कटिहार: किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है। किसान रविशंकर श्रवण ने पहली बार बेबी कॉर्न की खेती शुरू की है। इससे जिले के किसानों में एक नई उम्मीद जगी है। रविशंकर श्रवण का कहना है कि कम लागत में बेबी कॉर्न की खेती करके किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। यह फसल तीन महीने में तैयार हो जाती है। बेबी कॉर्न के पौधे का कोई भी हिस्सा बेकार नहीं जाता है। कृषि विभाग ने उन्हें इस खेती के लिए प्रेरित किया। 25 हजार खर्च उन्होंने बताया कि एक एकड़ जमीन में 20 से 25 हजार रुपये खर्च करके उन्होंने डेढ़ लाख रुपये की कमाई की है। अब वे दूसरे किसानों को भी इस खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। किसान रविशंकर श्रवण बताते हैं कि बेबी कॉर्न की फसल 50 से 90 दिन में तैयार हो जाती है। इसलिए किसान अपने खेत में दो बार इसकी खेती कर सकते हैं। उन्होंने एक एकड़ में खेती की थी, जिसमें 8 से 10 क्विंटल की उपज मिली। इसका बाजार मूल्य अभी 60 से 80 रुपये किलो है। बाजार में डिमांड हालांकि, अभी बाजार में बेचने में कुछ दिक्कत होती है। लेकिन आने वाले दिनों में इसका बाजार बेहतर होगा। किसान रवि शंकर श्रवण ने कहा कि बेबी कॉर्न न सिर्फ कम समय में तैयार हो जाती है, बल्कि बाजार में अच्छा भाव होने से आय भी परंपरागत फसलों से अधिक होती है। इसके अलावा, इसका उपयोग सलाद, खीर, पकोड़ा, सब्जी, अचार और पिज्जा में भी होता है। खासकर रेस्टोरेंट में इसकी डिमांड खूब रहती है। बेबी कॉर्न का दाना मीठा होने के कारण इसका सूप बनाया जाता है। पौष्टिक होने के चलते यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। डबल मुनाफा होता है- किसानउन्होंने कहा कि अच्छी फसल और डबल मुनाफा को लेकर दूसरे किसान भी इससे प्रेरित होकर इसकी खेती करना चाह रहे हैं। रविशंकर श्रवण बताते हैं कि खरीफ सीजन में जब खेत खाली था, तब कृषि विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें बेबी कॉर्न की जानकारी दी। शुरुआत में उन्हें डर लग रहा था कि नई फसल है, इसका मार्केट में कितना मुनाफा मिलेगा। लेकिन फसल होने के बाद फसल भी अच्छी हुई और मुनाफा भी बेहतर हुआ। अब वे क्षेत्र के किसानों को इसकी खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। किसान रविंद्र कुमार बताते हैं कि उन्होंने चाचा रवि शंकर को बेबी कॉर्न की खेती करते देखा। अब वे भी इसकी खेती कर बेहतर मुनाफा कमाना चाहते हैं। किसान हो रहे प्रेरितरवि शंकर श्रवण ने आगे कहा कि महज एक एकड़ भूमि में 20 से 25 हजार रुपए के खर्च में उन्होंने डेढ़ लाख रुपए की आमदनी प्राप्त कर लिया है और अब वो दूसरे किसानों को भी इस खेती के लिए प्रेरित कर रहे है। किसान रविंद्र कुमार ने कहा कि चाचा रविशंकर ने बेबी कॉर्न की खेती की इसकी जानकारी उन्हें मिली और उसे वो देखने आए और अब वो भी इसकी खेती कर बेहतर मुनाफा कमाना चाहते हैं। कुल मिलाकर, कटिहार के किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक खेती कर रहे हैं. बेबी कॉर्न की खेती एक ऐसी ही आधुनिक खेती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। कृषि विभाग भी किसानों को इस तरह की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
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