हैदराबाद: तेलंगाना में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सैयद अली मुर्तजा रिजवी ( IAS Syed Ali Murtaza Rizvi ) ने आठ साल की सेवा बाकी रहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली है। यह फैसला नौकरशाही और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि रिजवी ने अपने फैसले के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि उनके और आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव के बीच बढ़ते मतभेद ही इस वरिष्ठ नौकरशाह के शासन से हटने का कारण हैं।
मंत्री ने क्या लगाए आरोप?
यह मतभेद विशेष रूप से शराब की बोतलों की ट्रैकिंग और प्रमाणीकरण के लिए इस्तेमाल होने वाले हाई-सिक्योरिटी होलोग्राम टेंडर को लेकर थे। मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव ने मुख्य सचिव के रामा कृष्ण राव को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया है कि रिजवी ने 100 करोड़ रुपये की इस परियोजना के टेंडर प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की। मंत्री का कहना है कि रिजवी ने एक पुराने विक्रेता को छह साल से अधिक समय तक बिना किसी प्रतिस्पर्धा के होलोग्राम की सप्लाई जारी रखने की अनुमति दी, जिसका अनुबंध जून 2019 में ही समाप्त हो गया था।
सरकार को सलाह
मंत्री ने अपने पत्र में सरकार को सलाह दी कि वह रिजवी के वीआरएस अनुरोध को अस्वीकार करे और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई शुरू करे। रिजवी 2001 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और अपनी प्रशासनिक कुशलता के लिए जाने जाते हैं। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद दो साल के भीतर चार बार ट्रांसफर किए गए थे। सूत्रों का कहना है कि बार-बार होने वाले तबादलों और मंत्री के दबाव ने रिजवी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर मजबूर किया।
रिजवी की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को स्वीकारा
उधर, आरोपों के बीच राज्य सरकार ने रिजवी की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को स्वीकार कर लिया है, जो 31 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी। बुधवार को जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, एम. रघुनंदन राव आईएएस (2002), आयुक्त वाणिज्यिक कर को सचिव, राजस्व (वाणिज्यिक कर और उत्पाद शुल्क) का पूर्ण अतिरिक्त प्रभार (FAC) सौंपा गया है।
मंत्री ने क्या लगाए आरोप?
यह मतभेद विशेष रूप से शराब की बोतलों की ट्रैकिंग और प्रमाणीकरण के लिए इस्तेमाल होने वाले हाई-सिक्योरिटी होलोग्राम टेंडर को लेकर थे। मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव ने मुख्य सचिव के रामा कृष्ण राव को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया है कि रिजवी ने 100 करोड़ रुपये की इस परियोजना के टेंडर प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की। मंत्री का कहना है कि रिजवी ने एक पुराने विक्रेता को छह साल से अधिक समय तक बिना किसी प्रतिस्पर्धा के होलोग्राम की सप्लाई जारी रखने की अनुमति दी, जिसका अनुबंध जून 2019 में ही समाप्त हो गया था।
सरकार को सलाह
मंत्री ने अपने पत्र में सरकार को सलाह दी कि वह रिजवी के वीआरएस अनुरोध को अस्वीकार करे और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई शुरू करे। रिजवी 2001 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और अपनी प्रशासनिक कुशलता के लिए जाने जाते हैं। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद दो साल के भीतर चार बार ट्रांसफर किए गए थे। सूत्रों का कहना है कि बार-बार होने वाले तबादलों और मंत्री के दबाव ने रिजवी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर मजबूर किया।
रिजवी की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को स्वीकारा
उधर, आरोपों के बीच राज्य सरकार ने रिजवी की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को स्वीकार कर लिया है, जो 31 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी। बुधवार को जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, एम. रघुनंदन राव आईएएस (2002), आयुक्त वाणिज्यिक कर को सचिव, राजस्व (वाणिज्यिक कर और उत्पाद शुल्क) का पूर्ण अतिरिक्त प्रभार (FAC) सौंपा गया है।
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