भिंडी एक आम सब्जी है जो भारतीय रसोई में बड़े चाव से खाई जाती है। इसे अंग्रेजी में "लेडी फिंगर" कहा जाता है और यह फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होती है। कई लोग इसे हेल्दी डाइट का हिस्सा मानते हैं और वजन घटाने या ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए भी खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ बीमारियों में भिंडी का सेवन फायदे की बजाय नुकसान भी पहुंचा सकता है?
डॉ पीयूष मिश्रा, जनरल फिजिशियन एंड इम्यूनाइजेशन ऑफिसर ,नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट, नई दिल्ली, के मुताबिक भिंडी में ऑक्सलेट नामक तत्व पाया जाता है जो किडनी स्टोन और गठिया रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा इसमें लेक्टिन होता है, जो कुछ लोगों में ब्लड शुगर को अनियंत्रित कर सकता है। यही कारण है कि डायबिटीज के मरीजों को भी भिंडी खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
कई बार लोग इसे हेल्दी समझ कर बिना सोचे-समझे नियमित रूप से खा लेते हैं, जिससे धीरे-धीरे शरीर में साइड इफेक्ट्स शुरू हो जाते हैं। इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि किन बीमारियों में भिंडी से परहेज करना चाहिए और क्यों। साथ ही जानेंगे इससे जुड़े अन्य तथ्य और बचाव के उपाय।(Photo credit):Canva
डायबिटीज में भिंडी खाने से नुकसान क्यों?
भिंडी में मौजूद एक विशेष तत्व लेक्टिन ब्लड शुगर के अब्जॉर्प्शन को प्रभावित कर सकता है। अगर आप इंसुलिन या शुगर कंट्रोल की दवाएं लेते हैं, तो भिंडी का अत्यधिक सेवन दवा के असर को कम कर सकता है। कुछ शोधों के अनुसार, भिंडी का लेक्टिन ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा सकता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को नुकसान हो सकता है। इसलिए डायबिटिक मरीजों को भिंडी खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
किडनी स्टोन वालों के लिए खतरनाक कैसे है भिंडी?
भिंडी में उच्च मात्रा में ऑक्सलेट पाया जाता है, जो किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी बनाने में सहायक होता है। यदि आप पहले से ही किडनी स्टोन के शिकार हैं, तो भिंडी खाना आपके लिए स्थिति को और बिगाड़ सकता है। ऑक्सलेट शरीर में कैल्शियम के साथ मिलकर पथरी बना सकता है। इसलिए जिन लोगों को पहले से किडनी में दर्द या स्टोन की शिकायत है, उन्हें भिंडी से परहेज करना चाहिए।
गठिया के मरीज क्यों रहें भिंडी से दूर?

गठिया (arthritis) के मरीजों को ऐसे फूड्स से दूर रहना चाहिए जिनमें ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है, और भिंडी उन्हीं में से एक है। ऑक्सालेट शरीर में यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स को बढ़ाता है, जिससे जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या और बढ़ सकती है। विशेष रूप से रूमेटॉइड और ऑस्टियोआर्थराइटिस के रोगियों को भिंडी कम या बिलकुल नहीं खानी चाहिए।
पेट में गैस और अपच बढ़ा सकती है भिंडी
भिंडी में म्यूसिलेज नामक चिपचिपा पदार्थ होता है जो कुछ लोगों के पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। इससे पेट में गैस, अपच और भारीपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विशेष रूप से जिन लोगों को पहले से गैस की शिकायत रहती है, उन्हें भिंडी सीमित मात्रा में ही खानी चाहिए और अच्छी तरह पकी हुई भिंडी ही लेनी चाहिए।
भिंडी में मौजूद कीटनाशक और उनकी भूमिका
अक्सर भिंडी को खेतों में बचाने के लिए भारी मात्रा में कीटनाशक (पेस्टीसाइड) का उपयोग किया जाता है। अगर इसे बिना अच्छी तरह धोए पकाया जाए, तो शरीर में टॉक्सिन्स का प्रवेश हो सकता है, जिससे स्किन एलर्जी, पेट खराब और लिवर पर प्रभाव पड़ सकता है। कोशिश करें कि ऑर्गेनिक भिंडी का ही इस्तेमाल करें और पकाने से पहले इसे अच्छी तरह पानी में भिगोकर धो लें।
भिंडी खाने से कब परहेज करें?
अगर आपको हाल ही में पेट दर्द, पेशाब में जलन, बार-बार उल्टी या ब्लोटिंग जैसी शिकायत हुई है तो भिंडी से कुछ दिन दूर रहना बेहतर होगा। कुछ लोगों को भिंडी से एलर्जी भी हो सकती है जो त्वचा पर चकत्ते या खुजली के रूप में सामने आती है। अगर आप कोई गंभीर दवा ले रहे हैं या आपको किसी रोग की नियमित दवा चल रही है, तो भिंडी का सेवन शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है । यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता । ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें । एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है ।
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