नई दिल्ली: दिल्ली स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन ने एक सीनियर सिटीजन द्वारा लिए गए टूर पैकेज के तहत उनका वीजा रिजेक्ट होने की सूचना समय पर उन्हें नहीं देने के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पो. लि. (IRCTC) को 'सेवा में कमी' के लिए जिम्मेदार माना और बुजुर्ग को उनकी अधूरी यात्रा का पूरा पैसा लौटाने का निर्देश दिया।
आयोग ने खारिज की अपील
जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच ने जिला उपभोक्ता आयोग के फैसले के खिलाफ IRCTC की अपील खारिज कर दी। 9 सितंबर को सुनाए गए फैसले में राज्य उपभोक्ता आयोग ने कहा कि मौजूद सामग्री के मूल्यांकन करने पर हम जिला आयोग के फैसले से पूरी तरह सहमत है।
आयोग ने IRCTC को दिया निर्देश
11 मार्च, 2024 में लाजपत नगर निवासी नागराजा राव श्रीधरन की शिकायत मंजूर करते हुए जिला आयोग ने IRCTC को निर्देश दिया था कि वह शिकायतकर्ता को 27,431/- रुपये 6% सालाना ब्याज के साथ वापस करे। साथ ही 10 हजार रुपये मुआवजे के रूप में दे। जिला आयोग के आदेश से दुखी होकर IRCTC ने मौजूदा अपील दायर की। तर्क दिया कि प्रतिवादी (शिकायतकर्ता) प्रतिवादी का वीजा मलेशियाई सरकार ने रिजेक्ट किया था, जो उसके कंट्रोल से बाहर था।
टूर के एक दिन पहले दी गई सूचना
इसलिए, उसे सेवा में किसी भी तरह की कमी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। इसके उलट प्रतिवादी ने दलील दी कि मलेशियाई वीजा हासिल करने के लिए चार बार कोशिश की गई, लेकिन चारों बार विफल रहे। इनमें से किसी भी रिजेक्शन के बारे में उन्हें बताया नहीं गया। 12 अक्टूबर, 2016 को, टूर पर जाने से ठीक एक दिन पहले मलेशिया का वीजा रिजेक्ट होने की जानकारी दी गई।
सिंगापुर-मलेशिया के टूर पैकेज का दिया था ऑफर
आयोग ने फैसले में कहा कि सिंगापुर-मलेशिया का टूर पैकेज IRCTC ने शिकायतकर्ता को ऑफर किया था, जिसे बुक कराने के लिए उन्होंने 89,382 रुपये का भुगतान किया। बुकिंग से लेकर आगे की सभी गतिविधियों में अपीलकर्ता शामिल था, जिसमें पैकेज चार्ज जमा करना भी शामिल था। अपीलकर्ता ने संभावित पर्यटकों को सभी जानकारी मुहैया कराने के लिए केंद्रीय संसाधन के रूप में काम किया, चूंकि सर्विस प्रोवाइडर की नियुक्ति अपीलकर्ता ने की थी। इसलिए, यह कहना गलत है कि IRCTC ने सेवा देने में कोई कमी नहीं की।
आयोग ने खारिज की अपील
जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच ने जिला उपभोक्ता आयोग के फैसले के खिलाफ IRCTC की अपील खारिज कर दी। 9 सितंबर को सुनाए गए फैसले में राज्य उपभोक्ता आयोग ने कहा कि मौजूद सामग्री के मूल्यांकन करने पर हम जिला आयोग के फैसले से पूरी तरह सहमत है।
आयोग ने IRCTC को दिया निर्देश
11 मार्च, 2024 में लाजपत नगर निवासी नागराजा राव श्रीधरन की शिकायत मंजूर करते हुए जिला आयोग ने IRCTC को निर्देश दिया था कि वह शिकायतकर्ता को 27,431/- रुपये 6% सालाना ब्याज के साथ वापस करे। साथ ही 10 हजार रुपये मुआवजे के रूप में दे। जिला आयोग के आदेश से दुखी होकर IRCTC ने मौजूदा अपील दायर की। तर्क दिया कि प्रतिवादी (शिकायतकर्ता) प्रतिवादी का वीजा मलेशियाई सरकार ने रिजेक्ट किया था, जो उसके कंट्रोल से बाहर था।
टूर के एक दिन पहले दी गई सूचना
इसलिए, उसे सेवा में किसी भी तरह की कमी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। इसके उलट प्रतिवादी ने दलील दी कि मलेशियाई वीजा हासिल करने के लिए चार बार कोशिश की गई, लेकिन चारों बार विफल रहे। इनमें से किसी भी रिजेक्शन के बारे में उन्हें बताया नहीं गया। 12 अक्टूबर, 2016 को, टूर पर जाने से ठीक एक दिन पहले मलेशिया का वीजा रिजेक्ट होने की जानकारी दी गई।
सिंगापुर-मलेशिया के टूर पैकेज का दिया था ऑफर
आयोग ने फैसले में कहा कि सिंगापुर-मलेशिया का टूर पैकेज IRCTC ने शिकायतकर्ता को ऑफर किया था, जिसे बुक कराने के लिए उन्होंने 89,382 रुपये का भुगतान किया। बुकिंग से लेकर आगे की सभी गतिविधियों में अपीलकर्ता शामिल था, जिसमें पैकेज चार्ज जमा करना भी शामिल था। अपीलकर्ता ने संभावित पर्यटकों को सभी जानकारी मुहैया कराने के लिए केंद्रीय संसाधन के रूप में काम किया, चूंकि सर्विस प्रोवाइडर की नियुक्ति अपीलकर्ता ने की थी। इसलिए, यह कहना गलत है कि IRCTC ने सेवा देने में कोई कमी नहीं की।
You may also like

बिहार चुनाव : बिहपुर में कांटे की टक्कर, एनडीए-महागठबंधन की नजरें मतदाताओं पर टिकी

दिल्ली में यूपीएससी अभ्यर्थी की हत्या: पुलिस ने किया साजिश का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

Maruti की Victoris, Vitara और Brezza में से कौन-सी SUV है ज्यादा लंबी?

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने मॉरीशस पीएम रामगुलाम से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने पर जोर

सबसे बड़े मुस्लिम देश की यात्रा पर CDS अनिल चौहान, जानें क्यों अहम ये दौरा




