Canada Study Permit Backlog: कनाडा में पढ़ने या नौकरी के सिलसिले से जाने वाले लोगों के लिए जरूरी खबर है। कनाडा का स्टडी और वर्क परमिट बैकलॉग आसमान छूने लगा है। इसका मतलब है कि अब स्टूडेंट्स और वर्कर्स को स्टटी या वर्क परमिट हासिल करने के लिए लंबा इंतजार करना होगा। सीआईसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 अगस्त तक इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) का बैकलॉग 958,850 आवेदन का था। उससे पिछले महीने ये संख्या 9,01,700 थी।
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हालांकि, इसमें परमानेंट रेजिडेंसी और नागरिकता के लिए किए गए आवेदन भी शामिल हैं। अगस्त लगातार ऐसा महीना रहा है, जब कनाडा में बैकलॉग बढ़ता हुआ दिखाई दिया है। 31 अगस्त तक IRCC के पास 21,99,400 आवेदन थे, जिसमें से 12,40,550 आवेदनों को प्रोसेस कर दिया गया। IRCC आवेदनों को बैकलॉग के तौर पर तब मानती है, जब वे अपने प्रोसेसिंग के तय समय से ज्यादा वक्त तक उसके पास रह जाते हैं। IRCC का टारगेट रहता है कि 80% आवेदन समय रहते प्रोसेस हो जाएं।
स्टडी और वर्क परमिट का कितना बैकलॉग है?
अगस्त के आखिर तक IRCC के पास टेंपरेरी रेजिडेंट कैटेगरी में बैकलॉग आवेदनों की संख्या 4,37,350 थी। इसमें वर्क परमिट, स्टडी परमिट और विजिटर्स वीजा शामिल हैं। वर्क परमिट की बात करें तो बैकलॉग वाले आवेदनों की संख्या मालूमी तौर पर घटी है। जहां जुलाई में 46% वर्क परमिट आवेदन बैकलॉग में फंसे हुए थे, वहीं अगस्त के आखिर तक उनकी संख्या 45% हो गई। इस तरह भारतीयों को जो वर्क परमिट पहले सात हफ्ते में मिल रहा था, उसके लिए अब आठ हफ्ते इंतजार करना पड़ रहा है।
स्टडी परमिट की बात करें तो इसके बैकलॉग आवेदनों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। जुलाई में जहां 23% स्टडी परमिट आवेदन बैकलॉग में थे, वहीं अब अगस्त तक ये संख्या बढ़कर 32% हो गई है। इसकी एक मुख्य वजह नए अकेडमिक सेशन की शुरुआत होना भी है। भारतीयों को जुलाई में स्टडी परमिट महज तीन हफ्ते में मिल रहा था। लेकिन अब उनके लिए स्टडी परमिट पाने का समय चार हफ्ते हो गया है। भारतीय छात्रों को आवेदन के एक महीने बाद जाकर स्टडी परमिट दिया जा रहा है।
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हालांकि, इसमें परमानेंट रेजिडेंसी और नागरिकता के लिए किए गए आवेदन भी शामिल हैं। अगस्त लगातार ऐसा महीना रहा है, जब कनाडा में बैकलॉग बढ़ता हुआ दिखाई दिया है। 31 अगस्त तक IRCC के पास 21,99,400 आवेदन थे, जिसमें से 12,40,550 आवेदनों को प्रोसेस कर दिया गया। IRCC आवेदनों को बैकलॉग के तौर पर तब मानती है, जब वे अपने प्रोसेसिंग के तय समय से ज्यादा वक्त तक उसके पास रह जाते हैं। IRCC का टारगेट रहता है कि 80% आवेदन समय रहते प्रोसेस हो जाएं।
स्टडी और वर्क परमिट का कितना बैकलॉग है?
अगस्त के आखिर तक IRCC के पास टेंपरेरी रेजिडेंट कैटेगरी में बैकलॉग आवेदनों की संख्या 4,37,350 थी। इसमें वर्क परमिट, स्टडी परमिट और विजिटर्स वीजा शामिल हैं। वर्क परमिट की बात करें तो बैकलॉग वाले आवेदनों की संख्या मालूमी तौर पर घटी है। जहां जुलाई में 46% वर्क परमिट आवेदन बैकलॉग में फंसे हुए थे, वहीं अगस्त के आखिर तक उनकी संख्या 45% हो गई। इस तरह भारतीयों को जो वर्क परमिट पहले सात हफ्ते में मिल रहा था, उसके लिए अब आठ हफ्ते इंतजार करना पड़ रहा है।
स्टडी परमिट की बात करें तो इसके बैकलॉग आवेदनों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। जुलाई में जहां 23% स्टडी परमिट आवेदन बैकलॉग में थे, वहीं अब अगस्त तक ये संख्या बढ़कर 32% हो गई है। इसकी एक मुख्य वजह नए अकेडमिक सेशन की शुरुआत होना भी है। भारतीयों को जुलाई में स्टडी परमिट महज तीन हफ्ते में मिल रहा था। लेकिन अब उनके लिए स्टडी परमिट पाने का समय चार हफ्ते हो गया है। भारतीय छात्रों को आवेदन के एक महीने बाद जाकर स्टडी परमिट दिया जा रहा है।
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