लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। अक्टूबर से आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के पदों पर आरक्षण निर्धारित किया जाएगा। मतदाता सूचियों के नवीनीकरण का काम दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह सब 2011 की जनगणना के आधार पर पुरानी नियमावली के अनुसार होगा। पंचायतीराज विभाग ने ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन पूरा कर लिया है, जिससे प्रदेश में ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57695 हो गई है।
प्रदेश में 504 ग्राम पंचायतें कम हुई हैं और अब ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57695 हो गई है। इससे पिछली बार की अपेक्षा इस बार ग्राम प्रधानों की संख्या भी कम हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायती राज विभाग ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। फिलहाल अब वार्डों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू होगी और इसके लिए जल्द आपत्तियां मांगी जाएंगी।
पिछला वर्ग आयोग बनना बाकी हैओबीसी आरक्षण के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की प्रक्रिया भी पूरी की जानी है। आयोग को ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए कम से कम तीन महीने का समय दिया जाना जरूरी है। वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में आरक्षित सीटों का भूगोल बदल जाएगा। ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत, एससी के लिए 20.69 प्रतिशत और एससी श्रेणी के लिए 0.56 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। आरक्षित सीटों में संबंधित वर्ग की महिलाओं के लिए भी 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी।
प्रदेश में 504 ग्राम पंचायतें कम हुई हैं और अब ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57695 हो गई है। इससे पिछली बार की अपेक्षा इस बार ग्राम प्रधानों की संख्या भी कम हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायती राज विभाग ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। फिलहाल अब वार्डों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू होगी और इसके लिए जल्द आपत्तियां मांगी जाएंगी।
पिछला वर्ग आयोग बनना बाकी हैओबीसी आरक्षण के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की प्रक्रिया भी पूरी की जानी है। आयोग को ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए कम से कम तीन महीने का समय दिया जाना जरूरी है। वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में आरक्षित सीटों का भूगोल बदल जाएगा। ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत, एससी के लिए 20.69 प्रतिशत और एससी श्रेणी के लिए 0.56 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। आरक्षित सीटों में संबंधित वर्ग की महिलाओं के लिए भी 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी।
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