मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा के परासिया का दौरा किया और मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात के बाद कहा कि यह स्थिति राज्य सरकार की प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस घटना के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है क्योंकि उसने तमिलनाडु में बनी इस दवा को मध्यप्रदेश में बिना जांच के उपयोग की इजाजत दे दी। उन्होंने इस मामले में दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि इस मामले के पीड़ितों को कम से कम 50 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए।
आज छिंदवाड़ा ज़िले के परासिया पहुंचकर कफ सीरप पीने से मारे गए बच्चों के परिजनों से मुलाक़ात की और मृत बच्चों को श्रद्धांजलि दी।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 12, 2025
पीड़ित परिजनों का दुख सुनकर आंखें भर आईं। यह सिर्फ़ ज़हरीला कफ सीरप पीने से हुई मृत्यु का मामला नहीं है बल्कि प्रशासनिक लापरवाही से की गई हत्याएं हैं। pic.twitter.com/o4dOCUngQ7
कमलनाथ ने बाद में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "आज छिंदवाड़ा जिले के परासिया पहुंचकर कफ सिरप पीने से मारे गए बच्चों के परिजनों से मुलाकात की और मृत बच्चों को श्रद्धांजलि दी। पीड़ित परिजनों का दुख सुनकर आंखें भर आईं। यह सिर्फ जहरीला कफ सिरप पीने से हुई मृत्यु का मामला नहीं है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही से की गई हत्याएं हैं।"
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जहरीला कफ सिरप पीने से इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मृत्यु के मामले में राज्य सरकार का रवैया ‘असंवेदनशील’ रहा है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैंने सरकार से मांग की थी कि सभी मृत बच्चों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। मैं इस मांग पर अब भी कायम हूं।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले का सबसे दुखद पहलू यह है कि इस प्रकरण में अब तक सरकार में किसी भी पदासीन व्यक्ति ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा नहीं दिया है।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के कांचीपुरम में निर्मित ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप के सेवन से कथित तौर पर गुर्दे (किडनी) संबंधी समस्या के कारण अब तक मध्यप्रदेश के कम से कम 22 बच्चों, जिनमें से अधिकतर छिंदवाड़ा के हैं, की मौत हो चुकी है।
कुछ अन्य बच्चों का वर्तमान में महाराष्ट्र के नागपुर के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। ‘कोल्ड्रिफ’ बनाने वाली कंपनी श्री सन फार्मा के मालिक जी रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
छिंदवाड़ा के कई बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए लगभग 150 किलोमीटर दूर नागपुर के अस्पतालों में ले जाया गया, जहां कथित तौर पर गुर्दे की विफलता के कारण उनकी मृत्यु हो गई। राज्य का स्वास्थ्य मंत्रालय वर्तमान में मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के पास है।
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