नई दिल्ली: खालिस्तानी समर्थक की हत्या के बाद कनाडा और भारत के संबंधों में तनातनी देखनी को मिली, लेकिन अब दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं। कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद रविवार देर रात दिल्ली पहुंचेंगी। वह दो दिन की भारत यात्रा पर होंगी। इस दौरान वह अपने समकक्ष भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगी। इसी बीच नव नियुक्त अमेरिकी राजदूत और ट्रंप के खासमखास सर्जियो गोर भी सात दिन के भारत दौरे पर हैं।
दोनों देश व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सहयोग के लिए एक ढांचा तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यह यात्रा भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंधों को फिर से मजबूत करने के प्रयासों को बढ़ावा देगी। यह संबंध खालिस्तान समर्थक की हत्या को लेकर हुए विवाद के बाद कमजोर हो गए थे।
भारत से संबंधों को बहाल करना चाहती है कार्नी सरकार
दरअसल, भारत और कनाडा व्यापार विविधीकरण, ऊर्जा परिवर्तन और सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर रणनीतिक सहयोग की रूपरेखा स्थापित करने की दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। ऐसे में यह यात्रा कार्नी सरकार द्वारा भारत के साथ संबंधों को बहाल करने के प्रयासों के बीच हो रही है।
कनाडाई विदेश मंत्री दोनों देशों में निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक अवसरों पर केंद्रित कनाडाई और भारतीय फर्मों के साथ बातचीत करने के लिए मुंबई भी जाएंगी।
भारत के बाद चीन और सिंगापुर जाएंगी अनीता आनंद
कनाडा ने अपनी घोषणा में कहा, कि भारत 2025 तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। कनाडा कृषि, महत्वपूर्ण खनिजों और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत के साथ अपने व्यावसायिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। अनीता आनंद भारत के बाद सिंगापुर और चीन की यात्रा भी करेंगी।
इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल जून में कनाडा के अल्बर्टा के कनानास्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को फिर से ठीक करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की थी।
अजीत डोवाल ने कनाडाई एनएसए से की थी मुलाकात
पिछले महीने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी अपनी कनाडाई समकक्ष नथाली जी ड्रोइन से मुलाकात की और आतंकवाद-निरोध, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की।
दोनों देश व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सहयोग के लिए एक ढांचा तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यह यात्रा भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंधों को फिर से मजबूत करने के प्रयासों को बढ़ावा देगी। यह संबंध खालिस्तान समर्थक की हत्या को लेकर हुए विवाद के बाद कमजोर हो गए थे।
भारत से संबंधों को बहाल करना चाहती है कार्नी सरकार
दरअसल, भारत और कनाडा व्यापार विविधीकरण, ऊर्जा परिवर्तन और सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर रणनीतिक सहयोग की रूपरेखा स्थापित करने की दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। ऐसे में यह यात्रा कार्नी सरकार द्वारा भारत के साथ संबंधों को बहाल करने के प्रयासों के बीच हो रही है।
कनाडाई विदेश मंत्री दोनों देशों में निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक अवसरों पर केंद्रित कनाडाई और भारतीय फर्मों के साथ बातचीत करने के लिए मुंबई भी जाएंगी।
भारत के बाद चीन और सिंगापुर जाएंगी अनीता आनंद
कनाडा ने अपनी घोषणा में कहा, कि भारत 2025 तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। कनाडा कृषि, महत्वपूर्ण खनिजों और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत के साथ अपने व्यावसायिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। अनीता आनंद भारत के बाद सिंगापुर और चीन की यात्रा भी करेंगी।
इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल जून में कनाडा के अल्बर्टा के कनानास्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को फिर से ठीक करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की थी।
अजीत डोवाल ने कनाडाई एनएसए से की थी मुलाकात
पिछले महीने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी अपनी कनाडाई समकक्ष नथाली जी ड्रोइन से मुलाकात की और आतंकवाद-निरोध, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की।
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