राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने साफ संदेश दिया है कि राज्य प्रशासन में लापरवाही और भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 1 सितंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पारदर्शी और जवाबदेह शासन व्यवस्था उनकी प्राथमिकता है, इसलिए सभी कर्मचारी जनहित के कार्यों को सर्वोच्च स्थान दें।
जनसेवा ही सर्वोपरि
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान ईमानदारी और समर्पण के साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि जो कर्मचारी लापरवाही बरतेंगे या भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वहीं, ईमानदारी से कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले कर्मचारियों को सम्मान और प्रोत्साहन मिलेगा। इस दिशा में जिलाधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे उन कर्मचारियों की सूची बनाकर सरकार को भेजें, जिन पर अनुशासनहीनता, लापरवाही या भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा
बैठक के दौरान भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित इलाकों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि पीड़ितों तक तत्काल सहायता पहुंचनी चाहिए और जान-माल की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। शर्मा ने अधिकारियों को चेताया कि आपदा प्रबंधन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संवेदनशीलता के साथ काम करना होगा।
पड़ोसी राज्यों के लिए मदद का भरोसा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 1 सितंबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी फोन पर बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि राजस्थान सरकार इस कठिन समय में पड़ोसी राज्यों की हरसंभव मदद के लिए तैयार है। शर्मा ने कहा कि आपदा के समय सहयोग और एकजुटता बेहद ज़रूरी है, और राजस्थान सरकार इसे संवेदनशीलता और तत्परता के साथ निभाएगी।
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