कैमूर: मोहनिया की वीआईपी कॉलोनी, जो मोहनिया नगर पंचायत के वार्ड नंबर 15 में स्थित है, आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। इस कॉलोनी के बसने के बाद से आज तक यहां की सड़कों का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। स्थानीय निवासियों के लिए यह एक कड़वी सच्चाई है कि जिस कॉलोनी का नाम 'वीआईपी' है, वहां मूलभूत सुविधा के नाम पर सड़कें भी नसीब नहीं हैं।
बारिश होने पर बदतर हो जाती है रोड की हालत
कई बार की गुहार के बाद, मोहनिया के विधायक ने एक सड़क निर्माण योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना का नाम 'डबल टॉवर से अशोक गुप्ता के मकान तक' था। लोगों में उम्मीद जगी कि अब उनकी परेशानी खत्म होगी, लेकिन यह खुशी ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई। कार्य एजेंसी ने आधे सड़क निर्माण के बाद ही हाथ खड़े कर दिए और काम को अधूरा छोड़ दिया। इसका सीधा नतीजा यह हुआ कि कॉलोनी में रहने वाले लोगों को आवागमन में भयंकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर बरसात के मौसम में तो स्थिति और भी बदतर हो जाती है।
आपस में चंदा कर रोड बनवा रहे लोग
सरकारी उदासीनता और आधे-अधूरे काम से हताश होकर, कॉलोनी के निवासियों ने एक अनूठी पहल की। उन्होंने आपस में चंदा इकट्ठा करना शुरू किया और खुद ही सड़क को आवागमन लायक बनाने का जिम्मा उठाया। लोगों ने ईंट और मिट्टी का इस्तेमाल कर अस्थायी तौर पर सड़क तैयार की है, जो निश्चित रूप से पर्याप्त नहीं है लेकिन फिर भी उन्हें थोड़ी राहत देती है।
विधायक ने भी किया रोड बनवाने में खेलायह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब पता चलता है कि यह विधायक फंड से पास हुई 10 लाख की योजना थी, लेकिन विधायक ने कथित तौर पर केवल 2 से 3 लाख का एस्टीमेट बनाकर कार्य को अधूरा छोड़ दिया। कॉलोनी के निवासी नियमित रूप से अपने मकान का होल्डिंग टैक्स देते हैं, लेकिन न तो नगर पंचायत मोहनिया और न ही विधायक उनकी समस्या सुनने को तैयार हैं। इससे नगरवासियों में भारी नाराजगी है।
आगामी चुनाव में प्रत्याशियों को सबक सिखाने की कर रहे बात
वार्ड सदस्य मोहम्मद इम्तियाज अंसारी का कहना है कि योजना पास हुई, लेकिन कार्य अधूरा छोड़ दिया गया और विधायक फंड से बनी सड़क आज तक पूरी नहीं हुई। उन्होंने नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी से भी बात की, लेकिन कोई पहल नहीं हुई। वहीं, नगरवासी अजीत कुमार सिंह और विनय कुमार सिंह ने भी अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि वे चंदा कर सड़क बना रहे हैं और आगामी चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं। इस कॉलोनी की बदहाल सड़कें अब आगामी विधानसभा चुनाव में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनने वाली हैं।
बारिश होने पर बदतर हो जाती है रोड की हालत
कई बार की गुहार के बाद, मोहनिया के विधायक ने एक सड़क निर्माण योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना का नाम 'डबल टॉवर से अशोक गुप्ता के मकान तक' था। लोगों में उम्मीद जगी कि अब उनकी परेशानी खत्म होगी, लेकिन यह खुशी ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई। कार्य एजेंसी ने आधे सड़क निर्माण के बाद ही हाथ खड़े कर दिए और काम को अधूरा छोड़ दिया। इसका सीधा नतीजा यह हुआ कि कॉलोनी में रहने वाले लोगों को आवागमन में भयंकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर बरसात के मौसम में तो स्थिति और भी बदतर हो जाती है।
आपस में चंदा कर रोड बनवा रहे लोग
सरकारी उदासीनता और आधे-अधूरे काम से हताश होकर, कॉलोनी के निवासियों ने एक अनूठी पहल की। उन्होंने आपस में चंदा इकट्ठा करना शुरू किया और खुद ही सड़क को आवागमन लायक बनाने का जिम्मा उठाया। लोगों ने ईंट और मिट्टी का इस्तेमाल कर अस्थायी तौर पर सड़क तैयार की है, जो निश्चित रूप से पर्याप्त नहीं है लेकिन फिर भी उन्हें थोड़ी राहत देती है।
विधायक ने भी किया रोड बनवाने में खेलायह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब पता चलता है कि यह विधायक फंड से पास हुई 10 लाख की योजना थी, लेकिन विधायक ने कथित तौर पर केवल 2 से 3 लाख का एस्टीमेट बनाकर कार्य को अधूरा छोड़ दिया। कॉलोनी के निवासी नियमित रूप से अपने मकान का होल्डिंग टैक्स देते हैं, लेकिन न तो नगर पंचायत मोहनिया और न ही विधायक उनकी समस्या सुनने को तैयार हैं। इससे नगरवासियों में भारी नाराजगी है।
आगामी चुनाव में प्रत्याशियों को सबक सिखाने की कर रहे बात
वार्ड सदस्य मोहम्मद इम्तियाज अंसारी का कहना है कि योजना पास हुई, लेकिन कार्य अधूरा छोड़ दिया गया और विधायक फंड से बनी सड़क आज तक पूरी नहीं हुई। उन्होंने नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी से भी बात की, लेकिन कोई पहल नहीं हुई। वहीं, नगरवासी अजीत कुमार सिंह और विनय कुमार सिंह ने भी अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि वे चंदा कर सड़क बना रहे हैं और आगामी चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं। इस कॉलोनी की बदहाल सड़कें अब आगामी विधानसभा चुनाव में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनने वाली हैं।