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Trump Tariffs: गरीब हो या अमीर, इस टैक्स में सब पिसेंगे... एक्सपर्ट की ये कैसी चेतावनी, क्या 'तानाशाह' हो गए हैं ट्रंप?

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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत दुनिया के कई देशों पर टैरिफ लगाया है। इस टैरिफ का असर लगभग हर देश पर पड़ेगा। ट्रंप की इस सप्ताह की टैरिफ नीति से कई देशों को नुकसान हुआ है। लाओस और अल्जीरिया जैसे गरीब देश और कनाडा और स्विट्जरलैंड जैसे अमीर देश भी इसमें शामिल हैं। 7 अगस्त से इन देशों से अमेरिका में आने वाले सामान पर भारी टैरिफ यानी टैक्स लगेगा। वहीं एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि इस टैरिफ से अमेरिका खुद भी नहीं बच पाएगा।



एपी की एक खबर के मुताबिक ट्रंप की मांगों को मानने वाले देश शायद थोड़े फायदे में रहें। उन्होंने ज्यादा नुकसान से बचने के लिए ऐसा किया। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि आखिर में कौन जीतेगा। अमेरिका भी शायद न जीत पाए। न्यूयॉर्क लॉ स्कूल में सेंटर फॉर इंटरनेशनल लॉ के सह-निदेशक बैरी एपलटन (Barry Appleton) का कहना है कि कई मामलों में हर कोई यहां हारने वाला है।



खुद नियम बना रहे ट्रंपफिर से राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने पुराने वैश्विक आर्थिक सिस्टम को बदल दिया है। अमेरिका में अब नियमों पर आधारित सिस्टम नहीं रहा। अब ट्रंप खुद नियम बनाते हैं। वे अमेरिका की ताकत का इस्तेमाल उन देशों को सजा देने के लिए करते हैं जो उनकी बात नहीं मानते। और जो मानते हैं, उनसे बड़ी रियायतें लेते हैं।



धमकी देने लगे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति!अमेरिका के पूर्व व्यापार अधिकारी और विश्व व्यापार संगठन में उप महानिदेशक एलन वोल्फ ने कहा कि सबसे बड़े विजेता ट्रंप हैं। उन्होंने कहा, 'उन्होंने शर्त लगाई कि वे धमकियों के आधार पर अन्य देशों को बातचीत के लिए बुला सकते हैं, और वे इसमें सफल रहे।'



यह सब ट्रंप के 'लिबरेशन डे' - 2 अप्रैल से शुरू हुआ। उस दिन राष्ट्रपति ने उन देशों से आने वाले सामान पर 50% तक रेसिप्रोकल टैरिफ (पारस्परिक टैक्स) लगाने की घोषणा की, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा था। और लगभग सभी अन्य देशों पर 10% 'बेसलाइन' टैक्स लगाया।



उन्होंने 1977 के एक कानून का हवाला देते हुए व्यापार घाटे को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें आयात पर टैक्स लगाने का अधिकार मिल गया है। इस तरह उन्होंने कांग्रेस को दरकिनार कर दिया। क्योंकि टैक्स लगाने का अधिकार आमतौर पर कांग्रेस के पास होता है। अब इसे अदालत में चुनौती दी जा रही है।



गरीब देशों को और दबायाट्रंप ने अपने टैरिफ से गरीब देशों को भी खूब दबाया है। लाओस की वार्षिक आर्थिक उत्पादन प्रति व्यक्ति 2100 डॉलर और अल्जीरिया की 5600 डॉलर है। वहीं अमेरिका की 75,000 डॉलर है। फिर भी ट्रंप ने लाओस पर 40% और अल्जीरिया पर 30% टैरिफ लगाया है।



ब्राजील पर 50% आयात टैक्स लगाया क्योंकि ट्रंप को पूर्व ब्राजीलियाई राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो का तरीका पसंद नहीं आया। ट्रंप का कनाडा पर 35% टैरिफ लगाने का फैसला आंशिक रूप से ओटावा को यह कहने के लिए धमकाने के लिए किया गया था कि वह एक फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा।



बात मानने वाले भी देंगे ज्यादा टैक्सजिन देशों ने ट्रंप की बात मान ली है, उन्हें भी पहले से ज्यादा टैक्स देना होगा। यूके अब अमेरिका को अपना सामान बेचने पर 10% टैक्स देगा, जबकि पहले सिर्फ 1.3% टैक्स लगता था। यूरोपीय संघ और जापान ने भी अमेरिका के 15% टैक्स को मान लिया है। यह पहले से बहुत ज्यादा है, लेकिन ट्रंप ने जितना टैक्स लगाने की धमकी दी थी, उससे कम है। पाकिस्तान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने भी ट्रम्प के साथ समझौता किया है और ज्यादा टैक्स देने के लिए तैयार हो गए हैं।



अमेरिका पर भी मारएपलटन ने कहा कि यह एक ऐसा टैक्स है जो गरीब लोगों को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। स्नीकर्स, बैग, टीवी, इलेक्ट्रॉनिक्स और वीडियो गेम जैसी चीजें अमेरिका में महंगी हो जाएंगी, क्योंकि ये सभी चीजें अमेरिका में नहीं बनती हैं।



ट्रंप के व्यापार युद्ध के कारण अमेरिका में टैक्स की दर 2025 में 2.5% से बढ़कर अब 18.3% हो गई है। यह 1934 के बाद सबसे ज्यादा है। येल विश्वविद्यालय के एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे हर परिवार पर 2400 डॉलर (2 लाख रुपये से ज्यादा) का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वहीं अमेरिका के पूर्व व्यापार अधिकारी और विश्व व्यापार संगठन में उप महानिदेशक एलन वोल्फ का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ से अमेरिकी ग्राहक को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।

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