वाराणसी: उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी प्रमुख डॉ. संजय निषाद के रुख बदले-बदले हैं। यूपी विधानसभा चुनाव 2027 से पहले वे दबाव की राजनीति करते दिख रहे हैं। वाराणसी में उनके बयान को इसी रूप में देखा जा रहा है। दरअसल, कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने वाराणसी में कई मुद्दों पर गंभीरता से बात की है। उन्होंने इटावा कथावाचक कांड को पहले भी गलत करार दिया था। अब वे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर दिए गए बयान का समर्थन करते दिख रहे हैं। साथ ही, भाजपा पर हमलावर रुख दिखाते हुए उन्होंने कहा है कि निषाद समाज को अगर आरक्षण नहीं मिलता है तो 2027 में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अखिलेश का किया समर्थनअखिलेश यादव ने पिछले दिनों इटावा कथावाचक कांड को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कथा की फीस काफी ज्यादा होने और सामान्य लोगों के बस से बाहर होने की बात कही। अब डॉ. संजय निषाद इसका समर्थन करते दिखे हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप सभी वर्गों को हिंदू समाज का अंग मानते हैं तो फिर हर किसी को अपने हिसाब से धर्म का प्रचार-प्रसार करने का अधिकार होना ही चाहिए।
डॉ. संजय निषाद ने कहा कि कुछ कथावाचक बहुत महंगे हैं। उनको अफोर्ड कर हर किसी के बस में नहीं है। धर्म तो फ्री में होना चाहिए। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हिन्दू धर्म में बोलने, कथा कहने का सबको अधिकार है। यह अधिकार किसी से छीना नहीं जाना चाहिए।
भाजपा पर दिखाया गर्म तेवरसंजय निषाद ने भाजपा पर गर्म तेवर दिखाते हुए कहा कि अगर निषाद समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा पूरा नहीं किया गया, तो 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है। मीडिया से बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि जब निषाद बटन नहीं दबाता है तो कांग्रेस, सपा और बसपा डूब जाती हैं। भाजपा ने हमें अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक केवल गुमराह किया गया है।
डॉ. निषाद ने दावा किया कि केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, नोनिया, मांझी और गोंड जातियों की आबादी उत्तर प्रदेश में लगभग 18 फीसदी है। ये लगभग 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव परिणाम प्रभावित कर सकते हैं।
बेटे की हार पर भी आक्रोशकैबिनेट मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा के अंदर ही कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसने उनके बेटे को लोकसभा चुनाव हरवाया। उसने पार्टी नेताओं को तोड़ा। उन्होंने चंदौली के सांसद विनोद बिंद के भाजपा में शामिल होने का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं दी गई।
अखिलेश पर बोला हमलाजेपीएनआईसी संचालन विवाद पर अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए संजय निषाद ने कहा कि उनके समय सरकारी विभाग बेचे जाते थे, जबकि आज खरीदे जाते हैं। योगी सरकार के पास सरप्लस रेवेन्यू है। इसलिए जेपीएनआईसी जैसी परियोजनाओं का संचालन अब एलडीए जैसे संस्थान कर रहे हैं।
अखिलेश का किया समर्थनअखिलेश यादव ने पिछले दिनों इटावा कथावाचक कांड को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कथा की फीस काफी ज्यादा होने और सामान्य लोगों के बस से बाहर होने की बात कही। अब डॉ. संजय निषाद इसका समर्थन करते दिखे हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप सभी वर्गों को हिंदू समाज का अंग मानते हैं तो फिर हर किसी को अपने हिसाब से धर्म का प्रचार-प्रसार करने का अधिकार होना ही चाहिए।
डॉ. संजय निषाद ने कहा कि कुछ कथावाचक बहुत महंगे हैं। उनको अफोर्ड कर हर किसी के बस में नहीं है। धर्म तो फ्री में होना चाहिए। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हिन्दू धर्म में बोलने, कथा कहने का सबको अधिकार है। यह अधिकार किसी से छीना नहीं जाना चाहिए।
भाजपा पर दिखाया गर्म तेवरसंजय निषाद ने भाजपा पर गर्म तेवर दिखाते हुए कहा कि अगर निषाद समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा पूरा नहीं किया गया, तो 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है। मीडिया से बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि जब निषाद बटन नहीं दबाता है तो कांग्रेस, सपा और बसपा डूब जाती हैं। भाजपा ने हमें अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक केवल गुमराह किया गया है।
डॉ. निषाद ने दावा किया कि केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, नोनिया, मांझी और गोंड जातियों की आबादी उत्तर प्रदेश में लगभग 18 फीसदी है। ये लगभग 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव परिणाम प्रभावित कर सकते हैं।
बेटे की हार पर भी आक्रोशकैबिनेट मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा के अंदर ही कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसने उनके बेटे को लोकसभा चुनाव हरवाया। उसने पार्टी नेताओं को तोड़ा। उन्होंने चंदौली के सांसद विनोद बिंद के भाजपा में शामिल होने का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं दी गई।
अखिलेश पर बोला हमलाजेपीएनआईसी संचालन विवाद पर अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए संजय निषाद ने कहा कि उनके समय सरकारी विभाग बेचे जाते थे, जबकि आज खरीदे जाते हैं। योगी सरकार के पास सरप्लस रेवेन्यू है। इसलिए जेपीएनआईसी जैसी परियोजनाओं का संचालन अब एलडीए जैसे संस्थान कर रहे हैं।
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