आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में सिरदर्द हो, कमर में खिंचाव हो या पीरियड्स का दर्द—लोग तुरंत पेनकिलर (Painkiller) की गोली ले लेते हैं। दर्द से तत्काल राहत मिलती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार पेनकिलर खाना आपकी किडनी को धीरे-धीरे खराब कर सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक पेनकिलर का अत्यधिक सेवन किडनी फंक्शन को प्रभावित करता है और क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) का कारण बन सकता है। यह समस्या इतनी गंभीर हो सकती है कि स्थिति डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट तक जा सकती है।
कैसे पेनकिलर प्रभावित करते हैं किडनी को?
1. ब्लड फ्लो पर असर डालते हैं
अधिकतर पेनकिलर—जैसे NSAIDs (Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drugs)—किडनी में रक्त प्रवाह को कम कर देते हैं। इससे किडनी की रक्त को छानने की क्षमता घट जाती है और धीरे-धीरे अंग डैमेज होने लगता है।
2. फिल्ट्रेशन सिस्टम को नुकसान
किडनी शरीर से टॉक्सिन और अतिरिक्त पानी को छानकर बाहर निकालती है। बार-बार पेनकिलर लेने से ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (GFR) घटता है, जिससे टॉक्सिन्स शरीर में जमा होने लगते हैं।
3. इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस का खतरा
लंबे समय तक पेनकिलर का सेवन इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस नामक किडनी की सूजन संबंधी बीमारी को जन्म दे सकता है। यह बीमारी शुरुआत में बिना लक्षणों के होती है, लेकिन धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुंचाती है।
कौन-से पेनकिलर्स सबसे ज्यादा खतरनाक?
विशेषज्ञ बताते हैं कि आईबुप्रोफेन (Ibuprofen), डाइक्लोफेनाक (Diclofenac) और नेप्रोक्सन (Naproxen) जैसी NSAIDs दवाएं लंबे समय तक लेने पर किडनी के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक होती हैं।
यह दवाएं यदि बिना डॉक्टर की सलाह के नियमित रूप से ली जाएं, तो यह धीरे-धीरे एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) और फिर क्रॉनिक फेल्योर में बदल सकती हैं।
किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा?
हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज़ के मरीज
पहले से किडनी संबंधी बीमारी वाले लोग
बुजुर्गों में जिनकी किडनी फंक्शन पहले से धीमी हो
जो लोग पेनकिलर को महीने में 10 दिन से ज्यादा लेते हैं
कैसे पहचानें कि किडनी पर असर हो रहा है?
पेनकिलर की आदत से किडनी पर असर हो रहा है या नहीं, इसके कुछ शुरुआती संकेत हो सकते हैं:
बार-बार थकान महसूस होना
पेशाब में झाग या रंग का बदलना
पैरों में सूजन
ब्लड प्रेशर का लगातार बढ़ना
मुँह का स्वाद बदलना या भूख न लगना
यदि ऐसे लक्षण लगातार दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और क्रिएटिनिन, यूरिया, और GFR की जांच करवानी चाहिए।
विशेषज्ञों की सलाह
नेफ्रोलॉजिस्ट कहते हैं:
“दर्द को दबाना इलाज नहीं है। पेनकिलर सिर्फ लक्षणों को दबाते हैं, कारण को नहीं। अगर कोई दर्द लगातार हो रहा है तो उसके पीछे की वजह की जांच कराना ज़रूरी है। लंबे समय तक पेनकिलर का सेवन किडनी को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त कर सकता है।”
क्या करें?
पेनकिलर लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें
दर्द के वैकल्पिक इलाज आज़माएं जैसे गर्म सिंकाई, हल्की स्ट्रेचिंग, या आयुर्वेदिक उपाय
यदि पेनकिलर लेना अनिवार्य हो, तो पानी की मात्रा बढ़ाएं
समय-समय पर किडनी फंक्शन टेस्ट कराते रहें
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