मॉस्को: अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए आशंका जताई जाने लगी है कि एक बार फिर से शीत युद्ध जैसी हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है। अमेरिकी धमकियों के जवाब में रूस ने घोषणा की है कि अब उसकी परमाणु मिसाइलों की तैनाती पर कोई सीमा नहीं रहेगी। इसे पश्चिमी देशों के लिए डरावनी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। मॉस्को ने अमेरिका और नाटो के कदमों का मुकाबला ताकत से करने की कसम खाई है। रूसी विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि अमेरिका और उसके सहयोगी यूरोप में मध्यम दूरी के हथियार तैनात करने की तैयारी करके देश की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा पैदा कर रहे हैं।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि मॉस्को को जवाब देने की पूरी आजादी है। 'रूस अब खुद को किसी चीज से बंधा हुआ नहीं मानता है। इसलिए रूस का मानना है कि जरूरत पड़ने पर उसे उचित कदम उठाने का अधिकार है।' अमेरिका की अगले साल से जर्मनी में अमेरिकी टाइफून और डार्क ईगल मिसाइलों की तैनाती की योजना है, जिसे रूस अपने लिए बड़े खतरे के रूप में देखता है।
अमेरिका पर परमाणु तनाव भड़काने का आरोप
क्रेमलिन ने कहा है कि अमेरिका के इस कदम ने रणनीतिक स्थिरता को नष्ट कर दिया है। उसने अमेरिका पर 'परमाणु शक्तियों के बीच तनाव में खतरनाक वृद्धि का जोखिम उठाने' का आरोप लगाया। रूस की पश्चिम को अब तक की सबसे खतरनाक चेतावनी है जिसमें साफ कहा गया है कि व्लादिमीर पुतिन परमाणु प्रतिरोध की रेड लाइन फिर से खींचने के लिए तैयार हैं।
पुतिन की खतरनाक परमाणु मिसाइल
रूसी राष्ट्रपति इस साल के अंत तक बेलारूस में ओरेशनिक मिसाइल तैनात करने की तैयारी कर रहे हैं। मैक 10 (12348 किमी प्रतिघंटे) की रफ्तार से चलने वाला हथियार कई परमाणु या पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल के बारे में दावा किया गया है कि यह यूरोप में कहीं भी लक्ष्य को भेद सकती है। बीते साल नवम्बर में यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल किया गया यह हथियार किसी भी पश्चिमी मिसाइल रक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है। पुतिन ने कहा है कि ओरेशनिक मिसाइल से दागे जाने वाले कुछ पारंपरिक हथियार परमाणु हमले के बराबर तबाही मचा सकते हैं।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि मॉस्को को जवाब देने की पूरी आजादी है। 'रूस अब खुद को किसी चीज से बंधा हुआ नहीं मानता है। इसलिए रूस का मानना है कि जरूरत पड़ने पर उसे उचित कदम उठाने का अधिकार है।' अमेरिका की अगले साल से जर्मनी में अमेरिकी टाइफून और डार्क ईगल मिसाइलों की तैनाती की योजना है, जिसे रूस अपने लिए बड़े खतरे के रूप में देखता है।
अमेरिका पर परमाणु तनाव भड़काने का आरोप
क्रेमलिन ने कहा है कि अमेरिका के इस कदम ने रणनीतिक स्थिरता को नष्ट कर दिया है। उसने अमेरिका पर 'परमाणु शक्तियों के बीच तनाव में खतरनाक वृद्धि का जोखिम उठाने' का आरोप लगाया। रूस की पश्चिम को अब तक की सबसे खतरनाक चेतावनी है जिसमें साफ कहा गया है कि व्लादिमीर पुतिन परमाणु प्रतिरोध की रेड लाइन फिर से खींचने के लिए तैयार हैं।
पुतिन की खतरनाक परमाणु मिसाइल
रूसी राष्ट्रपति इस साल के अंत तक बेलारूस में ओरेशनिक मिसाइल तैनात करने की तैयारी कर रहे हैं। मैक 10 (12348 किमी प्रतिघंटे) की रफ्तार से चलने वाला हथियार कई परमाणु या पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल के बारे में दावा किया गया है कि यह यूरोप में कहीं भी लक्ष्य को भेद सकती है। बीते साल नवम्बर में यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल किया गया यह हथियार किसी भी पश्चिमी मिसाइल रक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है। पुतिन ने कहा है कि ओरेशनिक मिसाइल से दागे जाने वाले कुछ पारंपरिक हथियार परमाणु हमले के बराबर तबाही मचा सकते हैं।
You may also like
OICL Assistant Recruitment 2025: 500 पदों के लिए आवेदन शुरू, जान लें अप्लाई करने का तरीका
अमेरिकी टैरिफ का भारत पर प्रभाव केवल जीडीपी का 0.19 प्रतिशत रहने का अनुमान : पीएचडीसीसीआई
भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा, 'सुवेंदु अधिकारी के साथ बड़ी अनहोनी हो सकती थी'
हुमा कुरैशी ने भूटान में पूरा किया 'टाइगर नेस्ट ट्रेक', बताया जीवन बदलने वाला अनुभव
Government Jobs: पशु चिकित्सा अधिकारी के 1100 पदों की भर्ती के लिए शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया