अंगुल (ओडिशा), 17 अप्रैल . ओडिशा के अंगुल जिले में लुप्तप्राय घड़ियाल प्रजातियों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. महानदी नदी के सतकोसिया घाटी क्षेत्र में सात घड़ियालों को उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया. इनमें दो नर और पांच मादा घड़ियाल शामिल हैं. यह रिहाई सतकोसिया घाटी के सुनाखानिया इलाके में हुई, जो महानदी वन्यजीव प्रभाग के अंतर्गत आता है.
इस कार्यक्रम में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें पीसीसीएफ (वन्यजीव), नंदनकानन प्राणी उद्यान के निदेशक, आरसीसीएफ अंगुल, सतकोसिया और महानदी वन्यजीव प्रभागों के डीएफओ और अन्य कर्मचारी शामिल थे.
से बातचीत में डीएफओ सरोज कुमार पांडा ने इस मौके पर कहा कि घड़ियालों की आबादी को उनके प्राकृतिक आवास में बढ़ाने के लिए वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है.
सरोज कुमार पांडा ने बताया, “हम महानदी नदी में घड़ियालों की संख्या बढ़ाने के लिए ‘घड़ियाल रिकवरी प्रोजेक्ट’ चला रहे हैं. यह परियोजना खास तौर पर सतकोसिया घाटी में महानदी दक्षिण डिवीजन के तहत चल रही है. नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क के सहयोग से इसे लागू किया जा रहा है.”
उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से घड़ियालों की आबादी को बढ़ाए जाने में मदद मिलेगी.
उनके मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब सतकोसिया में घड़ियालों को छोड़ा गया है. वन विभाग ने पहले भी अपने घड़ियाल संरक्षण कार्यक्रम के तहत इस क्षेत्र में कई बार घड़ियाल रिहा किए हैं. ये प्रयास घड़ियालों की जनसंख्या को बढ़ाने और उनकी प्रजाति को विलुप्त होने से बचाने के लिए किए जा रहे हैं. सतकोसिया घाटी का प्राकृतिक पर्यावरण घड़ियालों के लिए उपयुक्त है, जिसके कारण यह क्षेत्र संरक्षण के लिए चुना गया है.
उनका मानना है कि घड़ियालों का संरक्षण न केवल जैव विविधता को बढ़ाएगा, बल्कि महानदी के पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत करेगा. वन विभाग ने भविष्य में भी इस तरह की परियोजनाओं को जारी रखने का संकल्प लिया है.
–
एसएचके/केआर
The post first appeared on .