अंकारा: तुर्की और ब्रिटेन के बीच लड़ाकू विमानों का बड़ा सौदा हुआ है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के कार्यालय ने बताया है कि तुर्की और ब्रिटेन में 8 अरब पाउंड (10.7 अरब डॉलर) की डील हुई है। इस डील में तुर्की को ब्रिटेन से 20 यूरोफाइटर टाइफून जेट मिलेंगे। स्टार्मर ने सोमवार को अंकारा में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन से मुलाकात करते हुए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। तुर्की को ये ताकतवर जेट मिलने से क्षेत्र में भारत के करीबी समझे जाने वाले इजरायल, ग्रीस और साइप्रस की चिंता जरूर बढ़ जाएगी। इन देशों से तुर्की के संबंध मधुर नहीं रहे हैं।
तुर्की के साथ 20 टाइफून लड़ाकू विमानों की डील को कीर स्टार्मर ने ब्रिटिश श्रमिकों, देश के रक्षा उद्योग और नाटो सुरक्षा की जीत बताया। ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि यह दो दशकों में लड़ाकू विमानों के निर्यात का सबसे बड़ा सौदा है। इससे आने वाले वर्षों में ब्रिटेन में हजारों नौकरियों का सृजन करेगा। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस समझौते को ब्रिटेन के साथ रणनीतिक संबंधों का एक नया प्रतीक बताया है।
ब्रिटिश पीएम ने जताई खुशीतुर्की-ब्रिटेन का यह सौदा लंबे समय से चल रही बातचीत का परिणाम है। इसमें ब्रिटेन और तुर्की ने जुलाई में 40 टाइफून के लिए एक प्रारंभिक खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पहले जेट विमानों की आपूर्ति 2030 में होने की उम्मीद है। इससे ब्रिटेन सरकार खुश नजर आ रही है क्योंकि यह 2017 के बाद से यूके टाइफून का पहला नया ऑर्डर है।
तुर्की की राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कीर ने कहा, '20 टाइफून लड़ाकू विमानों की डील हमारे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करेगी। उन्होने कहा, 'ब्रिटेन और तुर्की के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। मुझे गर्व है कि ब्रिटिश टाइफून आने वाले कई वर्षों तक तुर्की वायुसेना का महत्वपूर्ण हिस्सा रहेंगे। यह सभी की भलाई के लिए नाटो के दक्षिण-पूर्वी हिस्से की रक्षा करेंगे।
जेट का 37 फीसदी काम ब्रिटेन में यूरोफाइटर जेट विमानों का उत्पादन ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और स्पेन संयुक्त रूप से करते हैं। ऐसे में यह सौदा कंसोर्टियम के अन्य सदस्यों की मंजूरी के अधीन था। यानी ब्रिटेन को इस डील के लिए इटली, जर्मनी और स्पेन की ओर से भी मंजूरी लेनी पड़ी है। यूरो फाइटर जेट का करीब 37% उत्पादन ब्रिटेन में होता है। इसमें लंकाशायर के वार्टन और सैमलेसबरी स्थित बीएई सिस्टम्स संयंत्रों में अंतिम असेंबली भी शामिल है।
तुर्की के साथ 20 टाइफून लड़ाकू विमानों की डील को कीर स्टार्मर ने ब्रिटिश श्रमिकों, देश के रक्षा उद्योग और नाटो सुरक्षा की जीत बताया। ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि यह दो दशकों में लड़ाकू विमानों के निर्यात का सबसे बड़ा सौदा है। इससे आने वाले वर्षों में ब्रिटेन में हजारों नौकरियों का सृजन करेगा। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस समझौते को ब्रिटेन के साथ रणनीतिक संबंधों का एक नया प्रतीक बताया है।
ब्रिटिश पीएम ने जताई खुशीतुर्की-ब्रिटेन का यह सौदा लंबे समय से चल रही बातचीत का परिणाम है। इसमें ब्रिटेन और तुर्की ने जुलाई में 40 टाइफून के लिए एक प्रारंभिक खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पहले जेट विमानों की आपूर्ति 2030 में होने की उम्मीद है। इससे ब्रिटेन सरकार खुश नजर आ रही है क्योंकि यह 2017 के बाद से यूके टाइफून का पहला नया ऑर्डर है।
तुर्की की राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कीर ने कहा, '20 टाइफून लड़ाकू विमानों की डील हमारे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करेगी। उन्होने कहा, 'ब्रिटेन और तुर्की के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। मुझे गर्व है कि ब्रिटिश टाइफून आने वाले कई वर्षों तक तुर्की वायुसेना का महत्वपूर्ण हिस्सा रहेंगे। यह सभी की भलाई के लिए नाटो के दक्षिण-पूर्वी हिस्से की रक्षा करेंगे।
जेट का 37 फीसदी काम ब्रिटेन में यूरोफाइटर जेट विमानों का उत्पादन ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और स्पेन संयुक्त रूप से करते हैं। ऐसे में यह सौदा कंसोर्टियम के अन्य सदस्यों की मंजूरी के अधीन था। यानी ब्रिटेन को इस डील के लिए इटली, जर्मनी और स्पेन की ओर से भी मंजूरी लेनी पड़ी है। यूरो फाइटर जेट का करीब 37% उत्पादन ब्रिटेन में होता है। इसमें लंकाशायर के वार्टन और सैमलेसबरी स्थित बीएई सिस्टम्स संयंत्रों में अंतिम असेंबली भी शामिल है।
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