नई दिल्ली: केरल से अच्छी खबर है! एक महीने से अधिक समय से तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खड़ा ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35B लड़ाकू विमान अब उड़ान भरने के लिए तैयार है। ईंधन की कमी और तकनीकी खराबी के कारण इसे इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। अब बताया जा रहा है कि इंजीनियरों और तकनीशियनों की टीम ने इस अत्याधुनिक फाइटर जेट में आई खराबी को कई नाकामियों के बाद दुरुस्त कर लिया है। संभावना है कि अगले हफ्ते तक यह फाइटर जेट ब्रिटेन के लिए रवाना हो जाएगा।
हाइड्रोलिक सिस्टम की खराबी ठीक-रिपोर्ट
मातृभूमि डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटिश रॉयल नेवी के स्टील्थ फाइटर जेट F-35B में आई तकनीकी दिक्कतों को ठीक कर लिया गया है। शुरुआत में पता चला कि विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम और ऑक्सिलरी पावर यूनिट में बड़ी खराबी थी। हाइड्रोलिक सिस्टम विमान के ब्रेक और लैंडिंग गियर जैसे महत्वपूर्ण हिस्सों को कंट्रोल करता है। ऑक्सिलरी पावर यूनिट एक छोटा इंजन होता है, जो विमान को स्टार्ट करने और अन्य सिस्टम को चलाने के लिए बिजली देता है। दोनों को ठीक कर दिया गया है।
फाइटर जेट के सारे टेस्ट सफल होने की रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक मरम्मत के बाद जेट को एयर पोर्ट के हैंगर से बाहर निकाला गया। फिर इंजन की परफॉर्मेंस को अच्छी तरह से टेस्ट किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि विमान उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से फिट है। इससे पहले हैंगर में सैंडब्लास्ट फैसिलिटी का इस्तेमाल करके इंजन की क्षमता का आकलन किया गया। इससे मुश्किल हालात में भी इंजन की परफॉर्मेंस कैसी रहेगी, इसका पता लगाया जाता। सारे टेस्ट सफल रहे, इसके बाद अब विमान को अपने गंतव्य की ओर भेजने की तैयारी चल रही है।
14 जून को हुई थी फाइटर जेट कीइमरजेंसी लैंडिंग
ब्रिटिश नौसेना का इस F-35B लड़ाकू विमान को 14 जून को अरब सागर में एक सैन्य अभ्यास के दौरान ईंधन की कमी के कारण तिरुवनंतपुरम में आपात परिस्थितियों में भारत से अनुमति लेकर उतरना पड़ा था। विमान में ईंधन खत्म होने वाला था, इसलिए पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग करने का फैसला किया। बाद में इसके हाइड्रोलिक सिस्टम में ऐसी खराबी आई कि इंजीनियरों और तकनीशियनों की कई टीम खाली इसे ठीक करने में नाकाम रही।
अब मरम्मत के उपकरण ले जाएगा C-17 ग्लोबमास्टर
इस बीच ब्रिटिश सेना का एक C-17 ग्लोबमास्टर विमान भी बुधवार को तिरुवनंतपुरम आने वाला है। रिपोर्ट में कहा गया है यह विमान मरम्मत के काम में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को वापस ले जाएगा। पहले यह भी अटकलें थीं कि यह कार्गो विमान फाइटर जेट के कल-पुर्जों को खोलकर इसे लेकर जाने वाला है।
F-35B फाइटर जेट को दुनिया की सबसे बड़ी डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन बनाती है। यह कंपनी अमेरिकी सरकार को सबसे ज्यादा हथियार सप्लाई करती है। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि F-35 फाइटर प्लेन के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को अपग्रेड करने में कुछ तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, जिसकी वजह से यह अमेरिकी सरकार को भी समय पर डिलिवरी नहीं कर पा रही है।
हाइड्रोलिक सिस्टम की खराबी ठीक-रिपोर्ट
मातृभूमि डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटिश रॉयल नेवी के स्टील्थ फाइटर जेट F-35B में आई तकनीकी दिक्कतों को ठीक कर लिया गया है। शुरुआत में पता चला कि विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम और ऑक्सिलरी पावर यूनिट में बड़ी खराबी थी। हाइड्रोलिक सिस्टम विमान के ब्रेक और लैंडिंग गियर जैसे महत्वपूर्ण हिस्सों को कंट्रोल करता है। ऑक्सिलरी पावर यूनिट एक छोटा इंजन होता है, जो विमान को स्टार्ट करने और अन्य सिस्टम को चलाने के लिए बिजली देता है। दोनों को ठीक कर दिया गया है।
फाइटर जेट के सारे टेस्ट सफल होने की रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक मरम्मत के बाद जेट को एयर पोर्ट के हैंगर से बाहर निकाला गया। फिर इंजन की परफॉर्मेंस को अच्छी तरह से टेस्ट किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि विमान उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से फिट है। इससे पहले हैंगर में सैंडब्लास्ट फैसिलिटी का इस्तेमाल करके इंजन की क्षमता का आकलन किया गया। इससे मुश्किल हालात में भी इंजन की परफॉर्मेंस कैसी रहेगी, इसका पता लगाया जाता। सारे टेस्ट सफल रहे, इसके बाद अब विमान को अपने गंतव्य की ओर भेजने की तैयारी चल रही है।
14 जून को हुई थी फाइटर जेट कीइमरजेंसी लैंडिंग
ब्रिटिश नौसेना का इस F-35B लड़ाकू विमान को 14 जून को अरब सागर में एक सैन्य अभ्यास के दौरान ईंधन की कमी के कारण तिरुवनंतपुरम में आपात परिस्थितियों में भारत से अनुमति लेकर उतरना पड़ा था। विमान में ईंधन खत्म होने वाला था, इसलिए पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग करने का फैसला किया। बाद में इसके हाइड्रोलिक सिस्टम में ऐसी खराबी आई कि इंजीनियरों और तकनीशियनों की कई टीम खाली इसे ठीक करने में नाकाम रही।
अब मरम्मत के उपकरण ले जाएगा C-17 ग्लोबमास्टर
इस बीच ब्रिटिश सेना का एक C-17 ग्लोबमास्टर विमान भी बुधवार को तिरुवनंतपुरम आने वाला है। रिपोर्ट में कहा गया है यह विमान मरम्मत के काम में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को वापस ले जाएगा। पहले यह भी अटकलें थीं कि यह कार्गो विमान फाइटर जेट के कल-पुर्जों को खोलकर इसे लेकर जाने वाला है।
F-35B फाइटर जेट को दुनिया की सबसे बड़ी डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन बनाती है। यह कंपनी अमेरिकी सरकार को सबसे ज्यादा हथियार सप्लाई करती है। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि F-35 फाइटर प्लेन के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को अपग्रेड करने में कुछ तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, जिसकी वजह से यह अमेरिकी सरकार को भी समय पर डिलिवरी नहीं कर पा रही है।
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