राजस्थान के चूरू में बुधवार को हुए एक दर्दनाक हादसे में वायुसेना के फाइटर जेट क्रैश हो गया, जिसमें दो जांबाज पायलटों ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। स्क्वॉड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु (44) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज सिंह देवड़ा (23) की शहादत की खबर जब उनके घर पहुंची, तो परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। खासकर पाली के रहने वाले ऋषिराज के परिवार की आंखें बेटे के सपनों और यादों से नम हैं। दुखद पहलू यह है कि उनके माता-पिता उनकी शादी के लिए लड़की देख रहे थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
ट्रेनिंग के बाद फाइटर पायलट बने थे ऋषिराज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऋषिराज सिंह देवड़ा का बचपन से ही देश सेवा का सपना था। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई जोधपुर में पूरी की, जिसके बाद पुणे की प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से साढ़े 3 साल की कठोर ट्रेनिंग ली। फिर भारतीय वायुसेना में भर्ती होकर फाइटर पायलट बनने का गौरव प्राप्त किया। उनके पिता जसवंत सिंह होटल व्यवसायी हैं, मां भंवर कंवर एक सरल गृहिणी हैं। छोटा भाई युवराज सिंह फिलहाल जोधपुर में 12वीं की पढ़ाई कर रहा है। परिवार को बेटे पर नाज था, लेकिन शहादत की खबर ने सब कुछ तोड़ दिया।
आज गांव में होगा अंतिम संस्कार
ऋषिराज सिंह की पार्थिव देह गुरुवार सुबह जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचाई जाएगी, जहां से उन्हें पैतृक गांव खिवांदी (सुमेरपुर, पाली) लाया जाएगा। गांव में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। आसपास के लोग, रिश्तेदार और जान-पहचान वाले पहले से ही ऋषिराज के घर पहुंच चुके हैं और हर कोई ग़मगीन माहौल में परिवार को ढांढस बंधा रहा है। एक होनहार बेटे की शहादत ने पूरे गांव की रूह को झकझोर दिया है।
लोकेंद्र सिंह भी थे बहादुरी की मिसाल
दूसरे शहीद पायलट स्क्वॉड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु हरियाणा के रोहतक जिले के रहने वाले थे। वे महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट जोगेंद्र सिंधु के बेटे थे। उनकी पत्नी सुरभि सिंधु डॉक्टर हैं। लोकेंद्र के शहीद होने की खबर सबसे पहले सुरभि को उनके भाई ने दी, जो खुद एयरफोर्स में तैनात हैं। खबर सुनकर पूरा परिवार स्तब्ध रह गया।
ट्रेनिंग के दौरान हादसा, बेकाबू होकर गिरा जेट
यह हादसा चूरू के तरनगढ़ तहसील स्थित भानूदा चारण गांव के पास दोपहर करीब 12:40 बजे हुआ। जगुआर ट्रेनर फाइटर जेट अचानक बेकाबू होकर ज़मीन पर गिर पड़ा। गनीमत रही कि हादसा रिहायशी इलाके से दूर हुआ, वरना नुकसान और बढ़ सकता था। प्लेन के गिरते ही ज़ोरदार धमाका हुआ और उसमें आग लग गई। करीब 200 मीटर तक जेट घिसटता चला गया और उसके टुकड़े 500 मीटर के दायरे में बिखर गए।
वायुसेना ने शुरू की जांच
बताया जा रहा है कि यह जेट सूरतगढ़ से रूटीन अभ्यास के लिए उड़ा था और 160 किमी की उड़ान के बाद क्रैश हो गया। चश्मदीदों का कहना है कि प्लेन बहुत नीचे उड़ रहा था और अचानक असंतुलित हो गया। कुछ ने हवा में ही आग लगने की बात भी कही। इसके बाद प्लेन बबूल के पेड़ से टकराया और सड़क पर रगड़ते हुए निकल गया, जिससे सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई। वायुसेना ने हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित कर दी है।
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