नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकी साजिश को बेनकाब करते हुए वैश्विक मंच पर पड़ोसी मुल्क को जमकर लताड़ लगाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में क्वाड सम्मेलन में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर जमकर खरी-खरी सुनाई। इस सम्मेलन में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत भविष्य में आतंकी हमलों का करारा जवाब देगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बात अमेरिका से विदेश नीति पर बातचीत के दौरान कही। जयशंकर ने क्वाड देशों के साथ ऑपरेशन सिंदूर पर भी बात की। उन्होंने साफ कहा कि अगर आगे ऐसे हमले हुए तो भारत चुप नहीं बैठेगा। भारत को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।
अलग-अलग नेताओं का साथ आना एकजुटताविदेश मंत्री ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में अलग-अलग विचारधाराओं के नेताओं का एक साथ आना हमारे देश की एकता को दिखाता है। उन्होंने शशि थरूर, सुप्रिया सुले और गुलाम नबी आजाद जैसे नेताओं का नाम लिया।
आतंक के समर्थकों पर भी होगी कार्रवाईविदेश मंत्री ने कहा कि भारत कई सालों से आतंकवाद से जूझ रहा है। अब भारत ने फैसला कर लिया है कि वह इसका सख्ती से जवाब देगा। उन्होंने 7 मई को हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सिर्फ हमलावरों पर ही नहीं, उनके समर्थकों पर भी एक्शन लेगा। जयशंकर ने कहा कि 7 मई को की गई कार्रवाई का उद्देश्य यही संदेश देना था कि अगर भारत पर आतंकी हमला हुआ तो हम केवल हमलावरों ही नहीं, उनके समर्थकों और मददगारों पर भी कार्रवाई करेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बात अमेरिका से विदेश नीति पर बातचीत के दौरान कही। जयशंकर ने क्वाड देशों के साथ ऑपरेशन सिंदूर पर भी बात की। उन्होंने साफ कहा कि अगर आगे ऐसे हमले हुए तो भारत चुप नहीं बैठेगा। भारत को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।
अलग-अलग नेताओं का साथ आना एकजुटताविदेश मंत्री ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में अलग-अलग विचारधाराओं के नेताओं का एक साथ आना हमारे देश की एकता को दिखाता है। उन्होंने शशि थरूर, सुप्रिया सुले और गुलाम नबी आजाद जैसे नेताओं का नाम लिया।
आतंक के समर्थकों पर भी होगी कार्रवाईविदेश मंत्री ने कहा कि भारत कई सालों से आतंकवाद से जूझ रहा है। अब भारत ने फैसला कर लिया है कि वह इसका सख्ती से जवाब देगा। उन्होंने 7 मई को हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सिर्फ हमलावरों पर ही नहीं, उनके समर्थकों पर भी एक्शन लेगा। जयशंकर ने कहा कि 7 मई को की गई कार्रवाई का उद्देश्य यही संदेश देना था कि अगर भारत पर आतंकी हमला हुआ तो हम केवल हमलावरों ही नहीं, उनके समर्थकों और मददगारों पर भी कार्रवाई करेंगे।
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