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अमेरिका को व्यापार पर नया प्रस्ताव देने की तैयारी में भारत, जानें किस योजना पर चल रहा है काम

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नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर फिर से बातचीत शुरू हो सकती है। अमेरिका ने कुछ चीजों पर लगने वाले टैक्स को बढ़ाने की तारीख 1 अगस्त तक बढ़ा दी है। इसके बाद भारत सरकार के कुछ अधिकारी अमेरिका जा सकते हैं। इन अधिकारियों में स्पेशल सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल भी शामिल हो सकते हैं। ये टीम अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर बात करेगी। माना जा रहा है कि इस बातचीत में कृषि को लेकर बातचीत को सबसे अधिक अहमियत मिलने वाली है।



अमेरिका के साथ संभावित बातचीत को लेकर आशांवित

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार के बड़े अधिकारियों को व्यापार पर बातचीत का एक नया प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के अधिकारी इस बात को लेकर आशावादी हैं कि अमेरिका के साथ खेती से जुड़े मुद्दों पर सहमति बन जाएगी। दोनों देशों की टीमें पहले से ही इस विषय पर काफी हद तक सहमत हैं।



दोनों में एक शुरुआती व्यापार समझौता होने की संभावना

जानकारी के अनुसार जल्द ही दोनों देशों के बीच एक शुरुआती व्यापार समझौता होने की संभावना है। खासकर तब, जब अमेरिका ने ब्राजील, बांग्लादेश, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे लगभग 20 देशों पर 25-50% तक टैक्स लगा दिया है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अभी तक यूरोपीय संघ (EU) और भारत पर टैक्स नहीं लगाया है।



क्या टैक्स पर भारत के ऑफर पर मान जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप

सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार समझौता करने के बहुत करीब है। खबरों के अनुसार, भारत के अधिकारियों ने अमेरिका से आने वाले सामानों के लिए अपने बाजार को खोलने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन, इसमें डेयरी और खेती जैसे कुछ खास क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया है। इसके बदले में, अमेरिका से उम्मीद की जा रही है कि वह टेक्सटाइल और जूते जैसे क्षेत्रों पर टैक्स कम करेगा, जिनमें बहुत ज्यादा लोग काम करते हैं।



भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर यह बातचीत बहुत महत्वपूर्ण है। अगर दोनों देशों के बीच समझौता हो जाता है, तो इससे दोनों देशों को फायदा होगा। भारत को अमेरिका में अपने सामान बेचने में आसानी होगी, और अमेरिका को भारत में अपना सामान बेचने में आसानी होगी। इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।







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