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स्पेशल ओलंपिक्स भारत की खास पहल, रन फॉर इन्क्लूशन में पैसिफिक बोचे और बॉलिंग का होगा प्रचार

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नई दिल्ली: बौद्धिक और विकासात्मक अक्षमताओं वाले एथलीटों के लिए खेल को बढ़ावा देने के लिए स्पेशल ओलंपिक्स भारत ने एक नई पहल शुरू की है। इस खेल महासंघ के अंतर्गत 9 नवंबर 2024 को एक अनूठी दौड़, रन फॉर इनक्लूशन आयोजित किया जा रहा है। यह दौड़ नई दिल्ली के त्यागराज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 18 से 23 नवंबर 2024 के बीच आयोजित होने वाली स्पेशल ओलंपिक्स एशिया पैसिफिक बोचे और बॉलिंग प्रतियोगिता की तैयारियों का हिस्सा होगी। यह भारत में अपनी तरह की सबसे बड़ी दौड़ है, जिसका उद्देश्य खेलों के माध्यम से समावेशन की ताकत का जश्न मनाना है और यह चाणक्यपुरी स्थित सेंट्रल सिविल सर्विस ग्राउंड नेहरू पार्क से शुरू होगी। दिल्ली एनसीआर से लगभग 10,000 प्रतिभागियों के इस 3 किलोमीटर दौड़ में शामिल होने की उम्मीद है, जो विशेष एथलीटों के समर्थन में भाग लेंगे। दिल्ली के 100 ज्याजा स्कूलों बच्चें प्रतियोगिता में लेंगे भाग स्पेशल ओलंपिक्स भारत का लक्ष्य 100 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों के लगभग 1000 विशेष एथलीटों (बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्ति) का स्वागत करना है, जो इस दौड़ में एकजुटता से हिस्सा लेंगे। दौड़ का मुख्य उद्देश्य, 'ईच वन, रीच वन' समावेशिता के महत्व पर जोर देगा और प्रत्येक प्रतिभागी को न केवल दौड़ में भाग लेने के लिए बल्कि विशेष एथलीटों तक पहुँचने के लिए भी प्रेरित करेगा। माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री, श्री हर्ष मल्होत्रा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और इस पहल का पूरा समर्थन देंगे। इसके अतिरिक्त, पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सदस्य श्रीमती कमलजीत शेरावत, नई दिल्ली से श्रीमती बंसुरी स्वराज और उत्तर पूर्वी दिल्ली से श्री मनोज तिवारी भी इस अवसर पर अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराएंगे। डॉ. मल्लिका नड्डा ने रन फॉर इंक्लूशन के लिए की अपीलइस प्रतियो को लेकर अपने विचार साझा करते हुए, डॉ. मल्लिका नड्डा तो कि स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्ष हैं ने कहा, 'रन फॉर इंक्लूशन' के माध्यम से हम न केवल खेल की भावना का बल्कि समावेशन की अडिग शक्ति का जश्न मनाते हैं। यह पहल हमारी इस प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि हम एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए कार्यरत हैं, जहां हर व्यक्ति, चाहे उसकी क्षमता कुछ भी हो, हिस्सा ले सकता है, उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है और प्रेरणा बन सकता है। उन्होंने कहा, 'हम सभी से आग्रह करते हैं कि हमारे साथ मिलकर बाधाओं को तोड़ें और एक ऐसा वातावरण बनाएं जहां हर एथलीट को महत्व और सशक्तिकरण महसूस हो। चलिए, एक साथ मिलकर खेल की परिवर्तनकारी शक्ति का उपयोग करते हैं और अपने समुदायों में समावेशन का समर्थन करते हैं।' पैसिफिक बोचे और बॉलिंग प्रतियोगिता का भी होग आयोजन स्पेशल ओलंपिक्स एशिया पैसिफिक बोचे और बॉलिंग प्रतियोगिता, वैश्विक स्तर पर भारत में आयोजित होने वाली अपनी तरह की पहली प्रतियोगिता है। इसका उद्देश्य बौद्धिक और विकासात्मक अक्षमताओं (आईडीडी) वाले 22 वर्ष और उससे अधिक उम्र के एथलीटों पर केंद्रित है। इस प्रतियोगिता में 12 देशों के 100 से अधिक एथलीट भाग लेंगे, जो तीन अलग-अलग क्षेत्रों - पूर्वी एशिया, यूरोप यूरेशिया और एशिया पैसिफिक - से आ रहे हैं। यह स्पेशल ओलंपिक्स भारत (एसओबी) के लिए ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि इसने टेनपिन फेडरेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से विशेष एथलीटों के लिए बॉलिंग को एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में पेश किया है।
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