उत्तर प्रदेश में मंगलवार शाम से शुरू हुई तेज़ आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने प्रदेश के कई जिलों में व्यापक तबाही मचाई है। पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से सड़कों पर यातायात बाधित हो गया और बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। अब तक इस आपदा में 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। ग़ाज़ियाबाद और लखीमपुर में सबसे अधिक 3-3 मौतें हुई हैं, जबकि मेरठ और सहारनपुर में 2-2, और बुलंदशहर, फिरोजाबाद, अलीगढ़ व कुशीनगर में 1-1 मौत हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार सुबह मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र से हालात की समीक्षा की और निर्देश दिए कि बिजली आपूर्ति को तत्काल बहाल किया जाए। साथ ही गिरे हुए पेड़ों और पोलों की वजह से बंद हुई सड़कों को युद्धस्तर पर खोला जाए।
सीएम ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि राहत कार्यों में कोई कोताही न हो और जिन परिवारों ने अपने परिजन खोए हैं, उन्हें तुरंत आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद करेगी। ग़ाज़ियाबाद से लेकर वाराणसी तक कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि की वजह से पेड़ गिरने और वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं सामने आई हैं। बिजली के खंभे और तार टूटने के कारण कई इलाकों में रातभर अंधेरा छाया रहा।
आपदा प्रबंधन विभाग, बिजली विभाग और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में सक्रिय हैं। राज्य सरकार ने सभी जिलों में अलर्ट जारी करते हुए अगले दो दिनों तक मौसम पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं ताकि समय पर आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
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