नई दिल्ली, 21 मई . सीताफल, जिसे शरीफा भी बोलते हैं. इसे अंग्रेजी में कस्टर्ड एप्पल या शुगर एप्पल भी कहा जाता है. यह स्वाद में मीठा और तासीर में ठंडा होता है, जिससे यह गर्मी के दिनों के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित होता है. सीताफल जितना फायदेमंद फल है, उतना ही फायदेमंद इसके पेड़ की पत्तियां भी होती हैं. इसके पत्तों में भरपूर विटामिन, मिनरल, कैल्शियम, पोटैशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसके पत्ते हमेशा हरे-भरे रहते हैं जो हमारी सेहत के लिए काफी लाभकारी होते हैं. चलिए आपको सीताफल और इसके पत्तों के औषधीय गुणों और इनके उपयोग के बारे में बताते हैं.
आयुर्वेद के विभिन्न ग्रंथों, जैसे चरक, सुश्रुत संहिता और अष्टांग हृदयम में सीताफल को औषधीय महत्व का श्रेष्ठ फल माना गया है. इसके सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है और ताकत भी बढ़ती है. इसका उपयोग अनेक रोगों के इलाज के लिए किया जाता है. जिन महिलाओं की डिलिवरी हुई है, उनके लिए यह काफी काम की चीज है. वे महिलाएं एक से दो ग्राम सीताफल की जड़ का चूर्ण का सेवन करती हैं, तो काफी समस्याओं जैसे पीरियड्स में ज्यादा फ्लो, बैलेंस और जोड़ों के दर्द आदि से छुटकारा पाया जा सकता है. सीताफल में विटामिन-बी6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसका सेवन करने से दिल की बीमारी का खतरा कम होता है.
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो सीताफल का सेवन जरूर करें. इसमें मौजूद मैग्नीशियम और कैल्शियम की मदद से कुछ हद तक निजात पाया जा सकता है. वहीं यह शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करके हड्डियों को मजबूत बनाता है. एनीमिया के जोखिम से बचने के लिए सीताफल का इस्तेमाल काफी फायदेमंद है. कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही बनाए रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को बैलेंस करके दिल की बीमारी, स्ट्रोक और हार्ट अटैक से बचाए रखने में मदद करता है. इसके अलावा, अस्थमा की समस्या में भी यह फायदेमंद है.
विटामिन-सी से भरपूर सीताफल की पत्तियों का जूस पेट के लिए फायदेमंद होता है. यह त्वचा को मुंहासे, झाइयां, दाग-धब्बे जैसी तकलीफों से छुटकारा दिलाता है. वहीं इसमें पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल गुण मुंहासों को फैलने से रोकते हैं. इसके पेड़ की छाल में टैनिन होता है, जिसका इस्तेमाल दवाइयां बनाने में होता है. इस फल के अंदर से निकलने वाले बीजों को पीसकर इसके पेस्ट को सिर पर लगाया जाता है, जिससे सिर की जुएं मर जाती हैं और बाल काले रहते हैं. इसके पत्ते की चाय पीने से दस्त, कब्ज और अपच की परेशानी भी दूर होती है.
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पीके/केआर
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