पिछले दस दिनों में सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इस अवधि में सोना करीब 2 प्रतिशत यानी 2160 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि भू-राजनीतिक परिस्थितियों में सुधार और घरेलू बाजार की मजबूती ने इस नरमी में अहम भूमिका निभाई है। भारत में अगस्त से अक्टूबर तक का समय सोने की मांग के लिहाज से सबसे अहम होता है क्योंकि गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और दिवाली जैसे प्रमुख त्योहार इसी दौरान आते हैं। हाल ही में सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा था, जिसके बाद उपभोक्ता दामों में कमी का इंतज़ार कर रहे थे। अब गिरते रेट ने खरीदारों में उत्साह जगाया है।
आज का बाजार भाव
19 अगस्त 2025 को सोने की दरें इस प्रकार रहीं:
24 कैरेट सोना – ₹1,00,750 प्रति 10 ग्राम
22 कैरेट सोना – ₹92,350 प्रति 10 ग्राम
18 कैरेट सोना – ₹75,560 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट शुद्धतम सोना निवेशकों की पहली पसंद माना जाता है, जबकि आभूषणों की बनावट के लिए 22 और 18 कैरेट सोने का ज़्यादा प्रयोग होता है।
बीते दिन से तुलना
18 अगस्त को 24 कैरेट सोना ₹1,01,180, 22 कैरेट ₹92,750 और 18 कैरेट ₹75,890 प्रति 10 ग्राम पर था। यानी एक ही दिन में कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है।
प्रमुख शहरों में कीमतें
दिल्ली – 24 कैरेट ₹1,00,090 | 22 कैरेट ₹92,500 | 18 कैरेट ₹75,690
चेन्नई – 24 कैरेट ₹1,00,750 | 22 कैरेट ₹92,350 | 18 कैरेट ₹76,350
मुंबई – 24 कैरेट ₹1,00,750 | 22 कैरेट ₹92,350 | 18 कैरेट ₹75,560
कोलकाता – 24 कैरेट ₹1,00,750 | 22 कैरेट ₹92,350 | 18 कैरेट ₹75,560
सोने की कीमत तय करने वाले कारक
सोने और चांदी की दरें हर रोज़ बदलती रहती हैं और इसके पीछे कई वैश्विक और स्थानीय कारण ज़िम्मेदार होते हैं।
डॉलर और रुपया
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत डॉलर पर आधारित होती है। जब डॉलर मज़बूत होता है या रुपया कमजोर होता है, तो भारत में सोना महंगा हो जाता है। वहीं, डॉलर के कमजोर होने पर सोना सस्ता होता है।
टैक्स और सीमा शुल्क
भारत में सोने का बड़ा हिस्सा आयात पर निर्भर है। इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी, जीएसटी और अन्य कर सीधे इसकी दरों को प्रभावित करते हैं।
वैश्विक घटनाक्रम
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध, आर्थिक मंदी, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव और शेयर बाजार की स्थिति भी सोने की मांग और मूल्य पर असर डालती है। संकट की घड़ी में निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने की ओर रुख करते हैं।
भारतीय परंपराएं
भारत में सोना सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। शादी-ब्याह, त्यौहार और अन्य शुभ अवसर पर सोने की खरीद को शुभ माना जाता है। यही कारण है कि उत्सव के मौसम में इसकी मांग अचानक बढ़ जाती है।
महंगाई और निवेश विकल्प
महंगाई से बचाव का सबसे प्रभावी साधन सोना माना जाता है। जब अन्य निवेश साधनों में जोखिम अधिक हो, तो लोग सोने की तरफ आकर्षित होते हैं, जिससे कीमतें ऊपर चली जाती हैं।
आगे क्या रह सकता है रुझान?
त्योहारी सीजन करीब होने से बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में सोने के दामों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहेगा। निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए यह समय खास महत्व रख सकता है।
You may also like
Asia Cup: एक साल बाद शुभमन गिल की T20 टीम में हुई वापसी, यशस्वी-श्रेयस हुए बहार, अक्षर से छिनी उप-कप्तानी
प्रवीण कंद्रेगुला ने 'पराधा' के लिए दर्शकों से की खास गुजारिश, कहा- शुरू के 10 मिनट देखना बेहद जरूरी
'वोट चोरी' के आरोप के बीच रंजू देवी ने राहुल गांधी के दावे की खोली पोल, जेपी नड्डा ने वीडियो शेयर कर कसा तंज
सोने-चांदी का दाम लगातार चौथे दिन लुढ़का, जानिए क्या हैं नए रेट्स
10 बजे पहली सैलरी, 10:05 पर इस्तीफा, कर्मचारी की इस हरकत से कंपनी को आया चक्कर