OpenAI ने एक ऐसी बात कही है, जो लोगों को चौंका रही है। उसके अनुसार, अगर अमेरिका ने बिजली उत्पादन क्षमता में बड़े पैमाने पर निवेश नहीं किया, तो वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI ) की दौड़ में चीन से पिछड़ सकता है। जी हां, इस समय अमेरिका एआई की दौड़ में सबसे आगे है। Sam Altman की कंपनी OpenAI, Google, Anthropic और Meta जैसी कंपनियां AI के क्षेत्र में अरबों डॉलर लगा रही हैं। हालांकि, और भी कई कंपनियां एआई की रेस में आगे निकलने के लिए कड़े दांव खेल रही हैं। सिर्फ टॉप टैलेंट या फंडिंग की ही जरूरत नहीं है। OpenAI ने इसी बात पर चिंता जताते हुए अमेरिका को चेतावनी दी है। कंपनी का कहना है कि चीन बिजली उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जो अमेरिका के लिए चिंता का विषय है। पूरी खबर के लिए नीचे पढ़ें।
अमेरिका को बड़े पैमाने पर करना होगा निवेशहाल ही में एक ब्लॉग पोस्ट में OpenAI ने US नेताओं को कड़ी चेतावनी दी है। उनसे कंपनी ने देश की बिजली बनाने की क्षमता में तुरंत और बड़े पैमाने पर निवेश करने की अपील की है, ताकि ग्लोबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दौड़ में अमेरिका, चीन से पीछे न रह जाए। व्हाइट हाउस के साथ शेयर किए गए लेटर में, कंपनी ने अमेरिका के एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को मॉडर्न बनाने के लिए एक बड़े राष्ट्रीय कमिटमेंट की मांग की। कंपनी का कहना है कि चीन के पावर बढ़ाने के पैमाने और स्पीड के कारण AI की रेस में वह यूनाइटेड स्टेट्स से आगे निकल सकता है।
पिछले साल चीन ने अमेरिका से 8 गुना से भी ज्यादा बिजली बनाईओपनएआई के एनालिस्ट के अनुसार, चीन ने पिछले साल 429 गीगावाट बिजली क्षमता जोड़ी है। वहीं, अमेरिका का आंकड़ा 51 गीगावाट है। इसका मतलब है कि अमेरिका की तुलना में चीन ने आठ गुना से भी ज्यादा बिजली क्षमता बढ़ाई है। कंपनी ने इस बढ़ते अंतर को इलेक्ट्रॉन गैप कहा है। उनका मानना है कि यह सिर्फ बिजली की कमी नहीं है, बल्कि इसके अमेरिका की आर्थिक ताकत, तकनीकी प्रतिस्पर्धा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर बुरा असर पड़ सकता है।
एआई डेटा सेंटर के लिए बढ़ रही बिजली की मांग OpenAI का मानना है कि AI डेटा सेंटरों की बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए अमेरिका को सालाना कम से कम 100 गीगावाट नई बिजली क्षमता जोड़नी चाहिए। कंपनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि बिजली सिर्फ एक सुविधा नहीं है। यह एक स्ट्रेटेजिक एसेट है, जो AI इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए बहुत जरूरी है।
बता दें कि समय के साथ-साथ एआई की मांग बढ़ती जा रही है। AI की बढ़ती मांग का मुख्य कारण AI वर्कलोड में तेजी से हो रही वृद्धि है। इसके लिए ऐसे बड़े डेटा सेंटर की जरूरत है, जो हाई-परफॉर्मेंस वाले कंप्यूटिंग हार्डवेयर से भरा हो।
अमेरिका को बड़े पैमाने पर करना होगा निवेशहाल ही में एक ब्लॉग पोस्ट में OpenAI ने US नेताओं को कड़ी चेतावनी दी है। उनसे कंपनी ने देश की बिजली बनाने की क्षमता में तुरंत और बड़े पैमाने पर निवेश करने की अपील की है, ताकि ग्लोबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दौड़ में अमेरिका, चीन से पीछे न रह जाए। व्हाइट हाउस के साथ शेयर किए गए लेटर में, कंपनी ने अमेरिका के एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को मॉडर्न बनाने के लिए एक बड़े राष्ट्रीय कमिटमेंट की मांग की। कंपनी का कहना है कि चीन के पावर बढ़ाने के पैमाने और स्पीड के कारण AI की रेस में वह यूनाइटेड स्टेट्स से आगे निकल सकता है।
पिछले साल चीन ने अमेरिका से 8 गुना से भी ज्यादा बिजली बनाईओपनएआई के एनालिस्ट के अनुसार, चीन ने पिछले साल 429 गीगावाट बिजली क्षमता जोड़ी है। वहीं, अमेरिका का आंकड़ा 51 गीगावाट है। इसका मतलब है कि अमेरिका की तुलना में चीन ने आठ गुना से भी ज्यादा बिजली क्षमता बढ़ाई है। कंपनी ने इस बढ़ते अंतर को इलेक्ट्रॉन गैप कहा है। उनका मानना है कि यह सिर्फ बिजली की कमी नहीं है, बल्कि इसके अमेरिका की आर्थिक ताकत, तकनीकी प्रतिस्पर्धा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर बुरा असर पड़ सकता है।
एआई डेटा सेंटर के लिए बढ़ रही बिजली की मांग OpenAI का मानना है कि AI डेटा सेंटरों की बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए अमेरिका को सालाना कम से कम 100 गीगावाट नई बिजली क्षमता जोड़नी चाहिए। कंपनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि बिजली सिर्फ एक सुविधा नहीं है। यह एक स्ट्रेटेजिक एसेट है, जो AI इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए बहुत जरूरी है।
बता दें कि समय के साथ-साथ एआई की मांग बढ़ती जा रही है। AI की बढ़ती मांग का मुख्य कारण AI वर्कलोड में तेजी से हो रही वृद्धि है। इसके लिए ऐसे बड़े डेटा सेंटर की जरूरत है, जो हाई-परफॉर्मेंस वाले कंप्यूटिंग हार्डवेयर से भरा हो।
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