नई दिल्ली: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 बीते 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गई थी। इस हादसे को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने शनिवार को 15 पेज की 13 पाइंट्स वाली अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की। इसे नागर विमानन मंत्रालय को भी सौंपा गया है।
रिपोर्ट में प्लेन क्रैश होने का कारण हवाई जहाज के टेक ऑफ होने के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजनों को तेल सप्लाई करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच के एक सेकंड में ही अचानक रन से कटऑफ यानी ऑन से ऑफ मोड में चले जाना बताया गया है। जिससे दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई रूक गई और इंजन बंद होने से प्लेन अपनी हाइट खोते हुए क्रैश हो गया। इस हादसे में 260 लोग मारे गए थे। इनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर के अलावा 19 अन्य थे। हादसे में करिश्माई तरीके से 230 यात्रियों में से एक यात्री की जान बच गई थी।
फ्यूल स्विच बंद होने की नहीं बताई कोई वजहहालांकि, रिपोर्ट में दोनों इंजनों को अलग-अलग कंट्रोल से एटीएफ की सप्लाई करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच के इस तरह से अचानक बंद होने का कोई कारण नहीं बताया गया है। इससे यह पता नहीं लग पा रहा है कि क्या इंजनों को तेल सप्लाई करने वाले यह फ्यूल स्विच एयरक्राफ्ट में किसी तकनीकी खराबी की वजह से अचानक बंद हुए। इन्हें पायलटों में से किसी ने जाने-अनजाने बंद किया, प्लेन की मेंटेनेंस के दौरान या अन्य किसी तरह की मानवीय भूल या फिर लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ। यह सब करीब एक साल तक चलने वाली जांच में सामने आएगा।
पायलटों में हुई भ्रम की स्थितिरिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हुई दोनों पायलटों की बातचीत का हवाला देते हुए कहा गया है कि फ्यूल स्विच ऑफ होने से जब फ्लाइट टेक ऑफ होने के चंद सेकंड में ही अपनी हाइट खोने लगी थी। इससे पायलटों में भ्रम की स्थिति बन गई। तब एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि 'Why did he cutoff' यानी 'उसने फ्यूल स्विच बंद क्यों किया'? जवाब में दूसरे पायलट ने कहा कि 'He did not do so' यानी 'उसने ऐसा नहीं किया'।
ऐसे बंद नहीं हो सकते फ्यूल स्विच मामले में हर तरह का एयरक्राफ्ट उड़ाने वाले पायलटों का कहना है कि हवाई जहाज का फ्यूल कंट्रोल स्विच कार के गियर जैसा नहीं होता है, कई बार हाथ लगते ही उपर नीचे हो जाए। इसमें लीवर को उपर उठाकर उसे आगे-पीछे किया जाता है। यह किसी हलके से टच से नहीं हो सकता। फिर जबकि पायलट एक-दूसरे से यह पूछ रहे हैं कि तुमने फ्यूल स्विच ऑफ क्योें किया तो जाहिर है कि ऐसा पायलटों ने तो जानबूझकर नहीं किया होगा। अब इसमें क्या तकनीकी या अन्य गड़बड़ी आई यह जांच का विषय है। जबकि पायलट ने मेडे कॉल भी की थी।
पायलट ने की थी मेडे कॉलरिपोर्ट में बताया गया है कि गैटविक के लिए टेक ऑफ करने वाली एयर इंडिया की इस फ्लाइट ने भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजकर 38 मिनट 39 सेकंड पर रनवे-23 से टेक ऑफ किया था। उड़ान भरने के 26 सेकंड बाद दोपहर 01:39:05 बजे एक पायलट ने एटीसी को ‘मेडे- मेडे- मेडे’ कॉल का संदेश दिया। एटीसी ने कॉल साइन पूछा, लेकिन प्लेन से कोई जवाब नहीं मिला और उसने देखा कि प्लेन एयरपोर्ट कैंपस से बाहर निकलते ही क्रैश हो गया। इस दुर्घटना को भारत की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में से एक और बोइंग 787 से जुड़ी पहली बड़ी घटना बताया गया है। जिसमें विमान पूरी तरह से नष्ट हो गया।
फिलहाल, किसी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा नहींअपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में एएआईबी ने अभी तक एयर इंडिया, बोईंग 787-8 और जीई एनएक्स-1बी इंजन ऑपरेटरों और निर्माताओं में किसी के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा नहीं की गई है। यह एयरक्राफ्ट ‘जीई एनएक्स-1बी’ इंजनों से लैस था। इसमें लेफ्ट इंजन 20 मई 2012 और राइट इंजन 21 जून 2013 का बना हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लेन को टेक ऑफ को-पायलट क्लाइव कुंदर ने कराया था। कप्तान सुमित सभरवाल निगरानी कर रहे थे। टेक ऑफ के बाद इस प्लेन ने दोपहर एक बजकर 38 मिनट 42 सेकंड पर अधिकतम गति 180 नॉट्स आईएएस हासिल की। इसके एक सेकेंड बाद ही पहले इंजन-1 और तुरंत इंजन-2 को फ्यूल सप्लाई करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच क्रमशः रन’ से कटऑफ’ स्थिति में चले गए। हालांकि, दोनों इंजन बंद होने के बाद पायलटों ने इन्हें चालू करने की कोशिश की थी। जिसमें लगभग 10 सेकंड बाद इंजन-1 का फ्यूल स्विच अपनी कटऑफ स्थिति से ‘रन’ में चला गया और उसके चार सेकंड बाद इंजन-2 भी ‘रन’ स्थिति में आ गया।
पायलट ने की थी इंजन चालू करने की कोशिशपायलट दोनों इंजनों को फिर से चालू करने में कामयाब हो भी गए थे। लेकिन केवल इंजन-1 ही ठीक से चालू हो पाया, जबकि इंजन-2 प्लेन को हाइट देने के लिए पर्याप्त पावर पैदा नहीं कर सका। फिर प्लेन कम हाइट होने की वजह से पेडों को छूते हुए चिमनी से टकराया और फिर हॉस्टल में जा गिरा। उड़ान भरने के चंद सेकंड बाद सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि एयरक्राफ्ट के ‘रैम एयर टर्बाइन’ (आरएटी) नामक ‘बैकअप’ पावर सोर्स भी बाहर निकल गया था। जो इंजन से बिजली की कमी का संकेत देता है।
ना मौसम खराब था और ना हुआ बर्ड हिटएएआईबी ने दुर्घटनास्थल पर ड्रोन फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी शामिल समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के ‘एपीयू फिल्टर’ और बाएं पंख के ‘जेट्टिसन वॉल्व’ से बहुत ही सीमित मात्रा में फ्यूल के नमूने लिए जा सके। नमूनों की जांच एक ऐसी प्रयोगशाला में की जाएगी। जहां इतनी कम मात्रा में परीक्षण संभव हो वैसे,डीजीसीए लैब में की गई नमूनों की जांच संतोषजनक बताई गई है। रिपोर्ट में प्लेन के बर्ड हिट होने, खराब मौसम और सबोटाज जैसी किसी आशंका का जिक्र नहीं किया गया है। इसमें कहा गया है कि उस वक्त कहीं कोई बर्ड का झुंड दिखाई नहीं दिया था। विजिबिलिटी भी अच्छी थी और हवाओं की स्पीड और गर्मी भी प्रतिकूल नहीं थी।
चीफ पायलट सभरवाल के पास 15,638 घंटे से अधिक और सह पायलट क्लाइव के पास 3,403 घंटे से अधिक का अनुभव था। एयर इंडिया ने शनिवार को कहा कि वह नियामकों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम कर रही है और जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रही है। बोइंग ने भी एक बयान में कहा कि वह जांच में सहयोग कर रही है। जांच अभी जारी है।
रिपोर्ट में प्लेन क्रैश होने का कारण हवाई जहाज के टेक ऑफ होने के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजनों को तेल सप्लाई करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच के एक सेकंड में ही अचानक रन से कटऑफ यानी ऑन से ऑफ मोड में चले जाना बताया गया है। जिससे दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई रूक गई और इंजन बंद होने से प्लेन अपनी हाइट खोते हुए क्रैश हो गया। इस हादसे में 260 लोग मारे गए थे। इनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर के अलावा 19 अन्य थे। हादसे में करिश्माई तरीके से 230 यात्रियों में से एक यात्री की जान बच गई थी।
फ्यूल स्विच बंद होने की नहीं बताई कोई वजहहालांकि, रिपोर्ट में दोनों इंजनों को अलग-अलग कंट्रोल से एटीएफ की सप्लाई करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच के इस तरह से अचानक बंद होने का कोई कारण नहीं बताया गया है। इससे यह पता नहीं लग पा रहा है कि क्या इंजनों को तेल सप्लाई करने वाले यह फ्यूल स्विच एयरक्राफ्ट में किसी तकनीकी खराबी की वजह से अचानक बंद हुए। इन्हें पायलटों में से किसी ने जाने-अनजाने बंद किया, प्लेन की मेंटेनेंस के दौरान या अन्य किसी तरह की मानवीय भूल या फिर लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ। यह सब करीब एक साल तक चलने वाली जांच में सामने आएगा।
पायलटों में हुई भ्रम की स्थितिरिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हुई दोनों पायलटों की बातचीत का हवाला देते हुए कहा गया है कि फ्यूल स्विच ऑफ होने से जब फ्लाइट टेक ऑफ होने के चंद सेकंड में ही अपनी हाइट खोने लगी थी। इससे पायलटों में भ्रम की स्थिति बन गई। तब एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि 'Why did he cutoff' यानी 'उसने फ्यूल स्विच बंद क्यों किया'? जवाब में दूसरे पायलट ने कहा कि 'He did not do so' यानी 'उसने ऐसा नहीं किया'।
ऐसे बंद नहीं हो सकते फ्यूल स्विच मामले में हर तरह का एयरक्राफ्ट उड़ाने वाले पायलटों का कहना है कि हवाई जहाज का फ्यूल कंट्रोल स्विच कार के गियर जैसा नहीं होता है, कई बार हाथ लगते ही उपर नीचे हो जाए। इसमें लीवर को उपर उठाकर उसे आगे-पीछे किया जाता है। यह किसी हलके से टच से नहीं हो सकता। फिर जबकि पायलट एक-दूसरे से यह पूछ रहे हैं कि तुमने फ्यूल स्विच ऑफ क्योें किया तो जाहिर है कि ऐसा पायलटों ने तो जानबूझकर नहीं किया होगा। अब इसमें क्या तकनीकी या अन्य गड़बड़ी आई यह जांच का विषय है। जबकि पायलट ने मेडे कॉल भी की थी।
पायलट ने की थी मेडे कॉलरिपोर्ट में बताया गया है कि गैटविक के लिए टेक ऑफ करने वाली एयर इंडिया की इस फ्लाइट ने भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजकर 38 मिनट 39 सेकंड पर रनवे-23 से टेक ऑफ किया था। उड़ान भरने के 26 सेकंड बाद दोपहर 01:39:05 बजे एक पायलट ने एटीसी को ‘मेडे- मेडे- मेडे’ कॉल का संदेश दिया। एटीसी ने कॉल साइन पूछा, लेकिन प्लेन से कोई जवाब नहीं मिला और उसने देखा कि प्लेन एयरपोर्ट कैंपस से बाहर निकलते ही क्रैश हो गया। इस दुर्घटना को भारत की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में से एक और बोइंग 787 से जुड़ी पहली बड़ी घटना बताया गया है। जिसमें विमान पूरी तरह से नष्ट हो गया।
फिलहाल, किसी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा नहींअपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में एएआईबी ने अभी तक एयर इंडिया, बोईंग 787-8 और जीई एनएक्स-1बी इंजन ऑपरेटरों और निर्माताओं में किसी के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा नहीं की गई है। यह एयरक्राफ्ट ‘जीई एनएक्स-1बी’ इंजनों से लैस था। इसमें लेफ्ट इंजन 20 मई 2012 और राइट इंजन 21 जून 2013 का बना हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लेन को टेक ऑफ को-पायलट क्लाइव कुंदर ने कराया था। कप्तान सुमित सभरवाल निगरानी कर रहे थे। टेक ऑफ के बाद इस प्लेन ने दोपहर एक बजकर 38 मिनट 42 सेकंड पर अधिकतम गति 180 नॉट्स आईएएस हासिल की। इसके एक सेकेंड बाद ही पहले इंजन-1 और तुरंत इंजन-2 को फ्यूल सप्लाई करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच क्रमशः रन’ से कटऑफ’ स्थिति में चले गए। हालांकि, दोनों इंजन बंद होने के बाद पायलटों ने इन्हें चालू करने की कोशिश की थी। जिसमें लगभग 10 सेकंड बाद इंजन-1 का फ्यूल स्विच अपनी कटऑफ स्थिति से ‘रन’ में चला गया और उसके चार सेकंड बाद इंजन-2 भी ‘रन’ स्थिति में आ गया।
पायलट ने की थी इंजन चालू करने की कोशिशपायलट दोनों इंजनों को फिर से चालू करने में कामयाब हो भी गए थे। लेकिन केवल इंजन-1 ही ठीक से चालू हो पाया, जबकि इंजन-2 प्लेन को हाइट देने के लिए पर्याप्त पावर पैदा नहीं कर सका। फिर प्लेन कम हाइट होने की वजह से पेडों को छूते हुए चिमनी से टकराया और फिर हॉस्टल में जा गिरा। उड़ान भरने के चंद सेकंड बाद सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि एयरक्राफ्ट के ‘रैम एयर टर्बाइन’ (आरएटी) नामक ‘बैकअप’ पावर सोर्स भी बाहर निकल गया था। जो इंजन से बिजली की कमी का संकेत देता है।
ना मौसम खराब था और ना हुआ बर्ड हिटएएआईबी ने दुर्घटनास्थल पर ड्रोन फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी शामिल समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के ‘एपीयू फिल्टर’ और बाएं पंख के ‘जेट्टिसन वॉल्व’ से बहुत ही सीमित मात्रा में फ्यूल के नमूने लिए जा सके। नमूनों की जांच एक ऐसी प्रयोगशाला में की जाएगी। जहां इतनी कम मात्रा में परीक्षण संभव हो वैसे,डीजीसीए लैब में की गई नमूनों की जांच संतोषजनक बताई गई है। रिपोर्ट में प्लेन के बर्ड हिट होने, खराब मौसम और सबोटाज जैसी किसी आशंका का जिक्र नहीं किया गया है। इसमें कहा गया है कि उस वक्त कहीं कोई बर्ड का झुंड दिखाई नहीं दिया था। विजिबिलिटी भी अच्छी थी और हवाओं की स्पीड और गर्मी भी प्रतिकूल नहीं थी।
चीफ पायलट सभरवाल के पास 15,638 घंटे से अधिक और सह पायलट क्लाइव के पास 3,403 घंटे से अधिक का अनुभव था। एयर इंडिया ने शनिवार को कहा कि वह नियामकों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम कर रही है और जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रही है। बोइंग ने भी एक बयान में कहा कि वह जांच में सहयोग कर रही है। जांच अभी जारी है।
- 12 जून को अहमदाबाद में हुआ क्रैश
- बोइंग का यह एयरक्राफ्ट 787-8 2013 में बना था।
- फ्लाइट में 230 यात्री, 10 केबिन क्रू और दो फ्लाइट क्रू सवार थे
- फ्लाइट में सवार 242 में से एक यात्री की जान बची थी, बाकी सभी की मौत हो गई थी
- 19 अन्य लोग मारे गए थे
- हादसे में एक यात्री समेत 68 लोग जख्मी हुए थे
- ब्लैक बॉक्स में करीब 49 घंटे का डेटा रिकॉर्ड था
- इसमें दो घंटे का ऑडियो डेटा रिकवर हुआ
- अधिक डेमेज होने की वजह से अभी तक कुछ चीजें डाउनलोड नहीं हो सकी
- लंदन जाने से पहले यही प्लेन फ्लाइट नबर-एआई-423 के रूप में सुबह 11:17 बजे दिल्ली से अहमदाबाद लैंड हुआ था
- अहमदाबाद में इस प्लेन को 12 जून की दोपहर 1:10 बजे गैटविक के लिए उड़ान भरने के लिए ओके किया गया
- गैटविक जाने वाली इस फ्लाइट के दोनों पायलट मुंबई बेसड थे। जो की 11 जून को अहमदाबाद पहुंच गए थे
- दोनों का ब्रीथ एनेलाइजर टेस्ट ओके पाया गया था
- प्लेन में 54 हजार 200 किलो फ्यूल भरा गया था
- टेक ऑफ करते वक्त इसका वजन दो लाख 13 हजार 401 किलो था
- जबकि यह अधिकतम दो लाख 18 हजार 183 किलो वजन तक कैरी कर सकता था
- प्लेन में कोई खतरनाक सामान नहीं लोड किया गया था
- जब प्लेन की अधिकतम स्पीड 180 नोटस थी। तभी इसके दोनों फ्यूल स्विच बंद होने से इंजन बंद हो गए
- दुर्घटना में प्लेन में सवार 242 लोगों में से अकेले जीवित बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश (45) ‘11ए’ सीट पर बैठे थे।
- यह सीट इमरजेंसी एग्जिट गेट के पास विंडो सीट थी
- मौके पर 12 जून को ही एएआईबी डीजी समेत पांच अधिकारी पहुंचे
- 13 जून को जांच शुरू की और केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बहु-विभागीय समिति टीम का गठन किया गया
- 13 जून को ही ब्लैक बॉक्स का पहला पार्ट और 16 जून को दूसरा पार्ट बरामद किया गया
- ब्लैक बॉक्स को पूरी सुरक्षा में 24 जून को वायुसेना के विमान द्वारा अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया
- 25 जून को फ्रंट ब्लैक बॉक्स से 'क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल' (सीपीएम) सुरक्षित रूप से निकाला गया
- संयुक्त राष्ट्र की संस्था ‘अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन’ (आईसीएओ) के विशेषज्ञ को जांच में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है
- दुर्घटना के एक दिन बाद डीजीसीए ने एयर इंडिया से अपने सभी 33 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बेड़े की सुरक्षा जांच को और बढ़ाने का आदेश दिया
- एयर इंडिया ने अपने बोइंग 777 विमान बेड़े की भी सघन जांच के दायरे में लिया
- एयर इंडिया को चलाने वाली कंपनी टाटा संस ने पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए के मुआवजा देने की घोषणा की
You may also like
टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या आख़िर क्यों की गई, अब तक क्या-क्या पता है
कटरा पुलिस ने अवैध रूप से भारत में घुसे बांग्लादेशी नागरिक को किया गिरफ्तार
सरकारी नौकरी को देश सेवा का अवसर समझ कर्तव्यों का पालन करना चाहिए : नितिन गडकरी
राजा मानसिंह का रहस्यमयी खजाना: इंदिरा गांधी की दिलचस्पी और पाकिस्तान का दावा
मैदानी क्षेत्र से लौटकर अब हाथी पहुंचा केरेगांव के जंगल