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महाराष्ट्र चुनाव: पालघर से नामांकन के बाद लापता हुए बीजेपी के बागी नेता, फोन भी आ रहा बंद

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मुंबई: पालघर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करने के बाद अमित घोड़ा लापता बताए जा रहे हैं। अमित घोड़ा पूर्व विधायक और बीजेपी के बागी नेता है। नेताओं के लापता होने का ये दूसरा मामला है। पिछले हफ्ते इसी तरह का एक मामला सामने आया था। जब शिवसेना नेता श्रीनिवास वंगा को पालघर विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिली थी। श्रीनिवास वंगा 36 घंटे से भी ज़्यादा समय तक लापता रहे थे। श्रीनिवास वंगा (42) ने 28 अक्टूबर को गावित के नामांकन की घोषणा के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भावुक हो गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर मौजूदा विधायकों को सीटें देने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया था। वह कुछ समय के लिए गायब रहे, लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि उन्हें एमएलसी पद का आश्वासन मिला है। राजेंद्र गावित को उम्मीदवार बनायाबता दें कि महायुती गठबंधन में शामिल शिवसेना ने इस सीट से पूर्व सांसद राजेंद्र गावित को उम्मीदवार बनाया है। जानकारों का मानना है कि 42 साल के अमित घोड़ा को पालघर या डहाणू विधानसभा सीट से टिकट मिलने की उम्मीद थी। अमित घोड़ा दिवंगत शिवसेना विधायक कृष्णा घोड़ा के बेटे हैं। हालांकि, 57 वर्षीय राजेंद्र गावित को पालघर से टिकट दिया गया, जबकि बीजेपी ने 41 वर्षीय विनोद मेड़ा को डहाणू सीट से उम्मीदवार बनाया है। मोबाइल फोन भी आ रहा बंदपार्टी नेतृत्व अमित घोड़ा को मनाने की कोशिश कर रहा है कि वो सोमवार की समय सीमा से पहले अपना नामांकन वापस ले लें। अमित घोड़ा पिछले 24 घंटे से भी ज़्यादा समय से लापता हैं और उनका मोबाइल फोन भी बंद आ रहा है। वो अपने डहाणू स्थित आवास पर भी नहीं हैं। अमित घोड़ा ने अपने पिता कृष्णा के निधन के बाद 2016 में हुए उपचुनाव में शिवसेना के टिकट पर जीत हासिल की थी। 2019 में जब उन्हें विधानसभा का टिकट नहीं मिला तो वह बीजेपी में शामिल हो गए। हालांकि उन्हें विधानसभा चुनावों के लिए डहाणू विधानसभा क्षेत्र के प्रबंधन का काम सौंपा गया था, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने में रुचि व्यक्त की थी।
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