बहुत से लोगों की यह सामान्य आदत होती है कि वे कुर्सी, बेड या किसी ऊँची सतह पर बैठकर अनजाने में लगातार पैर हिलाते रहते हैं। यह आदत धीरे-धीरे इतनी सामान्य हो जाती है कि व्यक्ति इसे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा मानने लगता है। अक्सर घर या ऑफिस में लोगों को यूं बैठे-बैठे पैर हिलाते देखा जा सकता है।
हालांकि, बड़े-बुजुर्ग इस आदत पर तुरंत टोकते हैं क्योंकि धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह आदत अशुभ मानी जाती है। यह न केवल नकारात्मकता को आकर्षित करती है, बल्कि मानसिक और आर्थिक परेशानियों का भी कारण बन सकती है। इसके अलावा, इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी छिपे हुए हैं, जिन्हें जानना आवश्यक है।
बैठे-बैठे पैर हिलाना क्यों माना जाता है अशुभ?
1. कुंडली में चंद्रमा को करता है कमजोर:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत कुंडली में चंद्रमा को कमजोर बनाती है। जब चंद्रमा दुर्बल होता है, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, बेचैनी और अस्थिरता का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, यह आदत अनावश्यक खर्चों को भी बढ़ावा देती है, जिससे आर्थिक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। यही कारण है कि घर के बड़े-बुजुर्ग इस आदत को तुरंत सुधारने की सलाह देते हैं।
2. घर में बढ़ती है नकारात्मकता:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति विशेष रूप से शाम के समय बैठे-बैठे पैर हिलाता है, तो यह घर में नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है। इस आदत के कारण अच्छे कार्यों में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं और पारिवारिक कलह व तनाव भी बढ़ सकता है। इसे अशुभ इसलिए माना गया है क्योंकि यह घर के शांति और सौहार्द को प्रभावित करता है।
3. मां लक्ष्मी की कृपा हो सकती है दूर:
मान्यता है कि जो व्यक्ति निरंतर बैठे-बैठे पैर हिलाता है, उसे मां लक्ष्मी की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। चूंकि मां लक्ष्मी को स्थिरता और शांति प्रिय है, अतः ऐसी चंचल आदतें धन, सुख और समृद्धि में बाधा बन सकती हैं। इस आदत से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक तंगी, अशांति और दुर्भाग्य आ सकता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्या कहता है पैर हिलाना?
सिर्फ ज्योतिष ही नहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बैठे-बैठे पैर हिलाना उचित नहीं माना जाता। चिकित्सा विज्ञान में इसे Restless Legs Syndrome (RLS) कहा जाता है, जो एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इस स्थिति में व्यक्ति को आराम करते समय पैरों में अजीब बेचैनी या हिलाने की इच्छा महसूस होती है।
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह आदत शरीर में आयरन की कमी का संकेत हो सकती है। RLS से ग्रसित व्यक्ति को नींद में बाधा, चिड़चिड़ापन और थकावट का अनुभव हो सकता है। लंबे समय तक यह समस्या बनी रहने पर यह हृदय, गुर्दा और पार्किंसन जैसी गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
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