रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही नक्सली ऑपरेशन के बाद माओवादी संगठनों में बड़े फेरबदल का दावा किया जा रहा है। खूंखार नक्सली बसवाराजू के मारे जाने के बाद थिप्पिरी तिरुपति उर्फ देवजी को संगठन का नया महासचिव नियुक्त किया है। इसके साथ ही PLGA बटालियन कमांडर माड़वी हिड़मा को बस्तर की जिम्मेदारी सौंपी है। जानकारी के अनुसार, हिड़मा को दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सेक्रेटरी बनाया गया है।
नक्सल संगठन में फेरबदल के दावों को लेकर बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि नक्सली संगठन का लीडर कोई भी बन जाए सुरक्षाबल के जवानों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह एक प्रतिबंधित संगठन है और हमारा पूरा उद्देश्य है कि हम मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ की जमीन से नक्सलवाद को खत्म कर देंगे।
कौन है माडवी हिड़मा और देवजी
माडवी हिड़मा 1996 से नक्सल संगठन से जुड़ा। अब तक कई निर्दोष ग्रामीण और पुलिस जवानों को मार चुका है। उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित है। वह संगठन संगठनों का टॉप लीडर माना जाता है। वहीं, देवजी बस्तर के 131 से ज्यादा जवानों का हत्यारा है। ताड़मेटला-रानीबोदली अटैक का मास्टरमाइंड है। नक्सल महासचिव देवजी पर 1 करोड़ से ज्यादा का इनाम घोषित है।
देवजी के बारे में बताया जाता है कि वह तेलंगाना का रहने वाला है और लंबे समय से संगठन में एक्टिव है। अभी उसकी उम्र 64 साल बताई जा रही है। देवजी संगठन के लिए रणनीति बनाने का काम करता था और कई अहम हमलों का मास्टर माइंड है।
सुरक्षाबल के जवानों को फर्क नहीं पड़ता
बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि सुरक्षाबल के जवानों का हौंसला बुलंद है। नक्सली संगठन का लीडर कौन है इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त करना है। सुरक्षाबल के जवानों ने बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। नक्सली संगठन इस समय बैकफुट पर हैं। उन्होंने कहा कि हम मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त कर देंगे।
नक्सल संगठन में फेरबदल के दावों को लेकर बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि नक्सली संगठन का लीडर कोई भी बन जाए सुरक्षाबल के जवानों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह एक प्रतिबंधित संगठन है और हमारा पूरा उद्देश्य है कि हम मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ की जमीन से नक्सलवाद को खत्म कर देंगे।
कौन है माडवी हिड़मा और देवजी
माडवी हिड़मा 1996 से नक्सल संगठन से जुड़ा। अब तक कई निर्दोष ग्रामीण और पुलिस जवानों को मार चुका है। उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित है। वह संगठन संगठनों का टॉप लीडर माना जाता है। वहीं, देवजी बस्तर के 131 से ज्यादा जवानों का हत्यारा है। ताड़मेटला-रानीबोदली अटैक का मास्टरमाइंड है। नक्सल महासचिव देवजी पर 1 करोड़ से ज्यादा का इनाम घोषित है।
देवजी के बारे में बताया जाता है कि वह तेलंगाना का रहने वाला है और लंबे समय से संगठन में एक्टिव है। अभी उसकी उम्र 64 साल बताई जा रही है। देवजी संगठन के लिए रणनीति बनाने का काम करता था और कई अहम हमलों का मास्टर माइंड है।
सुरक्षाबल के जवानों को फर्क नहीं पड़ता
बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि सुरक्षाबल के जवानों का हौंसला बुलंद है। नक्सली संगठन का लीडर कौन है इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त करना है। सुरक्षाबल के जवानों ने बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। नक्सली संगठन इस समय बैकफुट पर हैं। उन्होंने कहा कि हम मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त कर देंगे।
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