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Maharashtra News: अंधविश्वास की पराकाष्ठा! पीलिया से पीड़ित महिला का इलाज एक तांत्रिक 'फादर' ने जादुई तेल देकर किया और...

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अहिल्यानगर: अंधविश्वास के चलते पुजारी से इलाज कराने वाली एक महिला की पीलिया की पुष्टि होने के बाद मौत हो गई। मृतक महिला का नाम वनिता विश्वनाथ हरकल (उम्र 42) है, जो खड़की, तहसील कोपरगांव की रहने वाली थी। उसके भाई की ओर से इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई है। इसके बाद तांत्रिक फादर चंद्रशेखर गौड़ा के खिलाफ जादू-टोना विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।



आखिर हुआ क्या था?

वनिता 1 जुलाई को बीमार पड़ गई। भाई संजय पंधारे के भतीजे विवेक पंधारे उसे अस्पताल ले गए। कुछ जांचों के बाद डॉक्टरों ने पाया कि वनिता को पीलिया है। शाम को उसे उसके भाई के साथ समतानगर चर्च में फादर चंद्रशेखर गौड़ा के पास ले जाया गया। इस पर फादर ने कहा कि उसे कोई बीमारी नहीं है। दवा मत लो। उसे कोई बाहरी समस्या है। इसके बाद भी फादर गौड़ा ने कहा कि वह अपने मंत्रोच्चार वाले तेल से उसे ठीक कर सकते हैं। नारियल तेल की शीशी पर हाथ रखकर और मंत्र पढ़ते हुए उसने शीशी दे दी। उसने उसे माथे पर लगाकर तेल पीने को कहा। उसने तेल पी लिया। दो-तीन दिनों में उसकी समस्याएं और बढ़ गईं।



जादू-टोना विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज

4 जुलाई को वनिता को प्रवरनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 9 जुलाई को उसकी मृत्यु हो गई। उसके बाद उसके भाई संजय जीवन पंधारे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जादूगर फादर चंद्रशेखर गौड़ा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 106 (1) और महाराष्ट्र जादू-टोना निवारण अधिनियम, 2013 की धारा 3 (2) के तहत मामला दर्ज किया है। इस घटना से इलाके में गुस्सा है।



मंदिर के सेवक की डंडे से पिटाई

उधर, छत्रपति संभाजीनगर की एक घटना में 65 वर्षीय व्यक्ति ने मंदिर के सेवक की यह कहते हुए पिटाई कर दी कि 'तुम बहुत बातें करते हो।' यह घटना 11 जुलाई को सुबह करीब 11.30 बजे राजाबाजार स्थित संतोषी माता मंदिर, संस्थान गणपति, राजाबाजार के पास हुई। शिकायत में बताया गया है कि पिटाई करने वाले का नाम शुक्ला है। बंसी रोकड़े मंदिर में सफाई का काम करते हैं। शुक्रवार को रोकड़े ने सफाई का काम किया। शुक्ला मंदिर में पैर फैलाकर बैठे थे। रोकड़े ने शुक्ला से कहा कि शुक्रवार को लोग मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। आप हटकर बैठ जाइए। जब उन्होंने ऐसा कहा, तो शुक्ला बोले, 'तुम बहुत बकबक करने लगे हो।' और उन्हें मारा। फिर उन्होंने मंदिर में रखे एक डंडे से उनके सिर पर वार किया, जिससे वह घायल हो गए। रोकड़े को घाटी में इलाज करवाना पड़ा।

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