सलमान खान पिछले कई सालों से काले हिरण शिकार मामले के लेकर चल रहे केस में उलझे पड़े हैं। अब ताजा खबर ये है कि इस मामले में कोर्ट सलमान की 5 साल की जेल की सज़ा के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई करेगी। एक ट्रायल कोर्ट ने 5 अप्रैल, 2018 को सलमान खान को दोषी ठहराया था और उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई थी, जबकि उनके अन्य साथी कलाकारों को जो इस मामले में सह-आरोपी भी रहे हैं और स्थानीय निवासी दुष्यंत सिंह को बरी कर दिया था।
जस्टिस मनोज कुमार गर्ग इस सुनवाई की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें राजस्थान सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाई होनी है जिसमें खान के को-स्टार्स और इस केस में सह-आरोपी रहे सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने की अनुमति मांगी गई है। बता दें कि ये दोनों मामले बरसों से पेंडिंग हैं और अब इनकी सुनवाई एकसाथ होगी।
अभियोजन पक्ष के वकील महिपाल बिश्नोई ने बताया, 'सलमान खान के वकीलों ने पहले डिस्ट्रिक्ट और सेशन कोर्ट से उनकी सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में ट्रांसफर पेटिशन दायर की थी, ताकि उनके खिलाफ दायर अपील को राज्य सरकार द्वारा दायर अपील के साथ जोड़ा जा सके।'
जिन्हे जानकारी नहीं उनके लिए यहां बताना चाहेंगे कि ये मामला सितंबर 1998 में 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान का है, जब सलमान खान पर जोधपुर के पास मथानिया के बावड़ नामक इलाके में चिंकारा हिरण का शिकार करने का आरोप लगाया गया था जो भारत में कानूनी रूप से प्रतिबंधित है।
बता दें कि ये शिकायत बिश्नोई समुदाय के सदस्यों ने दर्ज कराई थी, जो काले हिरणों को पवित्र मानते हैं और उन्हें भगवान की तरह मानते हैं। बिश्नोई समुदाय के लिए यह 550 साल पुराना रिश्ता है। बिश्नोई लोककथाओं में ऐसा माना जाता है कि जांबाजी (बिश्नोई समुदाय की स्थापना करने वाले गुरु जम्भेश्वर, जिन्हें जंबाजी के नाम से भी जाना जाता है) ने अपने अनुयायियों को काले हिरण को अपना अवतार मानकर उसका आदर करने का निर्देश दिया था।
उसी साल गिरफ्तारी के बाद, खान को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। जुलाई 2016 में, राजस्थान हाई कोर्ट ने उन्हें ये कहते हुए बरी कर दिया कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। हालांकि, बाद में राज्य ने इस बरी किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
इस पूरे मामले पर दो साल पहले साल 2023 में सलमान खान ने पहली बार इंडिया टीवी के 'आप की अदालत' में पब्लिकली बात की थी। देश के कानूनी प्रक्रिया में अपना विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि ये क्या है, मुझे सचमुच नहीं पता। हमारी न्यायपालिका बहुत सक्षम है, वो फैसला करेगी। हमारे जज फैसला करेंगे। जो भी फैसला होगा, हम उसे स्वीकार करेंगे।'
यहां ये भी बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई कई वर्षों से इस काले हिरण मामले के कारण सलमान खान को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उनके घर पर अटैक भी किया गया था।
जस्टिस मनोज कुमार गर्ग इस सुनवाई की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें राजस्थान सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाई होनी है जिसमें खान के को-स्टार्स और इस केस में सह-आरोपी रहे सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने की अनुमति मांगी गई है। बता दें कि ये दोनों मामले बरसों से पेंडिंग हैं और अब इनकी सुनवाई एकसाथ होगी।
अभियोजन पक्ष के वकील महिपाल बिश्नोई ने बताया, 'सलमान खान के वकीलों ने पहले डिस्ट्रिक्ट और सेशन कोर्ट से उनकी सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में ट्रांसफर पेटिशन दायर की थी, ताकि उनके खिलाफ दायर अपील को राज्य सरकार द्वारा दायर अपील के साथ जोड़ा जा सके।'
जिन्हे जानकारी नहीं उनके लिए यहां बताना चाहेंगे कि ये मामला सितंबर 1998 में 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान का है, जब सलमान खान पर जोधपुर के पास मथानिया के बावड़ नामक इलाके में चिंकारा हिरण का शिकार करने का आरोप लगाया गया था जो भारत में कानूनी रूप से प्रतिबंधित है।
बता दें कि ये शिकायत बिश्नोई समुदाय के सदस्यों ने दर्ज कराई थी, जो काले हिरणों को पवित्र मानते हैं और उन्हें भगवान की तरह मानते हैं। बिश्नोई समुदाय के लिए यह 550 साल पुराना रिश्ता है। बिश्नोई लोककथाओं में ऐसा माना जाता है कि जांबाजी (बिश्नोई समुदाय की स्थापना करने वाले गुरु जम्भेश्वर, जिन्हें जंबाजी के नाम से भी जाना जाता है) ने अपने अनुयायियों को काले हिरण को अपना अवतार मानकर उसका आदर करने का निर्देश दिया था।
उसी साल गिरफ्तारी के बाद, खान को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। जुलाई 2016 में, राजस्थान हाई कोर्ट ने उन्हें ये कहते हुए बरी कर दिया कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। हालांकि, बाद में राज्य ने इस बरी किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
इस पूरे मामले पर दो साल पहले साल 2023 में सलमान खान ने पहली बार इंडिया टीवी के 'आप की अदालत' में पब्लिकली बात की थी। देश के कानूनी प्रक्रिया में अपना विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि ये क्या है, मुझे सचमुच नहीं पता। हमारी न्यायपालिका बहुत सक्षम है, वो फैसला करेगी। हमारे जज फैसला करेंगे। जो भी फैसला होगा, हम उसे स्वीकार करेंगे।'
यहां ये भी बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई कई वर्षों से इस काले हिरण मामले के कारण सलमान खान को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उनके घर पर अटैक भी किया गया था।
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