नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री से 2,662 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया है। इस दौरान राजधानी में लगभग 16.96 करोड़ बोतलें बेची गईं, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 1 करोड़ बोतलें ज्यादा है।
मौजूदा आबकारी नीति के तहत दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री चार सरकारी एजेंसियां करती हैं। इन चारों एजेसियों की कमाई 2,662 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में इन्हीं निगमों ने 15.93 करोड़ बोतलें बेचकर 2,403 करोड़ रुपये की इनकम हासिल की थी। इस बार 259 करोड़ रुपये ज्यादा कमाई हुई है।
कौन सी एजेंसी ने कितनी शराब बेची? > 5.29 करोड़ बोतलें DSIIDC (दिल्ली राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम)
> 5 करोड़ बोतलें DTTDC (दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम)
> 3.65 करोड़ बोतलें DSCSC (दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति करोड़ रुपये की निगम)
> 2.91 करोड़ बोतलें DCCWS (दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक भंडार)
कैसे होता है शराब का व्यापार? दिल्ली सरकार की ये चार एजेंसियां राजधानी में 700 से अधिक शराब की दुकानें चलाती हैं और पूरी खुदरा बिक्री इन्हीं के माध्यम से की जाती है। पहली तिमाही में हुई बेहतर बिक्री से सरकार की उम्मीदें बढ़ गई हैं और अब इससे 2025-26 में 7,000 करोड़ रुपये के आबकारी कर संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
आबकारी नीति में बदलाव की तैयारीजानकारी के अनुसार, आबकारी नीति 2021-22 को 2022 में रद्द किए जाने के बाद कारोबार कुछ समय के लिए बाधित हुआ था। अब सरकार रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नई आबकारी नीति बनाने की तैयारी कर रही है। एक उच्च स्तरीय समिति नई नीति बनाने पर काम कर रही है।
मौजूदा आबकारी नीति के तहत दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री चार सरकारी एजेंसियां करती हैं। इन चारों एजेसियों की कमाई 2,662 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में इन्हीं निगमों ने 15.93 करोड़ बोतलें बेचकर 2,403 करोड़ रुपये की इनकम हासिल की थी। इस बार 259 करोड़ रुपये ज्यादा कमाई हुई है।
कौन सी एजेंसी ने कितनी शराब बेची? > 5.29 करोड़ बोतलें DSIIDC (दिल्ली राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम)
> 5 करोड़ बोतलें DTTDC (दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम)
> 3.65 करोड़ बोतलें DSCSC (दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति करोड़ रुपये की निगम)
> 2.91 करोड़ बोतलें DCCWS (दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक भंडार)
कैसे होता है शराब का व्यापार? दिल्ली सरकार की ये चार एजेंसियां राजधानी में 700 से अधिक शराब की दुकानें चलाती हैं और पूरी खुदरा बिक्री इन्हीं के माध्यम से की जाती है। पहली तिमाही में हुई बेहतर बिक्री से सरकार की उम्मीदें बढ़ गई हैं और अब इससे 2025-26 में 7,000 करोड़ रुपये के आबकारी कर संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
आबकारी नीति में बदलाव की तैयारीजानकारी के अनुसार, आबकारी नीति 2021-22 को 2022 में रद्द किए जाने के बाद कारोबार कुछ समय के लिए बाधित हुआ था। अब सरकार रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नई आबकारी नीति बनाने की तैयारी कर रही है। एक उच्च स्तरीय समिति नई नीति बनाने पर काम कर रही है।
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