अगली ख़बर
Newszop

Kamjor Grah ka Fal : जब ग्रह होते हैं निर्बल तो इस प्रकार देते हैं कष्ट

Send Push
सूर्य ग्रह से प्राप्त कष्ट - सूर्य ग्रह आग का गोला है, अतः प्राणियों के शरीर के तापक्रम अर्थात् जठराग्नि को शीघ्र ही प्रभावित करता है। सूर्य के बलहीन होने पर व्यक्ति मन्दाग्नि, ज्वर, क्षय, अतिसार रोगों से ग्रसित होता है, राजकीय सेवा से युक्त लोगों के साथ विरोध का कारण सिद्ध होता है।

 चन्द्रमा से प्राप्त कष्ट - चन्द्रमा जलतत्व प्रधान है, जिसके कारण चन्द्रमा के निर्बल होने पर जल से भय रहता है, मानसिक कष्ट प्राप्त करता है, अशांत रहता है, अनिर्णय की स्थिति, मन में स्थिरता का अभाव रहता है।

 मंगल ग्रह से प्राप्त कष्ट - मंगल ग्रह के अनिष्टकारी होने पर व्यक्ति को आग से खतरा रहता है। चोट- चपेट, दुर्घटनाओं की सम्भावनाऐं बढ़ जाती हैं, उग्र स्वभाव, चिढ़चिढ़ापन और अत्यधिक क्रोध जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण वैवाहिक जीवन में तनाव, रिश्तों में झगड़े और कानूनी मामलों में उलझन की सम्भावनाऐं होती हैं।

 बुध ग्रह से प्राप्त कष्ट - बुध ग्रह जन्मपत्री में कमजोर होने की स्थिति में व्यक्ति की याद्दाश्त को कमजोर करता है, ऐसे व्यक्ति को चीजें समझने में अधिक समय लगता है तथा निर्णय लेने की शक्ति भी कमजोर होती है।

 गुरु ग्रह से प्राप्त कष्ट - गुरु ग्रह के अनिष्टकारी स्थिति में होने पर लिवर सम्बन्धित रोग, अपने से बड़े, श्रेष्ठ लोगों द्वारा रुष्ट होने की सम्भावनाएं बनती हैं। विवाह में विलम्ब, सामाजिक सम्मान एवं सौभाग्य में कमी आती है।

 शुक्र ग्रह से प्राप्त कष्ट - शुक्र ग्रह कमजोर होता है, तो इसके कारण प्रेम संबंधों, वैवाहिक जीवन, शारीरिक सुंदरता और भौतिक सुख-सुविधाओं में कमी जैसी समस्याऐं आ सकती हैं, प्रजनन सम्बन्धित समस्याऐं आ सकती हैं। शुक्र ग्रह के अनिष्टकारी होने पर जीवनसाथी से विरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

 शनि ग्रह से प्राप्त कष्ट - शनि ग्रह के अनिष्टकारी स्थिति में होने पर जीवन में संघर्ष और मुश्किलें आती हैं। शनि हड्डियों, नसों, जोड़ों और तंत्रिका तंत्र से जुड़ा है, अतः इनसे संबंधित रोग उभर सकते हैं, सफलता में विलंब, मानसिक दबाव और कर्मफल की कठोर परीक्षा शनिदेव लेते हैं।

 छाया ग्रह राहु से प्राप्त कष्ट - छाया ग्रह राहु खराब होने पर व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियां होती हैं, जैसे माइग्रेन, मानसिक तनाव, भ्रम और निर्णय लेने में कठिनाई इत्यादि।
 छाया ग्रह केतु से प्राप्त कष्ट - छाया ग्रह केतु के खराब होने पर व्यक्ति अकेलापन महसूस करता है, रिश्तों में तनाव, आकस्मिक चोट की सम्भावनाएं, संतान से कष्ट आदि सम्भावित हैं।

You may also like

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें