कार खरीदने से पहले हर लोगों के मन में एक बड़ा सवाल होता है कि पेट्रोल (Petrol Car) कार खरीदें या डीजल (Diesel Car) कार? इस सवाल का सीधा संबंध माइलेज और पावर से होता है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से लोग ज्यादा माइलेज वाली कार चाहते हैं। अगर आप भी नई कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं और कन्फ्यूज हैं कि डीजल कार खरीदें या पेट्रोल कार, तो यह आर्टिकल आपके लिए काम का साबित हो सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कौन सी कार ज्यादा माइलेज देती है और क्यों देती है।
कौन सी कार देती है ज्यादा माइलेज ?डीजल इंजन वाली गाड़ियां पेट्रोल इंजन वाली गाड़ियों की तुलना में ज्यादा माइलेज और पावर देती हैं। डीजल गाड़ियां फ्यूल का अधिकतम इस्तेमाल कर पाती हैं इसलिए ज्यादा माइलेज देती हैं। वहीं, पेट्रोल गाड़ियों का माइलेज कम होता है। दोनों इंजनों के माइलेज में अंतर को आप एक उदाहरण से भी समझ सकते हैं। डीजल इंजन वाली नेक्सान 23.23 kmpl का माइलेज देती है तो वहीं, पेट्रोल इंजन वाली नेक्सॉन 1 लीटर पेट्रोल में 17 किलोमीटर तक ही चलती है।
डीजल कार का माइलेज ज्यादा क्यों होता है?एक डीजल कार पेट्रोल इंजन वाली कार से ज्यादा माइलेज देती है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं। जैसे -
टॉर्क और पावर आउटपुट - डीजल इंजन, पेट्रोल इंजन की तुलना में कम RPM (इंजन के घूमने की गति) पर ज्यादा टॉर्क (खींचने की शक्ति) जेनरेट करते हैं। इसका मतलब है कि समान गति पर चलने के लिए डीजल इंजन को कम मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ईंधन की खपत कम होती है।
फ्यूल की एनर्जी डेंसिटी - डीजल ईंधन में पेट्रोल की तुलना में प्रति लीटर ज्यादा एनर्जी डेंसिटी (ऊर्जा घनत्व) होती है। यानी कि डीजल में पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा एनर्जी होती है, जो कार को आगे धकेलती है। इसकी वजह से डीजल कार को दूरी तय करने के लिए कम ईंधन की जरूरत होती है।
किसकी कीमत ज्यादा?अब बात करते हैं कीमत की, क्योंकि यह भी कार खरीदने वाले के लिए सबसे जरूरी होती है। डीजल इंजन वाली गाड़ियां माइलेज तो ज्यादा देती हैं लेकिन इनकी कीमत भी ज्यादा होती है। साथ ही इनको ज्यादा मेंटेनेंस की भी जरूरत होती है। वहीं, पेट्रोल इंजन वाली कारें सस्ती होती है और इन्हें ज्यादा देखभाल की भी जरूरत नहीं होती। इसको भी आप उदाहरण से समझ सकते हैं। नेक्सॉन के डीजल इंजन वाले वेरिएंट की एक्स-शोरूम कीमत 9 लाख रुपये है। वहीं, पेट्रोल इंजन वाले वेरिएंट का एक्स-शोरूम प्राइस 7.31 लाख रुपये है।
कौन सी कार देती है ज्यादा माइलेज ?डीजल इंजन वाली गाड़ियां पेट्रोल इंजन वाली गाड़ियों की तुलना में ज्यादा माइलेज और पावर देती हैं। डीजल गाड़ियां फ्यूल का अधिकतम इस्तेमाल कर पाती हैं इसलिए ज्यादा माइलेज देती हैं। वहीं, पेट्रोल गाड़ियों का माइलेज कम होता है। दोनों इंजनों के माइलेज में अंतर को आप एक उदाहरण से भी समझ सकते हैं। डीजल इंजन वाली नेक्सान 23.23 kmpl का माइलेज देती है तो वहीं, पेट्रोल इंजन वाली नेक्सॉन 1 लीटर पेट्रोल में 17 किलोमीटर तक ही चलती है।
डीजल कार का माइलेज ज्यादा क्यों होता है?एक डीजल कार पेट्रोल इंजन वाली कार से ज्यादा माइलेज देती है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं। जैसे -
टॉर्क और पावर आउटपुट - डीजल इंजन, पेट्रोल इंजन की तुलना में कम RPM (इंजन के घूमने की गति) पर ज्यादा टॉर्क (खींचने की शक्ति) जेनरेट करते हैं। इसका मतलब है कि समान गति पर चलने के लिए डीजल इंजन को कम मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ईंधन की खपत कम होती है।
फ्यूल की एनर्जी डेंसिटी - डीजल ईंधन में पेट्रोल की तुलना में प्रति लीटर ज्यादा एनर्जी डेंसिटी (ऊर्जा घनत्व) होती है। यानी कि डीजल में पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा एनर्जी होती है, जो कार को आगे धकेलती है। इसकी वजह से डीजल कार को दूरी तय करने के लिए कम ईंधन की जरूरत होती है।
किसकी कीमत ज्यादा?अब बात करते हैं कीमत की, क्योंकि यह भी कार खरीदने वाले के लिए सबसे जरूरी होती है। डीजल इंजन वाली गाड़ियां माइलेज तो ज्यादा देती हैं लेकिन इनकी कीमत भी ज्यादा होती है। साथ ही इनको ज्यादा मेंटेनेंस की भी जरूरत होती है। वहीं, पेट्रोल इंजन वाली कारें सस्ती होती है और इन्हें ज्यादा देखभाल की भी जरूरत नहीं होती। इसको भी आप उदाहरण से समझ सकते हैं। नेक्सॉन के डीजल इंजन वाले वेरिएंट की एक्स-शोरूम कीमत 9 लाख रुपये है। वहीं, पेट्रोल इंजन वाले वेरिएंट का एक्स-शोरूम प्राइस 7.31 लाख रुपये है।
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