न्यूयॉर्क: अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक प्रमुख सड़क का नाम बदलकर गुरु तेग बहादुर के नाम पर रखा गया है। जो सिख समुदाय के साथ साथ भारत के लिए भी गौरव की बात है। सड़क का नाम गुरु तेग बहादुर के नाम पर रखकर सिख धर्म के नौवें गुरु के बलिदान, करुणा और मानवाधिकारों के प्रति अडिग समर्थन को सम्मानित किया गया है। यह कदम अमेरिका और भारत में सिख समुदाय के लिए गौरव का क्षण माना जा रहा है और इसे सिख विरासत को वैश्विक मंच पर मान्यता देने वाला मील का पत्थर बताया जा रहा है।
न्यूयॉर्क की 114वीं स्ट्रीट और 101वीं एवेन्यू के चौराहे, जो रिचमंड हिल, क्विंस में ऐतिहासिक गुरुद्वारा माखन शाह लुबाना के पास स्थित है, उसे अब गुरु तेग बहादुर के नाम पर जाना जाएगा। न्यूयॉर्क सिटी काउंसिल ने इस साल की शुरुआत में यह प्रस्ताव मंजूर किया था और यह नाम परिवर्तन समारोह दिवाली की पूर्व संध्या पर आयोजित किया गया था।
न्यूयॉर्क में गुरु तेग बहादुर के नाम पर सड़क का नाम
न्यूयॉर्क में इस मौके पर आयोजित समारोह में स्थानीय सिख नेताओं के साथ साथ कई अन्य समुदाय के सदस्यों ने हिस्सा लिया था। इस दौरान प्रार्थनाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। इस अवसर ने रिचमंड हिल में सिख समुदाय की जीवंत उपस्थिति को उजागर किया, जिसे अक्सर "लिटिल पंजाब" कहा जाता है। यह क्षेत्र न्यूयॉर्क सिटी की बहुसांस्कृतिक पहचान को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। काउंसिल सदस्य लिन शुलमैन, जिन्होंने यह प्रस्ताव रखा था, उन्होंने कहा कि यह कदम गुरु तेग बहादुर के सहिष्णुता, निस्वार्थ सेवा और न्याय के प्रति अडिग संदेश को सम्मानित करता है।
केंद्रीय मंत्री हर्दीप सिंह पुरी ने इस विकास को सिख समुदाय के लिए एक "गौरवपूर्ण क्षण" बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान रिचमंड हिल में सिख समुदाय के योगदान और न्यूयॉर्क सिटी की सांस्कृतिक विविधता में सिख विरासत के महत्व को रेखांकित करता है। पुरी ने यह भी जोड़ा कि गुरु तेग बहादुर का बलिदान और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा का संदेश आज भी सार्वभौमिक महत्व रखता है। इस दौरान पूरे न्यूयॉर्क सिटी में मंदिरों, गुरुद्वारों और समुदायिक संगठनों की तरफ से विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया था।
कौन थे गुरु तेग बहादुर?
आपको बता दें कि गुरु तेग बहादुर सिख धर्म के नौवें गुरु थे और उन्हें धर्म की रक्षा और मानव अधिकारों के प्रति अडिग समर्पण के लिए जाना जाता है। वे 1 अप्रैल 1621 को अमृतसर के पास एक सिख परिवार में पैदा हुए थे और गुरु नानक देव जी और उनके उत्तराधिकारी गुरुओं की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख धार्मिक नेता बने। गुरु तेग बहादुर ने धार्मिक स्वतंत्रता और न्याय के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। 17वीं सदी में, जब मुगल सम्राट औरंगजेब हिंदू और सिख समुदायों पर धर्मांतरण करवा रहा था, उस दौरान वो इंसाफ के लिए उठ खड़े हुए। गुरु तेग बहादुर ने न सिर्फ सिखों बल्कि हिंदुओं की धार्मिक आजादी की रक्षा के लिए औरंगजेब के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जिसके बाद क्रूर औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर को 1675 में दिल्ली में फांसी पर चढ़ा दिया था।
न्यूयॉर्क की 114वीं स्ट्रीट और 101वीं एवेन्यू के चौराहे, जो रिचमंड हिल, क्विंस में ऐतिहासिक गुरुद्वारा माखन शाह लुबाना के पास स्थित है, उसे अब गुरु तेग बहादुर के नाम पर जाना जाएगा। न्यूयॉर्क सिटी काउंसिल ने इस साल की शुरुआत में यह प्रस्ताव मंजूर किया था और यह नाम परिवर्तन समारोह दिवाली की पूर्व संध्या पर आयोजित किया गया था।
In a proud moment for the Sikh Sangat, a street in New York is now named after the epitome of religious freedom & protector of human rights, the 9th Sikh Guru Sahib, Hind Di Chadar, Sri Guru Tegh Bahadur Sahib Ji.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) October 21, 2025
This befitting honour highlights the significance of the Sikh… pic.twitter.com/WLYbIGxhiu
न्यूयॉर्क में गुरु तेग बहादुर के नाम पर सड़क का नाम
न्यूयॉर्क में इस मौके पर आयोजित समारोह में स्थानीय सिख नेताओं के साथ साथ कई अन्य समुदाय के सदस्यों ने हिस्सा लिया था। इस दौरान प्रार्थनाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। इस अवसर ने रिचमंड हिल में सिख समुदाय की जीवंत उपस्थिति को उजागर किया, जिसे अक्सर "लिटिल पंजाब" कहा जाता है। यह क्षेत्र न्यूयॉर्क सिटी की बहुसांस्कृतिक पहचान को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। काउंसिल सदस्य लिन शुलमैन, जिन्होंने यह प्रस्ताव रखा था, उन्होंने कहा कि यह कदम गुरु तेग बहादुर के सहिष्णुता, निस्वार्थ सेवा और न्याय के प्रति अडिग संदेश को सम्मानित करता है।
केंद्रीय मंत्री हर्दीप सिंह पुरी ने इस विकास को सिख समुदाय के लिए एक "गौरवपूर्ण क्षण" बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान रिचमंड हिल में सिख समुदाय के योगदान और न्यूयॉर्क सिटी की सांस्कृतिक विविधता में सिख विरासत के महत्व को रेखांकित करता है। पुरी ने यह भी जोड़ा कि गुरु तेग बहादुर का बलिदान और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा का संदेश आज भी सार्वभौमिक महत्व रखता है। इस दौरान पूरे न्यूयॉर्क सिटी में मंदिरों, गुरुद्वारों और समुदायिक संगठनों की तरफ से विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया था।
कौन थे गुरु तेग बहादुर?
आपको बता दें कि गुरु तेग बहादुर सिख धर्म के नौवें गुरु थे और उन्हें धर्म की रक्षा और मानव अधिकारों के प्रति अडिग समर्पण के लिए जाना जाता है। वे 1 अप्रैल 1621 को अमृतसर के पास एक सिख परिवार में पैदा हुए थे और गुरु नानक देव जी और उनके उत्तराधिकारी गुरुओं की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख धार्मिक नेता बने। गुरु तेग बहादुर ने धार्मिक स्वतंत्रता और न्याय के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। 17वीं सदी में, जब मुगल सम्राट औरंगजेब हिंदू और सिख समुदायों पर धर्मांतरण करवा रहा था, उस दौरान वो इंसाफ के लिए उठ खड़े हुए। गुरु तेग बहादुर ने न सिर्फ सिखों बल्कि हिंदुओं की धार्मिक आजादी की रक्षा के लिए औरंगजेब के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जिसके बाद क्रूर औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर को 1675 में दिल्ली में फांसी पर चढ़ा दिया था।
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