पर लगाएं। नियमित उपयोग से 7-10 दिनों में छोटे मस्से ठीक हो जाते हैं, जबकि बड़े मस्सों के लिए एक महीने तक यह उपचार करना पड़ता है। यह ऑपरेशन से बेहतर और सुरक्षित उपाय माना जाता है।
दांत दर्द की समस्या में मदार के दूध को मसूड़ों पर लगाने से तुरंत राहत मिलती है। यह पुराने समय से गांवों में इस्तेमाल किया जाने वाला कारगर घरेलू नुस्खा है।
आयुर्वेद में बांझपन की समस्या को दूर करने के लिए भी आक के पत्तों का उपयोग किया जाता है। हालाँकि, इसका उपयोग किसी अनुभवी वैद्य की सलाह से ही करना चाहिए।
सावधानी
मदार के पौधे के दूध में जहरीले तत्व होते हैं, इसलिए इसका इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतना जरूरी है। गर्भवती महिलाओं को इस पौधे से दूर रहना चाहिए क्योंकि इसका दूध गर्भपात कर सकता है।
निष्कर्ष
मदार का पौधा अपनी धार्मिक और औषधीय खूबियों के लिए विशेष महत्व रखता है। यदि इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह कई गंभीर बीमारियों का इलाज करने में सहायक हो सकता है।
ध्यान दें: इस पौधे का प्रयोग किसी विशेषज्ञ की सलाह से ही करें, ताकि कोई हानि न हो।
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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