माले: ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों हुई बेइज्जती के बाद से पाकिस्तान बदला लेने के लिए तिलमिला रहा है, लेकिन वह सीधा भिड़ने से भी घबरा रहा है। यही वजह है कि पाकिस्तान अब भारत की घेरेबंदी करने में लग गया है। शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद उसे जहां बांग्लादेश में मौका मिल गया है, वहीं वह भारत के एक और पड़ोसी देश मालदीव में अपनी पैठ बनाने में जुट गया है। इसी सिलसिले में पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने इसी सप्ताह मालदीव की यात्रा की। जनरल मिर्जा को पाकिस्तान में असीम मुनीर के बाद दूसरे नंबर का शीर्ष सैन्य अधिकारी माना जाता है।
पाकिस्तान और मालदीव में सैन्य सहयोग
पाकिस्तानी सेना की तरफ से शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान और मालदीव में सैन्य संबंधों को और बढ़ाने पर चर्चा हुई। जनरल मिर्जा ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, रक्षा मंत्री मोहम्मद गासन मौमून और देश के सेना प्रमुख मेजर जनरल इब्राहिम हिल्मी से मुलाकात की।
यह बैठक गुरुवार को राष्ट्रपति कार्यालय में हुई। जनरल मिर्जा बुधवार को मालदीव के दौरे पर पहुंचे थे। मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा हूई। इस दौरान दोनों ने निरंतर सहयोग के महत्व पर जोर दिया और दोनों देशों के बीच साझेदारी को और बढ़ाने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
भारत की घेरेबंदी की योजना
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान के अनुसार, मुइज्जू और मिर्जा के बीच चर्चा दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित रही। जनरल मिर्जा के दौरे को भारत की घेरेबंदी के तौर पर देखा जा रहा है। मालदीव भारत का अकेला पड़ोसी नहीं है, जहां जनरल मिर्जा पहुंचे हैं। एक दिन बाद शुक्रवार की रात वे वे 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत के एक दूसरे पड़ोसी बांग्लादेश की राजधानी ढाका के दौरे पहुंचे हैं, जो पाकिस्तान के नापाक इरादों का संकेत देता है।
बांग्लादेश दौरे पर जनरल मिर्जा के भारत के चिकन नेक कहे जाने वाले सिलीगुड़ी कॉरिडोर समेत सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करने की योजना है। शनिवार को जनरल मिर्जा ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलीलुर रहमान से मुलाकात की।
पाकिस्तान और मालदीव में सैन्य सहयोग
पाकिस्तानी सेना की तरफ से शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान और मालदीव में सैन्य संबंधों को और बढ़ाने पर चर्चा हुई। जनरल मिर्जा ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, रक्षा मंत्री मोहम्मद गासन मौमून और देश के सेना प्रमुख मेजर जनरल इब्राहिम हिल्मी से मुलाकात की।
यह बैठक गुरुवार को राष्ट्रपति कार्यालय में हुई। जनरल मिर्जा बुधवार को मालदीव के दौरे पर पहुंचे थे। मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा हूई। इस दौरान दोनों ने निरंतर सहयोग के महत्व पर जोर दिया और दोनों देशों के बीच साझेदारी को और बढ़ाने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
भारत की घेरेबंदी की योजना
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान के अनुसार, मुइज्जू और मिर्जा के बीच चर्चा दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित रही। जनरल मिर्जा के दौरे को भारत की घेरेबंदी के तौर पर देखा जा रहा है। मालदीव भारत का अकेला पड़ोसी नहीं है, जहां जनरल मिर्जा पहुंचे हैं। एक दिन बाद शुक्रवार की रात वे वे 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत के एक दूसरे पड़ोसी बांग्लादेश की राजधानी ढाका के दौरे पहुंचे हैं, जो पाकिस्तान के नापाक इरादों का संकेत देता है।
बांग्लादेश दौरे पर जनरल मिर्जा के भारत के चिकन नेक कहे जाने वाले सिलीगुड़ी कॉरिडोर समेत सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करने की योजना है। शनिवार को जनरल मिर्जा ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलीलुर रहमान से मुलाकात की।
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