यरुशलम: गाजा में नियंत्रण रखने वाले फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास ने हथियार डालने से इनकार कर दिया है। शनिवार को हमास ने कहा कि वह तब तक अपने हथियार नहीं डालेगा, जब तक एक संप्रभु फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना नहीं हो जाती जिसकी राजधानी यरुशलम हो। हमास ने गाजा में युद्ध खत्म करने के लिए इजरायल की एक प्रमुख शर्त को खारिज कर दिया। हमास का यह बयान अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बयान के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि समूह ने हथियार डालने की 'इच्छा जताई' है।
इजरायल ने युद्धविराम के लिए बताया प्रमुख शर्त
फिलिस्तीनी समूह का बयान इजरायल के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता के नवीनतम दौर के बिना किसी समझौते के विफल होने के बाद आया है। 60 दिनों के युद्धविराम समझौते और बंधकों की रिहाई में मदद के लिए चल रही वार्ता पिछले सप्ताह विफल हो गई थी। इजरायल ने युद्ध समाप्त करने और किसी भी तरह के समझौते के लिए हमास के हथियार डालने को एक प्रमुख शर्त बताया है।
इजरायल और हमास के बीच वार्ता में कतर और मिस्र मध्यस्थता कर रहे हैं। दोनों मध्यस्थों ने हाल ही में फ्रांस और सऊदी अरब के उस घोषणापत्र का समर्थन किया, जिसमें इजरायल और फिलिस्तीन विवाद के हल के लिए दो-राज्य समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने का आह्वान किया गया था। इस घोषणापत्र में प्रस्ताव दिया गया था कि हमास इस प्रक्रिया के तहत फिलिस्तीनी प्राधिकरण को अपने हथियार सौंप दे।
सशस्त्र प्रतिरोध के लिए जताई प्रतिबद्धता
हमास ने सशस्त्र प्रतिरोध के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह हथियार छोड़ने पर तभी विचार करेगा जब फिलिस्तीनियों को पूर्ण राज्य का दर्जा और संप्रभुता हासिल हो जाएगी। साल 2007 से गाजा पर शासन कर रहे हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर भीषण हमला बोल दिया था, जिसके बाद गाजा में युद्ध शुरू हो गया। दो साल से अधिक समय से जारी संघर्ष में हमास को भारी सैन्य क्षति हुई है, फिर भी वह अपनी सशस्त्र शाखा को भंग करने को तैयार नहीं है।
इजरायल ने युद्धविराम के लिए बताया प्रमुख शर्त
फिलिस्तीनी समूह का बयान इजरायल के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता के नवीनतम दौर के बिना किसी समझौते के विफल होने के बाद आया है। 60 दिनों के युद्धविराम समझौते और बंधकों की रिहाई में मदद के लिए चल रही वार्ता पिछले सप्ताह विफल हो गई थी। इजरायल ने युद्ध समाप्त करने और किसी भी तरह के समझौते के लिए हमास के हथियार डालने को एक प्रमुख शर्त बताया है।
इजरायल और हमास के बीच वार्ता में कतर और मिस्र मध्यस्थता कर रहे हैं। दोनों मध्यस्थों ने हाल ही में फ्रांस और सऊदी अरब के उस घोषणापत्र का समर्थन किया, जिसमें इजरायल और फिलिस्तीन विवाद के हल के लिए दो-राज्य समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने का आह्वान किया गया था। इस घोषणापत्र में प्रस्ताव दिया गया था कि हमास इस प्रक्रिया के तहत फिलिस्तीनी प्राधिकरण को अपने हथियार सौंप दे।
सशस्त्र प्रतिरोध के लिए जताई प्रतिबद्धता
हमास ने सशस्त्र प्रतिरोध के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह हथियार छोड़ने पर तभी विचार करेगा जब फिलिस्तीनियों को पूर्ण राज्य का दर्जा और संप्रभुता हासिल हो जाएगी। साल 2007 से गाजा पर शासन कर रहे हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर भीषण हमला बोल दिया था, जिसके बाद गाजा में युद्ध शुरू हो गया। दो साल से अधिक समय से जारी संघर्ष में हमास को भारी सैन्य क्षति हुई है, फिर भी वह अपनी सशस्त्र शाखा को भंग करने को तैयार नहीं है।
You may also like
महाराष्ट्र के इस नए क़ानून को कहा जा रहा असहमति दबाने का हथियार, क्या 'ख़ास विचारधारा' है निशाना?
महिला क्रिकेट में ऐतिहासिक जीत: चीन की टीम 14 रनों पर ऑल आउट
मोर्ने मोर्कल ने कान में ऐसा क्या कहा... मोहम्मद सिराज ने पिच पर गाड़ा झंडा, खड़े-खड़े चित हो गया अंग्रेज
सिंधिया के क्षेत्र में बीजेपी में कलह, भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा नेता ने खोला मोर्चा, जिला उपाध्यक्ष ने दे दिया इस्तीफा
अपार्टमेंट में तृतीय तल को जोड़ने वाला बृज ध्वस्त,फायर ब्रिगेड ने पिता-पुत्र व डॉगी को सुरक्षित निकाला