नई दिल्ली: भारत की संयुक्त राष्ट्र में बड़ी जीत हुई है। उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की सदस्यता मिल गई है और साथ में फुल वीटो पॉवर मिल गया है। सोशल मीडिया पर इस तरह के दावे किए जा रहे हैं। इन दावों में भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता मिलने की बात कही जा रही है, जिसे दूरदर्शन न्यूज के एक संपादक बता रहे हैं। वहीं, एक और यूजर ने दावा किया है कि भारत को पूरा वीटो पावर मिल गया है। जानते हैं कि इन बातों में कितनी सच्चाई है और यह भी जानेंगे कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कितने स्थायी सदस्य हैं और वीटो पॉवर किन्हें मिलती है। एनबीटी फैक्ट चेक में जानते हैं पूरी हकीकत।
क्या है इस वीडियो में, पहले यह जानते हैं
सोशल मीडिया फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें दूरदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता और पूर्ण वीटो पावर मिलने की बात कर रहे हैं। वीडियो में संपादक विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बातचीत के बारे में जिक्र करते हुए दिख रहे हैं, जहां वह ट्रंप से कहते हैं कि भारत किसी के आदेश पर नहीं चलेगा। यह वीडियो तेजी से फैल रहा है और इसे करीब 65 लाख व्यूज और 2.5 लाख से ज्यादा लाइक्स मिल चुके थे।
वीडियो क्लिप में दावा-अमेरिका हुआ राजी
इस क्लिप में आगे बताया गया है कि अमेरिका के अलावा मौजूदा स्थायी सदस्य देश भारत को पूर्ण वीटो पावर के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने पर सहमत हुए हैं।
क्या है इस वीडियो की सच्चाई,जानिए
यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से बनाया गया है और पूरी तरह फर्जी है। भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता या वीटो पावर नहीं है। इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है, यह पूरी तरह से झूठ है। वीडियो का ऑडियो भी एआई से तैयार किया गया है। दावे के दौरान कई जगहों पर आवाज में उच्चारण बनावटी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पूर्व राष्ट्रपति कहा जाना भी तथ्यात्मक गलती है। वैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनाने के लिए भारत को कई देशों का समर्थन मिल रहा है।
Grok ने भी बता दी पूरी हकीकत
जब ग्रोक से इस बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि भारत को अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता नहीं मिली है और न ही उसे वीटो पावर मिली है। हाल ही में कुछ वायरल वीडियो और पोस्ट्स (जैसे AI से एडिटेड क्लिप्स) दावा कर रहे हैं कि भारत को 154 देशों के समर्थन से स्थायी सदस्यता मिल गई है, लेकिन ये सभी झूठे हैं। कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। UNSC सुधार की चर्चा जारी है, लेकिन इसमें अभी कई वर्ष लग सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए UN की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
UNSC में स्थायी सदस्यता की क्या है मौजूदा स्थितिun.org के अनुसार, UNSC के स्थायी सदस्य वर्तमान में केवल पांच देश हैं। अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम। ये ही देश वीटो पावर का उपयोग कर सकते हैं, जो किसी यूएन में किसी प्रस्ताव को रोकने की शक्ति प्रदान करता है। इसके अलावा, यूएन में 10 अस्थायी सदस्य होते हैं, जो महासभा द्वारा हर दो साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं।
UNSC में भारत की क्या रही है भूमिका
भारत ने UNSC में आठ बार अस्थायी सदस्य के रूप में सेवा की है, जिसमें सबसे हालिया कार्यकाल 2021-22 का था। भारत G4 समूह (भारत, ब्राजील, जर्मनी, जापान) का हिस्सा है, जो स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है। हालांकि, नवंबर 2025 तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। 4 नवंबर 2025 तक, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और रूस ने भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है, लेकिन चीन इसका विरोध कर रहा है। 2025 के संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र (80वां) में स्थायी सदस्यता या वीटो पावर पर कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ।
क्या है इस वीडियो में, पहले यह जानते हैं
सोशल मीडिया फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें दूरदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता और पूर्ण वीटो पावर मिलने की बात कर रहे हैं। वीडियो में संपादक विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बातचीत के बारे में जिक्र करते हुए दिख रहे हैं, जहां वह ट्रंप से कहते हैं कि भारत किसी के आदेश पर नहीं चलेगा। यह वीडियो तेजी से फैल रहा है और इसे करीब 65 लाख व्यूज और 2.5 लाख से ज्यादा लाइक्स मिल चुके थे।
वीडियो क्लिप में दावा-अमेरिका हुआ राजी
इस क्लिप में आगे बताया गया है कि अमेरिका के अलावा मौजूदा स्थायी सदस्य देश भारत को पूर्ण वीटो पावर के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने पर सहमत हुए हैं।
क्या है इस वीडियो की सच्चाई,जानिए
यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से बनाया गया है और पूरी तरह फर्जी है। भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता या वीटो पावर नहीं है। इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है, यह पूरी तरह से झूठ है। वीडियो का ऑडियो भी एआई से तैयार किया गया है। दावे के दौरान कई जगहों पर आवाज में उच्चारण बनावटी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पूर्व राष्ट्रपति कहा जाना भी तथ्यात्मक गलती है। वैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनाने के लिए भारत को कई देशों का समर्थन मिल रहा है।
🇫🇮 Finland President Alexander Stubb: India will be the next superpower. He strongly supports India’s permanent seat in the UN Security Council, arguing the institution will weaken without India’s voice.#UNSC #India2047 #Finland pic.twitter.com/gsXBFlblm5
— Everyday Pursuits (@evrydaypursuit) November 4, 2025
Grok ने भी बता दी पूरी हकीकत
जब ग्रोक से इस बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि भारत को अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता नहीं मिली है और न ही उसे वीटो पावर मिली है। हाल ही में कुछ वायरल वीडियो और पोस्ट्स (जैसे AI से एडिटेड क्लिप्स) दावा कर रहे हैं कि भारत को 154 देशों के समर्थन से स्थायी सदस्यता मिल गई है, लेकिन ये सभी झूठे हैं। कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। UNSC सुधार की चर्चा जारी है, लेकिन इसमें अभी कई वर्ष लग सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए UN की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
UNSC में स्थायी सदस्यता की क्या है मौजूदा स्थितिun.org के अनुसार, UNSC के स्थायी सदस्य वर्तमान में केवल पांच देश हैं। अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम। ये ही देश वीटो पावर का उपयोग कर सकते हैं, जो किसी यूएन में किसी प्रस्ताव को रोकने की शक्ति प्रदान करता है। इसके अलावा, यूएन में 10 अस्थायी सदस्य होते हैं, जो महासभा द्वारा हर दो साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं।
UNSC में भारत की क्या रही है भूमिका
भारत ने UNSC में आठ बार अस्थायी सदस्य के रूप में सेवा की है, जिसमें सबसे हालिया कार्यकाल 2021-22 का था। भारत G4 समूह (भारत, ब्राजील, जर्मनी, जापान) का हिस्सा है, जो स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है। हालांकि, नवंबर 2025 तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। 4 नवंबर 2025 तक, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और रूस ने भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है, लेकिन चीन इसका विरोध कर रहा है। 2025 के संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र (80वां) में स्थायी सदस्यता या वीटो पावर पर कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ।
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