चितौड़गढ़: राजस्थान के श्रद्धा-विश्वास और भक्ति के बड़े केन्द्रों में अग्रणी और बड़ा केंद्र, मेवाड़ के कृष्णधाम सांवलिया सेठ मंदिर में एक बार फिर आस्था ने चमत्कार कर दिखाया है। 24 जून को खुले मासिक भंडार से अब तक की गिनती में 22 करोड़ 76 लाख 71 हजार 100 रुपए गिने जा चुके हैं, और ये सिलसिला अभी थमा नहीं है। गुरुवार को छटे चरण में अगली गिनती में ये आंकड़ा 25 करोड़ के पार जाने का अनुमान है।
पहले ही दिन आस्था ने दिए संकेत24 जून को जैसे ही कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर भंडार खोला गया, दानपात्रों से नोटों की बौछार शुरू हो गई। पहले ही दिन श्रद्धालुओं की आस्था ने कमाल कर दिया और 10 करोड़ 25 लाख रुपए की गिनती हुई। ये शुरुआत ही बता रही थी कि इस बार का चढ़ावा रिकॉर्ड तोड़ने वाला है।
हर दिन करोड़ों की गिनती, दान नहीं, आस्था का तूफान!
क्या बनेगा नया रिकॉर्ड?अब सबकी निगाहें 3 जुलाई गुरुवार को होने वाली गिनती पर टिकी हैं। शेष बचे दान पात्रों और सोने-चांदी के चढ़ावे की गणना अभी बाकी है। मंदिर मंडल का मानना है कि 'इस बार दानराशि 25 करोड़ के पार जा सकती है। और ये चमत्कार हर महीने होता है।' चितौड़गढ़ के मंडफिया गांव स्थित यह मंदिर, भक्तों के लिए सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि संघर्ष, सफलता और संकल्प का प्रतीक बन चुका है। यहां चढ़ावे में चांदी के हाथी, सोने के आभूषण, महंगी घड़ियां, मोबाइल और नकद की भरमार यह सब इस बात का संकेत है कि ईश्वर में निवेश करने वाले कभी दिवालिया नहीं होते।
पहले ही दिन आस्था ने दिए संकेत24 जून को जैसे ही कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर भंडार खोला गया, दानपात्रों से नोटों की बौछार शुरू हो गई। पहले ही दिन श्रद्धालुओं की आस्था ने कमाल कर दिया और 10 करोड़ 25 लाख रुपए की गिनती हुई। ये शुरुआत ही बता रही थी कि इस बार का चढ़ावा रिकॉर्ड तोड़ने वाला है।
हर दिन करोड़ों की गिनती, दान नहीं, आस्था का तूफान!
- 24 जून (पहला राउंड) 10.25 करोड़
- 26 जून (दूसरा राउंड) 1.80 करोड़
- 27 जून (तीसरा राउंड) 4.55 करोड़
- 1 जुलाई (चौथा राउंड) 5.16 करोड़
- 2 जुलाई (पांचवां राउंड) 1.71 लाख
- कुल अब तक 22.76 करोड़
क्या बनेगा नया रिकॉर्ड?अब सबकी निगाहें 3 जुलाई गुरुवार को होने वाली गिनती पर टिकी हैं। शेष बचे दान पात्रों और सोने-चांदी के चढ़ावे की गणना अभी बाकी है। मंदिर मंडल का मानना है कि 'इस बार दानराशि 25 करोड़ के पार जा सकती है। और ये चमत्कार हर महीने होता है।' चितौड़गढ़ के मंडफिया गांव स्थित यह मंदिर, भक्तों के लिए सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि संघर्ष, सफलता और संकल्प का प्रतीक बन चुका है। यहां चढ़ावे में चांदी के हाथी, सोने के आभूषण, महंगी घड़ियां, मोबाइल और नकद की भरमार यह सब इस बात का संकेत है कि ईश्वर में निवेश करने वाले कभी दिवालिया नहीं होते।
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